Tuesday 26 June 2018

मदरसों की जांच पर एतराज क्यों?

मदरसों की जांच पर एतराज क्यों?
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उठाया सवाल।
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आपालकाल की 43वीं बरसी पर 26 जून को जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने सवाल उठाया कि मदरसों की जांच पर एतराज क्यों किया जा रहा है? सरकार उन्हीं मदरसों की जांच कर रही है जिन्हें अनुदान मिलता है। ऐसी जांच सभी शिक्षण संस्थाओं की होती है। सरकार को यह जानने का अधिकार है कि सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसे में कितने विद्यार्थी तामिल हासिल कर रहे हैं। सरकार प्रति विद्यार्थी के हिसाब से ही अनुदान देती है। सभी मदरसा संचालकों का यह दायित्व है कि वे अपने यहां तालिम दे रहे मुस्लिम बच्चों की जानकारी दे। जावेड़कर ने कहा जांच के पीछे सरकार की कोई गलत मंशा नहीं है बल्कि सरकार चाहती है कि मदरसों का मार्डनाईजेशन किया जाए। सरकार ने कुछ मदरसों में कम्प्यूटर भी उपलब्ध करवाए। मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चे धर्म के अनुरूप शिक्षा तो ले साथ ही उन्हें कम्प्यूटर व अन्य तकनीकी शिक्षा का ज्ञान भी होना जरूरी है।
परनामी साथ बैठे:
भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जावेड़कर के साथ प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से अशोक परनामी ही बैठे। हालांकि परनामी गत 16 अप्रैल को ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दखल से आज भी परनामी को ही प्रदेश अध्यक्ष माना जाता है। संवाददाता सम्मेलन में उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी भी उपस्थित थे।
एस.पी.मित्तल) (26-06-18)
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