तो कांग्रेस सीएम हाउस में बनाएगी लोकसभा चुनाव की रणनीति। अशोक गहलोत भी चले वसुंधरा राजे की राह पर। सत्ता का दुरुपयोग करने में कोई पीछे नहीं।
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16 जनवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जयपुर स्थित सरकारी आवास (सीएम हाउस) पर जयपुर ग्रामीण, राजसमंद और अजमेर संसदीय क्षेत्रों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अलग अलग बैठक हुई। इन बैठकों में मई में होने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार की गई। बैठकों में सीएम गहलोत के साथ-साथ डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे आदि नेता भी उपस्थित रहे। स्वाभाविक है कि बैठकों में शामिल हुए कांग्रेसियों को सीएम हाउस में ही सरकारी खर्चे पर हैवी चाय नाश्ता भी कराया गया। सीएम हाउस में प्रवेश के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से पहले पास उपलब्ध करवाए गए। यानि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय और सीएम हाउस तक एक समान हो गए। सीएम हाउस भी कांग्रेस कार्यालय की तरह लगा। सीएम हाउस में यह नजारा कई दिनों तक देखने को मिलेगा, क्योंकि राजस्थान के सभी 25 संसदीय क्षेत्रों के कांग्रेसियों की बैठकें होंगी। एक संसदीय क्षेत्र से करीब पांच सौ कांग्रेसियों को सीएम हाउस बुलाया जा रहा है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारी कैसे करे, यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। लेकिन कांग्रेस को खास अशोक गहलोत जैसे गांधीवादी नेता को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि सीएम हाउस का खर्चा राजस्थान की जनता वहन करती है। जनता जो टैक्स देती है उसी से सीएम हाउस के चाय नाश्ते का भुगतान होता है। यहां तक कि सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को वेतन भी जनता के टैक्स से दिया जाता है। ईमानदार सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि टैक्स से एकत्रित राशि का उपयोग जनता की भलाई के लिए ही हो। यदि राजनीतिक दल की बैठक जनता के खर्च से चलने वाले सीएम हाउस में होगी तो राजनीतिक ईमानदारी पर भी सवालिया निशान लगेगा। हालांकि अब आगामी पांच वर्षों तक राजस्थान में कांग्रेस का शासन रहेगा और सीएम हाउस अशोक गहलोत की मर्जी से चलेगा, लेकिन प्रदेश की जनता को अशोक गहलोत जैसे मुख्यमंत्री से राजनीतिक स्वच्छता की उम्मीद है।
वसुंधरा ने किया सबसे ज्यादा दुरुपयोग:
यूं तो सीएम हाउस का दुरुपयोग हर सत्तारूढ़ दल करता है, लेकिन सबसे ज्यादा दुरुपयोग भाजपा सरकार की सीएम वसुंधरा राजे ने किया। वसुंधरा राजे पूरे पांच वर्ष तक सीएम हाउस में नहीं रहीं। वसुंधरा सीएम हाउस का उपायोग पार्टी दफ्तर के तौर पर सीएम आॅफिस की तरह किया। प्रदेश की जनता को याद होगा कि वसुंधरा राजे प्रायोजित कार्यक्रम कर सीएम हाउस में अपना स्वागत सत्कार करवाया। भाजपा के कार्यकर्ताओं से लेकर विभिन्न संगठनों, धार्मिक संस्थाओं आदि में स्वागत करने की होड़ लग गई। खुद सीएम कभी ट्रेक्टर पर बैठी नजर आई तो कभी ग्रामीण महिलाओं के साथ नृत्य किया। सीएम हाउस के इतने दुरुपयोग के बाद भी वसुंधरा राजे की वजह से राजस्थान में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। वसुंधरा की राजनीतिक नौटंकी का तो न्यूज चैनलों पर लाइव प्रसारण होता था। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अशोक गहलोत भी वसुंधरा की राह पर चल रहे हैं। देखना है कि सीएम हाउस के दुरुपयोग का कांग्रेस का लोकसभा चुनाव में कितना फायदा होता है।
एस.पी.मित्तल) (16-01-19)
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