Wednesday 16 February 2022

आखिर राजस्थान पत्रिका ने अजमेर की दरगाह कमेटी नाकामियों को उजागर किया।कमेटी के पूर्व नाजिम अशफाक हुसैन ने भी अध्यक्ष अमीन पठान पर गंभीर आरोप लगाए थे।कमेटी के काम काज से केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्त्यार अब्बास नकवी की छवि खराब हो रही है।

अजमेर स्थित विश्वविख्यात ख्वाजा साहब की दरगाह का आतंरिक प्रबंध संभालने वाली दरगाह कमेटी की नाकामियों को अब राजस्थान पत्रिका अखबार भी उजागर कर रहा है। पत्रिका के 16 फरवरी के अजमेर संस्करण में दरगाह कमेटी की नाकामियों की खबर प्रकाशित हुई है। इस खबर में बताया गया है कि तीन वर्ष पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अजमेर की कायड़ विश्राम स्थली पर ख्वाजा गरीब नवाज यूनिवर्सिटी के भवन का शिलान्यास किया, लेकिन भवन निर्माण के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगी है। इसी खबर में बताया गया कि कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान ने दरगाह के मुख्य द्वार से धानमंडी तक मार्बल पत्थर बिछाने की घोषणा की थी ताकि दरगाह के बाहर गंदा पानी न बहे। लेकिन कमेटी की यह घोषणा भी पूरी नहीं हुई है। दरगाह कमेटी की नाकामियों से केंद्रीय मंत्री नकवी की छवि भी खराब हो रही है। वहीं कमेटियों की नाकामियों का ठिकारा अध्यक्ष अमीन पठान ने राज्य की कांग्रेस सरकार और जिला प्रशासन पर फोड़ दिया है। पठान का कहना है कि कायड़ विश्राम स्थली पर यूनिवर्सिटी बनाने के बजाए ख्वाजा गरीब नवाज एज्युकेशन सेंटर फॉर एक्सीलेंस की शुरुआत की जाएगी। विश्राम स्थली के भू उपयोग परिवर्तन की फाइल लंबे समय से राज्य सरकार के समक्ष विचाराधीन है। भूउपयोग परिवर्तन होने पर ही निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा। इसी प्रकार दरगाह के सामने मार्बल पत्थर लगाने का कार्य जिला प्रशासन के कारण नहीं हो पा रहा है। प्रशासन को पानी निकासी के लिए जो कार्य करने थे वो अभी तक नहीं हुए हैं। अमीन पठान अपने बचाव में कुछ भी कहे, लेकिन जानकारों की माने तो ख्वाजा गरीब नवाज यूनिवर्सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए का चंदा एकत्रित किया गया। अब इस चंदे का हिसाब देने में भी दरगाह कमेटी असमर्थ है। गंभीर बात तो यह है कि अब एक सोसायटी बना दी गई है, जिसके माध्यम से कायड़ विश्राम स्थली का भूउपयोग परिवर्तन करवाने के प्रयास हो रहे हैं। दरगाह कमेटी केंद्र सरकार के अधीन संचालित होती है। यदि कमेटी भूउपयोग परिवर्तन का प्रस्ताव रखती हो भूउपयोग में बदलाव हो सकता था। सरकारी भूमि का भूउपयोग परिवर्तन किसी सोसायटी के नाम पर नहीं हो सकता। यह अमीन पठान को ही बताना है कि सोसायटी के नाम से फाइल क्यों लगाई गई। सब जानते हैं कि दरगाह कमेटी की आय का स्त्रोत जायरीन का चढ़ावा ही है। दरगाह कमेटी के नाजिम रहे रिटायर आईएएस अशफाक हुसैन ने भी कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। हुसैन का कहना है कि कमेटी में हो रही वित्तीय अनियमितताओं की विस्तृत जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री नकवी को दी जाएगी। मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर में दरगाह कमेटी ने कायड़ विश्राम स्थली पर अस्थायी अस्पताल खोलने का भी नाटक किया था, लेकिन इस अस्पताल में एक भी मरीज इलाज के लिए नहीं पहुंचा। 

S.P.MITTAL BLOGGER (16-02-2022)
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