Thursday 24 February 2022

आखिर सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग में इतनी हड़बड़ी क्यों है?आयोग ने दिन में आरएएस मैंस की परीक्षा स्थगित की और रात को ही नई तिथियां घोषित की।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले जिद वाला बयान दिया।ढाई माह तक काम चलाऊ अध्यक्षों के भरोसे रहा आयोग। आखिर मुख्यमंत्री के दस दस सलाहकार क्या कर रहे हैं?

राजस्थान प्रशासनिक एवं अधीनस्थ सेवा (आरएएस) की मुख्य परीक्षा को लेकर सरकार और परीक्षा लेने वाला राजस्थान लोक सेवा आयोग हड़बड़ी में नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रिटायर मुख्य सचिव निरंजन आर्य से लेकर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा तक को अपना सलाहकार बना रखा है, लेकिन सरकार के कुछ समय में नहीं आ रहा है। सरकार को भी पता था कि आरएएस प्री के अभ्यर्थियों ने परिणाम को लेकर जो याचिका दायर कर रखी है, उस पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का निर्णय 22 फरवरी को आएगा। लेकिन इ फैसले का इंतजार किए बिना ही सीएम गहलोत ने 21 फरवरी को बयान जारी कर कहा कि आरएएस मैंस की परीक्षा तय तिथि 25 व 26 फरवरी को ही होगी। इधर सीएम ने जिद वाला बयान दिया, उधर अगले ही दिन 22 फरवरी को हाईकोर्ट ने आरएएस प्री के घोषित परिणाम पर रोक लगा दी। इससे मैंस परीक्षा भी रुक गई। यानी सीएम का जिद वाला बयान धरा रह गया। मुख्यमंत्री ने बयान देने में जो हड़बड़ी दिखाई, वैसी ही हड़बड़ी 23 फरवरी को राज्य लोक सेवा आयोग में देखने को मिली। आयोग ने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के आलोक में 23 फरवरी को फुल कमीशन की बैठक बुलाई और 25 व 26 फरवरी को होने वाली मैंस परीक्षा स्थगित कर दी। जबकि हाईकोर्ट की जयपुर पीठ की डबल बेंच में सिंगल बेंच के फैसले के विरुद्ध सरकार और आयोग की ओर से याचिका दायर हो चुकी थी। दोपहर बाद ही चीफ जस्टिस अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी। डबल बेंच के फैसले के मद्देनजर आयोग ने 23 फरवरी की रात को ही आरएएस मैंस की परीक्षा 20 व 21 मार्च को लेने का निर्णय ले लिया। सवाल उठता है कि आयोग ने मैंस की परीक्षा स्थगित करने से पहले डबल बेंच के निर्णय का इंतजार क्यों नहीं किया? जाहिर है कि सरकार की तरह आयोग भी हड़बड़ी में है। अच्छा होता कि आयोग हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले का इंतजार करता। इस फैसले के बाद आयोग को मेंस परीक्षा पर निर्णय लेना चाहिए था। सरकार और आयोग की हड़बड़ी आरएएस जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा को लेकर दिखाई जा रही है जो बेहद अफसोसनाक बात है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 30 मंत्रियों के साथ साथ 10 सलाहकार भी नियुक्त कर रखे हैं, लेकिन फिर भी इतनी हड़बड़ी हो रही है। सवाल उठता है कि मंत्री और सलाहकार किस भूमिका में है? आरएएस मैंस की परीक्षा को लेकर चीफ जस्टिस अकील कुरैशी ने भी आयोग के तौर तरीकों पर एतराज किया है। जस्टिस कुरैशी ने भी कहा है कि आयोग को विवादित प्रश्नों से बचना चाहिए। असल में इन दिनों आयोग का ढर्रा बिगड़ा हुआ है। संजय कुमार श्रोत्रिय के 14 फरवरी को अध्यक्ष बनने से पहले ढाई माह तक आयोग काम चलाऊ अध्यक्षों के भरोसे था। सीएम गहलोत ने आयोग को राजनीति की प्रयोगशाला बना रखा है। आयोग में 10-10 दिन के लिए अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। अपने राजनीतिक मकसद को पूरा करने के लिए दो माह तक काम चलाऊ अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (24-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment