Monday 22 April 2024

तो क्या देश का मतदाता अब्दुल गफ्फार पाशा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (रजिस्टर्ड) का प्रतिनिधि मान लेगा?जो इंडिया गठबंधन सनातन धर्म को नष्ट करने की सोच रखता है उसे संघ कभी भी समर्थन नहीं दे सकता।

सोशल मीडिया पर इन दिनों तथाकथित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अब्दुल गफ्फार पाशर और जनार्दन मून नाम के व्यक्ति लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को समर्थन देने की घोषणा कर रहे हैं। पाशा और मून का कहना है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते संविधान को खतरा हो गया है, इसलिए हम संघ का समर्थन इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को देते हैं। इन दोनों की ओर से दवा किया गया कि देश भर में उनके संघ के ढाई लाख स्वयंसेवक है जो समाज सेवा का कार्य कर रहे है। हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (रजिस्टर्ड) की ओर से तथाकथित संघ की शिकायत चुनाव आयोग से कर दी गई है। यहां तक कि पुलिस में मुकदमा भी दर्ज करवाया गया है, लेकिन फिर भी कांग्रेस के समर्थक इस वीडियो को लगातार वायरल कर रहे हैं। यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है कि संघ ने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया है। सवाल उठता है कि क्या देश का मतदाता अब्दुल गफ्फार पाशा और जर्नादन मून को संघ का प्रतिनिधि मान लेगा? इंडिया गठबंधन के लोग भले ही भ्रम फैलाने का प्रयास करें, लेकिन देश का मतदाता यह जानता है कि जो इंडिया गठबंधन सनातन धर्म को नष्ट करने की सोच रखता है, उसे संघ (रजिस्टर्ड) कभी भी समर्थन नहीं दे सकता। संघ की सनातन धर्म में कितनी आस्था है, इसका अंदाजा 22 जनवरी को अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा में भी देखने को मिला। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मंदिर के अंदर उपस्थित थे। संघ भी राम को सनातनियों के लिए जीवन का सत्य मानता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम रखकर अब्दुल गफ्फार पाशा और जर्नादन मून जैसे लोग कितना भी गुमराह करे, लेकिन मतदाताओं पर इसका असर नहीं होगा। पाशा और मून के संघ के बारे में जब संघ रजिस्टर्ड के चित्तौड़ प्रांत के प्रचार प्रमुख राजेंद्र लालवानी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि पाशा और मून वाले तथाकथित संघ का हमारे संघ (रजिस्टर्ड) से कोई सरोकार नहीं है। पाशा और मून ने अपने संघ को रजिस्टर्ड करवाने के लिए नागपुर स्थित सहायक रजिस्ट्रार सोसायटी के यहां आवेदन किया था, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई जिसे मुंबई स्थित उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी भी खारिज हो चुकी है। किन्हीं व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम का उल्लेख करना पूरी तरह गैर कानूनी है। जो लोग पाशा और मून वाला वीडियो शेयर कर रहे है, उन पर भी कानूनी कार्यवाही हो सकती है। इस पूरे मामले की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829070055 पर प्रांत प्रचार प्रमुख राजेंद्र से ली जा सकती है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (23-04-2024)
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