Thursday 27 October 2022

धर्मेन्द्र राठौड़ पर अनुशासनहीनता की तलवार लटकने से पुष्कर में नसीम अख्तर के समर्थकों में खुशी।रिज्जू झुनझुनवाला अजमेर के बजाए भीलवाड़ा में चलाएंगे इंदिरा रसोई।

राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ पर अनुशासनहीनता की तलवार लटकने से अजमेर के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक श्रीमती नसीम अख्तर के समर्थकों में खुशी देखी गई है। राठौड़ को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खुला संरक्षण है, मुख्यमंत्री के कारण ही धर्मेन्द्र राठौड़ पिछले एक वर्ष से पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं। राठौड़ की राजनीतिक सक्रियता की वजह से ही अगले विधानसभा चुनाव में नसीम अख्तर का टिकट कटने की चर्चा होने लगी है। राठौड़ ने भी अपनी सक्रियता से यह दिखाने का प्रयास किया कि अगले वर्ष होने वाले चुनाव में उन्हें ही कांग्रेस का टिकि मिलेगा। लेकिन गत 15 सितंबर को जयपुर में होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक को लेकर धर्मेन्द्र राठौड़ ने जो भूमिका अदा की, उस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व में गहरी नाराजगी दिखाई। यहां तक कि पार्टी का अनुशासन तोडऩे के लिए राठौड़ को नोटिस तक दिया गया। माना जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खडग़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अब राठौड़ पर अनुशासनहीनता करने की कार्यवाही हो सकती है। जानकारों की मानें तो राठौड़ का आरटीडीसी अध्यक्ष पद भी जा सकता है। इधर राठौड़ पर अनुशासनहीनता की तलवार लटकी तो उधर नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली ने पुष्कर से लेकर जयपुर और दिल्ली तक में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। पति और पत्नी दोनों कांग्रेस की राजनीतिक गतिविधियों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। 26 अक्टूबर को खडग़े ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला, तब दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में नसीम दम्पत्ति भी उपस्थित रहे। दोनों ने बड़े नेताओं के साथ अपने फोटो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। 19 अक्टूबर को जब चुनाव की मतगणना हुई तब भी नसीम दंपत्ति दिल्ली में मौजूद रहे। नसीम की सक्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में वे राजस्थान में खडग़े की पॉलिंग एजेंट भी रही। यानी नसीम का खडग़े से सीधा संवाद है। नसीम अख्तर मौजूदा समय में भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष हैं। नसीम दंपत्ति को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है। नसीम दंपत्ति के रहते हुए धर्मेन्द्र राठौड़ को पुष्कर से टिकट मिलना आसान नहीं है।
 
भीलवाड़ा में चलेगी इंदिरा रसोई:
मयूर शूटिंग के मालिक और देश के प्रमुख कपड़ा उद्योगपति रिज्जू झुनझुनवाला ने गत लोकसभा का चुनाव अजमेर से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था। चार लाख मतों से हारने के बाद भी झुनझुनवाला ने कहा कि अगले चुनाव तक अजमेर में ही सक्रिय रहेंगे। लेकिन पिछले साढ़े तीन वर्ष में झुनझुनवाला एक बार भी अजमेर नहीं आए। हालांकि दिखाने के लिए उनके जवाहर फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से अजमेर में पौधा रोपण जैसे कार्य किए गए, लेकिन झुनझुनवाला की अधिकांश सामाजिक सक्रियता भीलवाड़ा में ही देखी गई। 26 अक्टूबर को ही झुनझुनवाला ने भीलवाड़ा में सरकार की इंदिरा रसोई चलाने का एमओयू जिला प्रशासन से किया। भीलवाड़ा में जवाहर फाउंडेशन के सहयोग से कई प्रोजेक्ट चला रहे थे, जिसका फायदा भीलवाड़ा के लोगों को मिल रहा है। झुनझुनवाला की फैक्ट्रियां भीलवाड़ा में ही संचालित है, लेकिन झुनझुनवाला चाहते हैं कि अजमेर जिले के लोग उन्हें वोट दे, यानी झुनझुनवाला सामाजिक काम तो भीलवाड़ा में करेंगे, लेकिन वोट अजमेर में मांगेंगे। सवाल तो यह भी है कि जब झुनझुनवाला की कर्मस्थली भीलवाड़ा है तो फिर वे अजमेर से चुनाव क्यों लड़ते हैं? क्या अजमेर में कांग्रेस के नेता चुनाव लड़ने के योग्य नहीं है? अजमेर में डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी जैसे कई नेता है जो लोकसभा का चुनाव लड़ने का दम रखते हैं। यह बात अलग है कि झुनझुनवाला अपने पैसे के बल पर ही टिकट प्राप्त करने में सक्षम है। जहां तक झुनझुनवाला का सामाजिक कार्य करने का सवाल है तो किसी भी उद्योगपति को सीएसआर फंड में सामाजिक कार्यो के लिए राशि खर्च करना अनिवार्य है। झुनझुनवाला उसी सीएसआर फंड से अजमेर में भी कुछ राशि खर्च करते हैं तो अजमेर में झुनझुनवाला के कुछ समर्थक सक्रिय नजर आते हैं, लेकिन कांग्रेस के किसी भी आंदोलन और कार्यक्रमों में झुनझुनवाला शामिल नहीं होते हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (27-10-2022)
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