हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति बने जगदीप धनकड़ ने 8 सितंबर को राजस्थान झुंझुनूं के अपने पैतृक गांव किठाना का दौरा किया। इस दौरान गांव की एक सरकारी स्कूल के समारोह में भाग लिया। धनखड़ ने कहा कि जिस गांव की मिट्टी में वे पले और बड़े हुए उस मिट्टी पर उपराष्ट्रपति के तौर पर आना उनके लिए गर्व की बात है। धनखड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति भवन के दरवाजे हर भारतीय के लिए खुले हैं। कोई भी व्यक्ति सूचना देकर मुझ से मुलाकात कर सकता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल और उपराष्ट्रपति के पद पर आसीन रहते हुए बुलेटप्रूफ कार से बाहर नहीं झांक पाना उनकी मजबूरी है। उन्होंने कहा कि सामान्य कार में तो खिड़की के कांच नीचे हो जाते हैं, इसलिए कार में बैठा व्यक्ति भी अपने प्रशंसकों से हाथ मिला सकता है। लेकिन बुलेटप्रूफ कार की खिड़की के कांच नीचे नहीं होते। उन्होंने कहा कि मेरी तरक्की में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मैं चाहता हंू कि किठाना गांव का हर बच्चा शिक्षा ग्रहण करे। कोई भी बच्चा धन के अभाव में शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। पढ़ाई के लिए यदि किसी परिवार को आर्थिक मदद की जरूरत है तो मैं सदैव तैयार हंू। धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नायक हैं। उनके विजन का कोई मुकाबला नहीं है। जब वे सांसद थे तो उन्हें रसोई गैस के 50 कनेक्शन स्वीकृत करने का अधिकार था। उस समय हमारे लिए यह गर्व की बात होती थी कि हम किसी परिवार को गैस कनेक्शन उपलब्ध करवा रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 17 करोड़ भारतीय को नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए हैं। कोरोना काल में 90 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध करवाया है। ये ऐसे कार्य है जो मोदी को देश का नायक बनाते हैं। आज 25 करोड़ रुपए तक का लोन आसानी से उपलब्ध हो रहा है। मैं जब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखता हंू तो मुझे लगता है कि देश बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि मेरे उपराष्ट्रपति बनने से देश का हर किसान गौरवान्वित हुआ है। लेकिन धनखड़ ने इस बात पर अफसोस जताया कि आज गांव में सब्जी भी बाहर से मंगानी पड़ती है। धनखड़ ने किठाना के ग्रामीणों से अपील की कि वे गांव की मांग के अनुरूप सब्जी और फल गांव में ही तैयार करें। खेतों की मेड़ पर पेड़ लगाए जाए ताकि पर्यावरण भी अच्छा हो सके। यहां यह उल्लेखनीय है कि धनखड़ पूर्व में झुंझुनूं के सांसद और अजमेर के किशनगढ़ से विधायक भी रहे हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर धनखड़ ने जो संवैधानिक भूमिका निभाई उसी वजह से उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाया गया।
S.P.MITTAL BLOGGER (08-09-2022)
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