राजस्थान में कांग्रेस के नेता लम्बे समय से प्रदेश प्रतिनिधि के नामों की सूची का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि पिछले दो वर्ष से प्रदेश भर में जिला और ब्लॉक कमेटियां भंग पड़ी है, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रत्येक ब्लॉक से आने वाले प्रदेश प्रतिनिधियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया है। यह सूची राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी दे दी गई। प्रदेश के नेता इस सूची के जारी होने का इंतजार ही कर रहे थे कि सूची के सार्वजनिक होने पर ब्रेक लग गया है। असल में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होना है। इसके लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा भी हो गई है। कांग्रेस के असंतुष्ट सांसद मनीष तिवारी ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की मांग की तो कांग्रेस के मुख्य चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री ने स्पष्ट कर दिया कि मतदाता सूची सार्वजनिक नहीं होगी। यह सूची सिर्फ उम्मीदवार को ही दी जाएगी। कांग्रेस में ब्लॉक स्तर पर चुना गया प्रदेश प्रतिनिधि ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए मतदान करता है। अब जब मतदाता सूची को सार्वजनिक करने पर राष्ट्रीय स्तर पर ही रोक लग गई है, इसलिए राजस्थान में प्रदेश प्रतिनिधियों के नामों की घोषणा पर अपने आप रोक लग गई है। इस बीच कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं द्वारा अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने के संकेत देने से कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जैसे नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के अध्यक्ष बने। इसी सिलसिले में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने जयपुर का दौरा किया है। यदि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मतदान की स्थिति आती है तो राजस्थान के प्रदेश प्रतिनिधि राहुल गांधी को ही वोट देंगे। जानकारों की मानें तो प्रदेश प्रतिनिधियों की सूची पर एक बार फिर से विचार हो रहा है, ताकि बगावत की कोई संभावना नहीं रहे। हो सकता है कि सीएम गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ना पड़े। ऐसे में राजस्थान के मतदाताओं का महत्व और बढ़ जाएगा।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-09-2022)
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