Friday 7 October 2022

जिन अडानी-अंबानी को राहुल गांधी पैदल चल कर कोस रहे हैं, उन्हीं उद्योगपतियों से करोड़ों का निवेश करवा कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी स्थिति को मजबूत कर रहे हैं।क्या राहुल गांधी और कांग्रेस को चिढ़ाने वाली कार्यवाही नहीं हैं?साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा तो 2015 में भी हुई थी, लेकिन अमल मात्र 19 हजार करोड़ पर ही हो पाया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ों यात्रा के अंतर्गत पद यात्रा कर रहे हैं। राहुल गांधी अपनी हर सभा में आरोप लगाते हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश के दो उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी को ही फायदा पहुंचाने वाली नीतियां बनाती है। राहुल इन दोनों उद्योगपतियों को मोदी का मित्र बताते  हैं और आरोप लगाते हैं कि ये दोनों देश को लूट रहे हैं। जिन अडानी और अंबानी को राहुल गांधी पैदल चल कर कोस रहे हैं, उन्हीं दोनों उद्योगपतियों से राजस्थान में निवेश करवा कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। सब जानते हैं कि सीएम गहलोत जयपुर में उद्योगपतियों का मेला तब लगा रहे हैं, जब उनकी सरकार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अशोक गहलोत गांधी परिवार और कांग्रेस की नीतियों की परवाह नहीं कर रहे हैं। उनका मकसद सिर्फ स्वयं की छवि को निखारना है। जब अडानी-अंबानी के लिए गहलोत राजस्थान में सरकारी रेड कारपेट बिछा रहे हैं, तब राहुल गांधी के आरोपों के क्या मायने हैं? यदि अडानी-अंबानी देश को लूटने वाले  हैं तो अशोक गहलोत राजस्थान में निवेश क्यों करवा रहे हैं? क्या अशोक गहलोत की यह कार्यवाही राहुल गांधी और कांग्रेस को चिढ़ाने के लिए है? जब कांग्रेस शासित राजस्थान में अडानी-अंबानी को विकास में सहयोग करने वाले उद्योगपतियों का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, तब राहुल गांधी के आरोप क्या मायने रखते हैं। राहुल गांधी अडानी-अंबानी को लूटेरा कहे, लेकिन 7 व 8 अक्टूबर को जयपुर में होने वाले उद्योगपतियों के मेले में शामिल होने के लिए सीएम गहलोत ने खुद गौतम अडानी और मुकेश अंबानी को फोन किया। अडानी ने तो गहलोत का आग्रह स्वीकार कर मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी, लेकिन अंबानी ने राजस्थान में केमिकल और पेट्रो के क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपए निवेश करने का वायदा गहलोत से किया है। इसी प्रकार अडानी ने सोलर पावर के क्षेत्र में 69 हजार करोड़ रुपए का वादा किया है। अब अशोक गहलोत भी गर्व के साथ कह सकते हैं कि अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपति भी उनके राज्य में निवेश कर रहे हैं। अडानी जैसे उद्योगपतियों के सम्मान में सीएम गहलोत 7 अक्टूबर को जयपुर के जय महल पैलेस में शानदार डिनर भी दे रहे हैं। राहुल गांधी को भले ही किसी गांव में कंटेनर में रात गुजारनी पड़ रही हो, लेकिन अशोक गहलोत महलों में स्वादिष्ट व्यंजनों का सेवन कर रहे हैं। सीएम गहलोत इस बात से गदगद हैं कि गौतम अडानी जैसे उद्योगपति उनके आग्रह पर आ गए। देशभर के उद्योगपतियों के मेले का शुभारंभ गहलोत ने स्वयं किया। कांग्रेस हाईकमान भले ही गहलोत को मुख्यमंत्री के पद से हटा रहा हो, लेकिन गहलोत ने उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया है कि दिसंबर 2023 तक वे ही मुख्यमंत्री रहेंगे। गहलोत ने यह भी भरोसा दिलाया कि अगले वर्ष उन्हीं के नेतृत्व में सरकार बनेगी। गहलोत ने मेले के शुभारंभ पर जो  आत्म विश्वास दिखाया उसको लेकर कांग्रेस में भी चर्चा हो रही है। शांति धारीवाल, महेश जोशी जैसे मंत्रियों का दावा है कि गहलोत के पास 102 विधायकों का समर्थन है। जबकि कांग्रेस के ही विधायक राकेश पारीक, वेदप्रकाश सोलंकी, दिव्या मदेरणा ने ऐसे दावों को खारिज किया है। कांग्रेस के अनेक विधायकों का कहना है कि उनका समर्थन कांग्रेस हाईकमान के साथ है।
 
पहले भी हो चुके हैं निवेश के वायदे:
जयपुर में हो रहे उद्योगपतियों के मेले में 10 लाख करोड़ के समझौते हुए हैं। यानी मेले में शामिल उद्योगपतियों के समूह आने वाले दिनों में राजस्थान में 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। ऐसा नहीं की ऐसा मेला पहली बार लगा है। भाजपा सरकार में जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी, तब वर्ष 2015 में ऐसा ही मेला लगा था। राजे के निर्देश पर मंत्रियों, विधायकों ने उद्योगपतियों की चाकरी की। जिन टेबलों पर उद्योगपति बैठे उनका प्रभारी विधायकों को बनाया गया। राजे के मेले में भी साढ़े तीन लाख करोड़ के वादे किए गए, लेकिन मात्र 19 हजार करोड़ के वादे पर ही अमल हो सका। अब देखना होगा कि गहलोत के मेले में जो 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का वादा हुआ है, उनमें से कितने वादे पूरे होते हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (07-10-2022)
Website- www.spmittal.in
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment