भाजपा की किसी रणनीति का अनुमान लगाना कठिन है और फिर रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी हो तो जानकारियां जुटाना और भी कठिन हो जाता है, लेकिन भाजपा के नेताओं और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों से थोड़ा अनुमान और जानकारी जुटाई जा सकती है। ऐसी जानकारियों में ही पता चला है कि देश के दक्षिणी राज्यों में भाजपा को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी इस बार लोकसभा का चुनाव तेलंगाना से लड़ सकते हैं। 2019 में तेलंगाना में भाजपा को चार सीटें मिली थी। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले मोदी ने 11 दिनों तक दक्षिण राज्यों के मंदिरों में ही पूजा अर्चना की। इसका दक्षिण राज्यों के मतदाताओं पर असर भी हुआ। 9 फरवरी को मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने की घोषणा की है। नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बनने से पहले संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। कांग्रेस भले ही नरसिम्हा राव का सम्मान न करती हो, लेकिन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आज भी नरसिम्हा राव का सम्मान है। यही वजह है कि नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने की घोषणा से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोग मोदी से खुश हैं। आंध्र प्रदेश को तोड़कर तेलंगाना राज्य बनवाने में के चंद्रशेखर राव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति के माध्यम से अलग राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया। यही वजह रही कि चंद्रशेखर राव तेलंगाना की स्थापना से लेकर दिसंबर 2023 तक मुख्यमंत्री बने रहे, लेकिन हाल ही के विधानसभा चुनाव में राव की पार्टी बी आरएस को हार का सामना करना पड़ा। तेलंगाना में अब कांग्रेस की सरकार है, लेकिन बीआरएस का प्रभाव भी बना हुआ है। अब चूंकि के चंद्रशेखर राव सत्ता से बाहर हो चुके हैं, इसलिए भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन कर सकते हैं। राव की पार्टी का पहले भी भाजपा के साथ गठबंधन रहा है। यदि राव और भाजपा की पार्टी का गठबंधन होता है तो लोकसभा चुनाव में न केवल तेलंगाना बल्कि आंध्र प्रदेश में भी भाजपा की स्थिति मजबूत होगी। जानकार सूत्रों की मानें तो नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद भाजपा का अगला कदम तेलंगाना में बीआरएस के साथ गठबंधन करना होगा। इसके लिए तेलंगाना भाजपा के संगठन महासचिव चंद्रशेखर जाजम बिछा रहे हैं। सूत्रों की माने तो चंद्रशेखर को राजस्थान से तेलंगाना इसलिए भेजा गया ताकि वे तेलंगाना में भाजपा को मजबूत कर सके। पीएम मोदी तेलंगाना से चुनाव लड़ेंगे या नहीं यह संगठन महासचिव चंद्रशेखर की रिपोर्ट पर ही तय होगा। सब जानते हैं कि राजस्थान में संगठन महासचिव रहते हुए चंद्रशेखर ने भाजपा की काया पलट कर दी। वसुंधरा राजे जैसे नेताओं को पीछे धकेलते हुए भजनलाल शर्मा जैसे पहली बार के विधायक को मुख्यमंत्री बनाने में चंद्रशेखर की महत्वपूर्ण भूमिका भी रही। जानकारों की माने तो चंद्रशेखर ने तेलंगाना में उन सीटों की तलाश शुरू कर दी है, जहां से मोदी को चुनाव लड़ाया जा सकता है। बीआरएस से चुनावी गठबंधन की तैयारियां भी शुरू हो गई है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से उत्तर भारत में भाजपा मजबूत स्थिति में खड़ी है। कई राज्यों में भाजपा का एकतरफा जीत की उम्मीद है। ऐसे में दक्षिण राज्यों में भाजपा को मजबूत करने का यह सुनहरा अवसर है। यदि पीएम मोदी दक्षिण से चुनाव लड़ते हैं तो यहां के मतदाताओं पर खासा असर होगा। पीएम मोदी ने इस बार चार सौ पार की जो बात कही है उसके पीछे दक्षिण राज्यों से भी चुनाव जीतना है।
S.P.MITTAL BLOGGER (10-02-2024)
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