Friday 4 May 2018

इस स्नेह और अपने पन से भाव विभोर हैं कलेक्टर गौरव गोयल।
सम्मान देने वालों में होड़। अजमेर में आनासागर के किनारे पाथ वे और ब्रह्मा मंदिर में सुधार को मानते हैं महत्वपूर्ण उपलब्धि।
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भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा अधिकारी गौरव गोयल ने दो वर्ष पहले 29 अप्रैल 2016 को जब अजमेर के जिला कलेक्टर का पद संभाला था, तब उम्मीद नहीं थी कि तबादले के समय आंखों में आसंू आ जाएंगे। अफसर खास कर आईएएस के लिए तबादला एक रुटीन प्रक्रिया है। लेकिन गोयल ने अब अहसास किया कि अजमेर से तबादला रुटीन प्रक्रिया नहीं है। कोटा तबादला होने पर अजमेर के सभी वर्गों के लोग जिस तरह आत्मीयता दिखा रहे हैं उससे कलेक्टर गोयल भाव विभोर है। कलेक्टर के तौर पर पहले भी बाड़मेर, भरतपुर और जोधपुर से तबादला हो चुका है, लेकिन गोयल को अजमेर में अपने पन का जो माहौल मिला, वह कम ही लोगों को मिलता है। राजनीति, प्रशासनिक, सामाजिक, धार्मिक, खेल आदि सभी क्षेत्रों के लोगों में सम्मान देने की होड़ मची हुई है। पहले दो दिन कलेक्टर कक्ष में और अब 4 मई से कलेक्टर आवास पर लोगों का तांता लगा हुआ है। अखिल भारतीय राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कांतिकुमार शर्मा जैसे अनेक लोग हैं जो अभिनंदन पत्र देकर सम्मान कर रहे हैं। वैश्य समाज से जुड़े सुभाष काबरा आदि प्रतिनिधि भी स्वागत करने में पीछे नहीं है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि गत दो वर्षों में गोयल आम आदमी के कलेक्टर हैं। किसी भी संस्था ने निमंत्रण दिया तो गोयल ने इंकार नहीं किया। मीडिया घरानों ने तो मेले-ठेलों के उद्घाटन के लिए भी कलेक्टर को बुला लिया। यानि गोयल ने हर संभव अपने जिले से जुड़ने की कोशिश की। अच्छा व्यवहार नहीं करने के कारण पूर्व कलेक्टर आरुषि मलिक पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगवाने वाले सत्यनारायण गर्ग भी गोयल से खुश हैं। अजमेर में शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिसे गोयल के व्यवहार से नाराजगी रही।
मेरा भी अनुभवः
गोयल के व्यवहार को लेकर मेरा भी व्यक्तिगत अनुभव रहा है। असल में स्वाधीनता और गणतंत्र दिवस पर पत्रकारों को भी सम्मानित करने की परंपरा है। इसके लिए पत्रकारों को लिखित भी आवेदन करना होता है। आम तौर पर बड़े अखबार के पत्रकार भी सम्मानित होते हैं। सम्मानित होने वालों के चयन के लिए कमेटी भी बनाई जाती है, लेकिन वर्ष 2017 में कलेक्टर गोयल ने गणतंत्र और स्वाधीनता दिवस पर उन पत्रकारों को भी सम्मानित किया, जिनके नाम मैंने अजयमेरु प्रेस क्लब के अध्यक्ष की हैसियत से भेजे थे। गोयल का कहना रहा कि प्रेस क्लब के सही और हकदार पत्रकारों के नाम प्रस्तावित कर सकता है। 
दो बड़ी उपलब्धिः
गोयल का मानना है कि अजमेर में यंू तो उन्हें कार्य करने का बहुत अवसर मिला। लेकिन आनासागर के किनारे पाथ-वे निर्माण और पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में सुधार महत्वपूर्ण हैं। ब्रह्मा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रहते हुए आय कई गुना बढ़ गई।  पहले जहां 20 दिनों में चालीस हजार रुपए की आय दिखाई जाती थी, वहां अब बीस दिनों में दस लाख रुपए से भी ज्यादा की आय हो रही है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में ब्रह्मा मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर देश का प्रमुख पर्यटक स्थल होगा। इसी प्रकार अजमेर शहर में आने वाले पर्यटक भी ऐतिहासिक आनासागर झील के चारों ओर भ्रमण कर सकेंगे। टाॅय बैंक, कपड़ा बैंक, सेनेटरी नेपकिन, मोबाइल लाइब्रेरी जैसे नवाचार भी गोयल ने अजमेर में किए। कुल मिला कर गोयल का दो वर्ष का कार्यकाल सफल माना जा सकता है।

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