Tuesday 11 October 2022

बहुत फर्क रहा मुलायम सिंह और नरेंद्र मोदी की राजनीति में।p

11 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के प्रमुख रहे मुलायम सिंह यादव का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। हालांकि इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी भी उपस्थित रहे, लेकिन मुलायम सिंह और नरेंद्र मोदी की राजनीति में बहुत फर्क रहा। मोदी ने जहां अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर निर्माण की सभी बाधाओं को समाप्त कर सनातन धर्म प्रेमियों को गौरवान्वित होने का अवसर दिया। वहीं मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए मंदिर निर्माण में बाधाएं खड़ी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मंदिर निर्माण को रोकने के लिए मुलायम सिंह  को यदि गोली चलाने की आवश्यकता हुई तो उन्होंने राम भक्तों पर गोलियां भी चलवाई। सब जानते हैं कि नरेंद्र मोदी ने न केवल मंदिर निर्माण की बाधाओं को समाप्त करवाया बल्कि भव्य मंदिर का निर्माण भी करवाया। यही वजह है कि आज भगवान राम का जन्म स्थल अयोध्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। अयोध्या में सिर्फ मंदिर नहीं बन रहा बल्कि विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र भी बन रहा हे। इससे मोदी और मुलायम की राजनीति में फर्क ही कहा जाएगा कि मोदी ने भगवान शिव की नगरी माने जाने वाले बनारस की भी कायापलट कर दी। बनारस के विकास को देखकर लोग आश्चर्यचकित हैं। यह एक संयोग ही है कि 11 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में उपस्थित रहे तो वहीं शाम को मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल लोक का लोकार्पण भी कर रहे हैं। उज्जैन को भी भगवान शिव की नगरी माना जाता है। इससे भी मुलायम सिंह और मोदी की राजनीति में फर्क माना जाएगा कि मोदी ने चारधाम यात्रा को सुगम बनाया है। पहाड़ों को काटकर जो हाईवे बनाया उसकी कल्पना मुलायम सिंह की राजनीति में कभी नहीं की जा सकती थी। मुलायम सिंह की राजनीति किसी से भी छिपी नहीं है। जिस सोच को लेकर मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को खड़ा किया उसी सोच को उनके पुत्र अखिलेश यादव आगे बढ़ा रहे हैं। मौजूदा समय में पार्टी की कमान अखिलेश के पास ही है। यह भी सब जानते हैं कि मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य ही सपा के सांसद और विधायक बनते हैं। यानी समाजवादी पार्टी एक परिवार तक सीमित है। मुलायम के भाई से लेकर भतीजों तक विधायक और सांसद बने हुए हैं। वहीं नरेंद्र मोदी के परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में नहीं है। बीस वर्ष पहले गुजरात का मुख्यमंत्री बनने पर मोदी का परिवार जिन हालातों में था उन्हीं हालातों में आज भी है। मोदी और मुलायम सिंह के परिवारों की स्थिति को देख कर भी हम राजनीति में फर्क महसूस कर सकते हैं।  सनातन संस्कृति में भगवान राम को दयालु प्रवृत्ति का माना गया है। मुलायम ने अपने जीवनकाल में भले ही मंदिर निर्माण में बाधाएं खड़ी की हो, लेकिन अब भगवान राम तो मुलायम के प्रति दयालु रुख दिखाएंगे ही। 

S.P.MITTAL BLOGGER (11-10-2022)
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