Sunday 27 February 2022

जब कोई देश कमजोर होता है तो उसके हालात यूक्रेन जैसे होते हैं।यूक्रेन के मुद्दे पर भारत, चीन और यूएई रूस के समर्थन में।

भारत में ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे जो अनेक तरह की आजादी चाहते है। कश्मीर की आजादी के लिए दिल्ली के जेएनयू में नारे लगते हैं तो अरविंद केजरीवाल जैसे राजनेता स्वतंत्र देश पंजाब का मुखिया बनने के सपने देख रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपना ही राग अलाप रही हैं। उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार के दौरान जो बयान सामने आ रहे हैं, उससे देश के सबसे बड़े राज्य के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। भारत में भी विभाजनकारी ताकतें सक्रिय हैं। ऐसे लोगों को यूक्रेन के हालात देख लेने चाहिए। यूक्रेन पहले सोवियत रूस का ही एक प्रदेश था, लेकिन सोवियत रूस के टूटने के बाद यूक्रेन अलग देश हो गया। लेकिन यूक्रेन ने एक स्वतंत्र देश के तौर अपनी स्थिति को मजबूत नहीं किया। यही वजह है कि आज रूस के राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन को हड़पना चाहते हैं। यूक्रेन को हड़पने में पुतिन को सफलता मिलती है या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस विवाद में भारत की स्थिति एक मजबूत देश के तौर पर उभरी है। यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन द्वारा प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के साथ आधे घंटे तक फोन पर बात करने से जाहिर होता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का कितना दबदबा है। इसे भारत की कूटनीति ही कहा जाएगा कि अमेरिका और रूस जैसे दो महाशक्तियों के बीच भारत ने संतुलन बनाए रखा है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत भले ही अमरीका के साथ खड़ा नजर आए, लेकिन 26 फरवरी को जब संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की बैठक में यूक्रेन मुद्दे पर रुख के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा गया तो भारत ने प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। समर्थन करने वाले तीन देशों में चीन और यूएई भी शामिल रहे। यानी यूक्रेन के मुद्दे पर भारत और चीन साथ साथ हैं। कोई माने या नहीं लेकिन भारत और चीन ने जो एकजुटता दिखाई है, उसका असर चीन के साथ सीमा विवाद हल करने में देखने को मिलेगा। सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत और चीन के रुख के कारण रूस के विरुद्ध सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पास नहीं हो सका। भारत ने बहुत सोच समझ कर रूस का समर्थन किया है। आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति और मजबूत होगी। अब रूस जैसा शक्तिशाली देश भी भारत के साथ खड़ा नजर आएगा। जो लोग पाकिस्तान के हिमायती है वे मौजूदा हालातों में पाकिस्तान की स्थिति देख लें। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है। यदि रूस और यूक्रेन में कोई समझौता होता है तो उसमें भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (27-02-2022)
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