Sunday 21 April 2024

मतदान कम होने से सनातन धर्म को नष्ट करने वाली सोच खुश।तो क्या देश में यूसीसी की जरूरत नहीं है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कम मतदान होने से सत्तारूढ़ भाजपा को नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। 2019 में पहले चरण में 91 सीटों पर मतदान हुआ था, तब मतदान का प्रतिशत 69 रहा, लेकिन 19 अप्रैल को हुए पहले चरण में 102 सीटों पर 64 प्रतिशत ही मतदान हुआ। राजनीति के जानकारों का अनुमान है कि कम मतदान सत्तारूढ़ दल के खिलाफ माना जाता है। हकीकत तो चार जून को नतीजे आने पर ही सामने आएगी। लेकिन भाजपा को नुकसान की खबर से सनातन धर्म को नष्ट करने वाले सोच के लोग खुश है। मोदी और भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस की पहल पर जो इंडिया गठबंधन बना है, उसमें तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके भी शामिल है। डीएमके की राजनीतिक सोच है कि भारत में सनातन धर्म को नष्ट कर दिया जाए। सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सनातन धर्म के प्रबल समर्थक हे। मंदिरों में जाकर मंदिरों की परंपरा के अनुसार पीएम मोदी पूजा पाठ करते हैं7 अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए मोदी ने 12 दिनों तक उपवास किया। यहां तक कि सनातन धर्म की परंपराओं के अनुरूप उपवास के दौरान जमीन पर सोए। सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के जीवन में राम का विशेष महत्व है। यदि कम मतदान की वजह से इंडिया गठबंधन की जीत होती है तो फिर सनातन धर्म के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। देश में विभाजन के बाद से ही यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने की मांग को रही है। जब देश के संविधान में समान नागरिक अधिकार की बात कही गई है तब धर्म के आधार पर कानून नहीं होना चाहिए। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया है कि तीसरी बार सरकार बनने पर देश में यूसीसी को लागू किया जाएगा। स्वाभाविक है कि जब मतदान कम होने की वजह से मोदी के नेतृत्व में सरकार नहीं बनेगी तो फिर देश में यूसीसी भी लागू नहीं होगा। इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 को प्रभावी करने का काम भी शुरू हो जाएगा। जिन लोगों ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया उन्हें भी खुश होने का अवसर मिलेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा। यदि मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते हैं तो फिर देश की आर्थिक स्थिति का अंदाजा भी लगाया जा सकता है। पिछले दस वर्षों में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का दबदबा कायम हुआ है। युद्ध ग्रस्त देशों में भारतीयों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। जो पाकिस्तान सीमा पर आए दिन गोलाबारी करता था, वह पाकिस्तान कटोरा लेकर भीख मांगने की स्थिति में खड़ा है। पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात है। इसके विपरीत हमारे जम्मू कश्मीर में अब माहौल शांत है। 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर में रिकॉर्ड पर्यटन हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि भ्रष्ट राजनेताओं को जेल जाना पड़ा है। अभी 545 में से 102 सीटों पर मतदान हुआ है। देशवासियों को तय करना है कि सनातन धर्म को नष्ट करने वाली सोच को कितना खुश करना है। देशवासी चाहते हैं कि सनातन धर्म का मान सम्मान हो तो उन्हें उस नजरिए से मतदान करना चाहिए। देशवासियों को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि जो लोग सनातन धर्म को नष्ट होते देखना चाहते हैं वे हर हालत में अपना वोट डालते हैं। मौजूदा समय में सनातन धर्म को बचाने के लिए सिर्फ वोट देने की जरूरत है। यदि वोट देने में भी उदासीनता दिखाई तो फिर आने वाले दिनों में सनातन धर्म की रक्षा नहीं हो सकेगी। पहले भी 500 वर्षों तक भारत में सनातन धर्म को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। वैसे भी हर नागरिक को अपने मताधिकार का उपयोग करना ही चाहिए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (21-04-2024)
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