Sunday 20 February 2022

पुष्कर की पूर्व विधायक नसीम अख्तर ने 19 फरवरी को कांग्रेस के अधिवेशन में आवाज उठाई और 20 फरवरी को पवित्र सरोवर में गंदे पानी के नियंत्रण के लिए डीपीआर बन गई।11 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट से समस्या का समाधान नहीं होगा-विधायक सुरेश रावत।

20 फरवरी को अजमेर के पुष्कर में प्रशासनिक स्तर पर एक बैठक हुई। इस बैठक में हिन्दुओं के आस्था के केंद्र पुष्कर सरोवर में गंदे पानी के नियंत्रण के लिए 50 करोड़ रुपए के खर्च की योजना पर मोहर लगी। पहले चरण में 11 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। पुष्कर की पूर्व विधायक और प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष श्रीमती नसीम अख्तर ने बताया कि 19 फरवरी को जयपुर में कांग्रेस का जो अधिवेशन हुआ उस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष पुष्कर सरोवर में गिरने वाले गंदे पानी की समस्या को रखा था। मुख्यमंत्री ने पवित्र सरोवर में गंदा पानी गिरने की समस्या को गंभीर माना और अजमेर के जिला कलेक्टर को तत्काल निर्देश देकर डीपीआर बनाने को कहा। श्रीमती अख्तर का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर ही 20 फरवरी को पुष्कर में बैठक रखी गई और इसमें 50 करोड़ रुपए की योजना को मंजूर किया गया। इस बैठक में बताया गया कि रंग जी के मंदिर से सावित्री मोहल्ले तक सीवरेज का काम प्रथम चरण में किया जाएगा, जिस पर 11 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इसके बाद अगले चार चरणों में 10-10 करोड़ रुपए खर्च होंगे। श्रीमती अख्तर ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि अब पवित्र सरोवर में गंदा पानी नहीं गिरेगा। उन्होंने कहा कि करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक आस्था पवित्र सरोवर से जुड़ी हुई है। बैठक में अजमेर विकास प्राधिकरण के सचिव किशोर कुमार, तहसीलदार रामेश्वर छाबा, विधायक सुरेश रावत और योजना से जुड़े इंजीनियर भी उपस्थित रहे। इसी प्रकार नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक, पुरोहित संघ के अध्यक्ष श्रवण पाराशर, होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधि रघु पारीक, बाबूलाल दग्गी तथा अधिकांश पार्षद उपस्थित रहे।
 
ऊंट के मुंह में जीरा-रावत:
वहीं पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश रावत ने कहा कि पहले चरण की जो 11 करोड़ रुपए की डीपीआर बनाई गई है,वह ऊंट के मुंह में जीरा है। रावत ने कहा कि 11 करोड़ की डीपीआर तीन दिन पहले ही अजमेर विकास प्राधिकरण ने कलेक्टर को सौंपी थी। इसलिए उन्होंने बैठक में 50 करोड़ रुपए की डीपीआर बनाने की बात कही है। रावत ने कहा कि सरोवर के चारों तरफ सीवरेज का मजबूत काम होना चाहिए तभी सरोवर में गंदा पानी गिरने से रुक सकेगा। यदि एक क्षेत्र में काम किया जाता है तो दूसरे क्षेत्र का गंदा पानी सरोवर में गिरता रहेगा। गंदे पानी को रोकने के लिए उन्होंने पूर्व में विधायक कोष से चार करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे, लेकिन सीवरेज के कार्य में 50 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। ऐसे में राज्य सरकार को भी इतना बड़ी राशि स्वीकृत करनी चाहिए। रावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया कि 23 फरवरी को विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले बजट में पुष्कर सरोवर के संरक्षण के लिए 50 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की जाए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (20-02-2022)
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