Thursday 1 September 2022

राजनीति में जो होता है, वह दिखता नहीं जो दिखता है, वह होता नहीं। सचिन पायलट के इस कथन पर सीएम अशोक गहलोत ने हाथों हाथ अमल किया।जोधपुर में तबीयत खराब होने के बाद भी गहलोत ने स्वयं को स्वास्थ्य दिखाया।

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट 31 अगस्त को जयपुर में अपने सरकारी आवास पर रहे। लोगों से मुलाकात के दौरान ही पायलट ने मीडिया से कहा कि राजनीति में जो होता है वह दिखता नहीं और जो दिखता है, वह होता नहीं। पायलट ने यह बात सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की चर्चाओं के संदर्भ में कहीं। सचिन पायलट अब राजनीति में अशोक गहलोत के तौर तरीके सीख गए हैं, इसलिए कई अर्थो में बात तुकबंदी या कहावतों का सहारा लेते हैं। 31 अगस्त को दोपहर को जब पायलट ने जयपुर में यह तुकबंदी कही, तभी जोधपुर में सीएम अशोक गहलोत ने इस पर अमल भी कर दिया। हुआ यूं कि जोधपुर के सर्किट हाउस के बाहर खुले में गहलोत जब जनसुनवाई कर रहे थे तभी भीषण गर्मी की वजह से तबीयत बिगड़ गई। गहलोत को जनसुनवाई के बीच में छोड़ कर सर्किट हाउस के वातानुकूलित कक्ष में जाना पड़ा। डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच पड़ताल के बाद गहलोत को विश्राम करने की सलाह दी। लेकिन डॉक्टरों की सलाह को दरकिनार कर एक घंटे बाद ही गहलोत फिर से जन सुनवाई करने लगे। इसे गहलोत की राजनीतिक मजबूरी ही कहा जाएगा कि तबीयत खराब होने के बाद भी भीड़ में रहना पड़ा। गहलोत को पता था कि यदि जोधपुर में जनसुनवाई पूरी नहीं की तो राजनीति में उनके स्वास्थ्य को लेकर अनेक चर्चाएं होंगी। यानी जो हो रहा है, उसे गहलोत ने दिखाया नहीं। यह सही है कि यदि और कोई मुख्यमंत्री या मंत्री होता तो जनसुनवाई में दोबारा नहीं जाता। गहलोत भले ही अपने कमजोर स्वास्थ्य को छिपाएं, लेकिन सब जानते हैं कि कोरोना काल में गहलोत एक से ज्यादा बार संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमण के बाद ही जब गहलोत के हार्ट की एंजियोप्लास्टी हुई थ,ी तब गहलोत ने स्वयं कहा थ कि यह संक्रमण का साइड इफेक्ट है। गहलोत की उम्र 72 के पार है, लेकिन गहलोत राजनीति में लगातार सक्रिय हैं। गहलोत के सामने जो राजनीतिक चुनौतियां हैं, उसमें गहलोत अपने स्वास्थ्य को कमजोर नहीं दिखा सकते। गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री की भूमिका नहीं निभा रहे, बल्कि इसी वर्ष गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव की बागडोर भी संभालते हैं। गांधी परिवार के मुख्य सलाहकार के नाते कांग्रेस के राष्ट्रीय आंदोलनों की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। यही वजह है कि गहलोत दिल्ली, अहमदाबाद के चक्कर लगाने के साथ साथ राजस्थान भर में दौरे भी कर रहे हैं। 72 पार की उम्र, एंजियोप्लास्टी और बार बार कोरोना संक्रमित होने के बाद भी गहलोत स्वयं को पूर्ण स्वस्थ दिखा रहे हैं। सवाल यह भी है कि गहलोत आखिर इतनी भाग दौड़ किसके लिए कर रहे हैं? गहलोत पिछले 45 वर्षों से राजनीति में है। तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं। कई बार केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। बेटा वैभव गहलोत दुनिया की सबसे मालदार बीसीसीआई की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष हैं। इसे गहलोत की राजनीतिक सक्रियता ही कहा जाएगा कि कांग्रेस के अध्यक्ष के लिए भी गहलोत का नाम सबसे ऊपर है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (01-09-2022)
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