अगले विधानसभा चुनाव तक अब पुष्कर में न भाजपा की चलेगी और न कांग्रेस की। मीडिया में प्रसारित होने वाली खबरों का भी कोई असर नहीं होगा। अब पुष्कर में वो ही होगा जो कांग्रेस के ताकतवर नेता धर्मेन्द्र राठौड़ चाहेंगे। इस बात का प्रमाण पुष्कर में बनने वाला 100 वेड का सरकारी अस्पताल है। अस्पताल अजमेर रोड पर स्थित पत्रकार कॉलोनी के निकट ही बने, इसके लिए भाजपा और कांग्रेस ने मिल कर अभियान चलाया। मीडिया में भी प्रमुखता से खबरें छपीं। सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर ने भी पत्रकार कॉलोनी के निकट वाली भूमि पर अस्पताल बनाने के तर्क दिए। लेकिन अंत में कांग्रेस के नेता धर्मेन्द्र राठौड़ की सक्रियता से पुष्कर से सटे खरेखड़ी गांव में पांच एकड़ भूमि का आवंटन अस्पताल के लिए हो गया। चूंकि राठौड़ का सीएमआर में सीधा दखल है, इसलिए एक ही दिन में अस्पताल की भूमि का कब्जा पत्र नगर पालिका से पुष्कर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता को मिल गया और डॉ. गुप्ता ने इसी दिन 12 जून को अस्पताल का निर्माण का प्रस्ताव बना कर चिकित्सा निदेशालय भिजवा दिया। यह बात अलग है कि अभी 100 बेड के अस्पताल के लिए न तो कोई बजट है और न ही अस्पताल की लागत का अनुमान लगाया गया है। लेकिन पुष्कर नगर पालिका के समझदार अध्यक्ष कमल पाठक को लगता है कि राठौड़ के सामने बजट की कोई समस्या नहीं है। जब एक दिन में भूमि आवंटन और प्रस्ताव सरकार को भेजा जा सकता है, तब दो चार दिन में बजट राशि भी आ जाएगी। हो सकता है कि अस्पताल निर्माण की लागत के अनुमान से पहले ही राशि का आवंटन हो जाए। भाजपा विधायक सुरेश रावत ने भी अस्पताल के निर्माण में विधायक कोष से राशि देने की घोषणा कर रखी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास माने जाने वाले धर्मेन्द्र राठौड़ की पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता का अंदाजा महाराणा प्रताप की जयंती पर अखबारों में दिए गए विज्ञापन से लगाया जा सकता है। जयंती पर अजमरे के अन्य राजपूत नेताओं के साथ साथ धर्मेन्द्र राठौड़ का फोटो भ छपा है। इस विज्ञापन में राठौड़ ने स्वयं को पुष्कर के नांद गांव का निवासी बताया है। राठौड़ राजस्थान बीज निगम के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रदेश में जब भी सचिन पायलट के खेमे से असंतुष्ट गतिविधियां तेज होती है, तब राठौड़ गहलोत के समर्थन में सक्रिय हो जाते हैं। अजमेर में बहुमत होते हुए भी भाजपा का जिला प्रमुख नहीं बनने देने में राठौड़ की राजनीतिक भूमिका थी। भाजपा के नेताओं को अभ तक इसका मलाल है। धर्मेन्द्र राठौड़ की राजनीतिक सक्रियता से पूर्व की पुष्कर विधायक श्रीमती नसीम अख्तर के समर्थकों में खलबली मच गई है। हालांकि मंत्री रहते हुए श्रीमती अख्तर ने भी पुष्कर में एसडीएम तहसील कार्यालय बनवाई के साथ साथ सड़कों का भी जाल बिछाया है। लेकिन श्रीमती अख्तर गत दो बार से हार का सामना कर रही है, इसलिए धर्मेन्द्र राठौड़ पुष्कर में स्वयं की संभावनाएं तलाश रहे हैं। राठौड़ यदि अजमेर की राजनीति में सक्रिय होते हैं तो इसका फायदा लोगों को ही मिलेगा। मौजूदा समय में राठौड़ कांग्रेस की सरकार में मजबूत स्थिति में है। अशोक गहलोत के रहते हुए चुनाव में टिकट लाने में भी कोई परेशानी नहीं होगी।
S.P.MITTAL BLOGGER (12-06-2021)
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