Saturday 10 September 2022

आखिर अजमेर में गहलोत सरकार की छवि कौन खराब कर रहा है?सीएम गहलोत के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के कार्यक्रम में भी घोर लापरवाही।जिला प्रशासन के रवैए के खिलाफ कांग्रेस के नेता पहले ही नाराजगी जता चुके हैं।स्मार्ट सिटी वाले अजमेर सूचना केंद्र के परिसर का दुरुपयोग कर रहे हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि जिस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को मनरेगा के तहत वर्ष में 100 दिन रोजगार उपलब्ध करवाया जाता है, उसी प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में भी जरूरतमंद युवाओं को 100 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध करवाया जाए। इसीलिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई है। सीएम गहलोत की इस महत्वकांक्षी योजना का शुभारंभ 9 सितंबर को प्रदेश भर में हुआ। अजमेर में भी रीजनल कॉलेज चौपाटी पर एक समारोह रखा गया। इस समारोह में करीब दो हजार सफाई कर्मियों को एकत्रित कर लाया गया। सत्तारूढ़ कांग्रेस के कुछ बड़े नेता भी उपस्थित रहे। लेकिन समारोह में जिला प्रशासन का कोई जिम्मेदारी अधिकारी मौजूद नहीं रहा। इस योजना की नोडल एजेंसी नगर निगम है। लेकिन समारोह में निगम के आयुक्त भी मौजूद नहीं थे। 2 हजार के बजाए 500 व्यक्तियों के लिए नाश्ता मंगाया गया। इससे भी समारोह में हंगामे की स्थिति देखी गई। अजमेर डेयरी के अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी रामचंद्र चौधरी, पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती जैसे कांग्रेसियों ने जिला प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई। कांग्रेस का कहना रहा कि शहरी व्यक्तियों को रोजगार देने की योजना सीएम गहलोत का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। सीएम के प्रोजेक्ट में भी प्रशासन गंभीरता नहीं बरत रहा है। यह पहला अवसर नहीं है, जब कांग्रेस के नेताओं ने प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई है। इससे पहले 29 अगस्त को ग्रामीण ओलंपिक खेलों के समारोह में भी शहर कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष विजय जैन सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताई। विजय जैन ने प्रभारी मंत्री महेंद्र जीत सिंह की उपस्थिति में ही समारोह का बहिष्कार किया। जैन का आरोप रहा कि प्रशासन ने कांग्रेस के नेताओं को आमंत्रित तक नहीं किया। भाजपा के सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी एवं पार्षदों से कलेक्टर अंशदीप द्वारा बैठे हुए ज्ञापन लेने की घटना खूब चर्चित हुई थी, जबकि जन प्रतिनिधि खड़े थे। भाजपा विपक्ष में है, इसलिए उनके नेताओं का नाराज होना स्वाभाविक है। लेकिन यदि हर बार कांग्रेस के नेता भी नाराज हो तो फिर प्रशासन के कामकाज पर सवाल उठते ही है। शहरी रोजगार गारंटी का जब समारोह आयोजित किया तो फिर प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को उपस्थित रहना ही चाहिए था। अधिकारियों के रवैये से प्रतीत होता है कि गहलोत सरकार की छवि खराब की जा रही है। जानकारों की मानें तो प्रशासन के बड़े अधिकारियों को कांग्रेस के ही एक बड़े नेता का संरक्षण है। इसलिए प्रशासन के अधिकारी किसी की भी परवाह नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि जिला मुख्यालय और अन्य विभाग जैसे नगर निगम, जिला परिषद, नगर निगम, जलदाय विभाग आदि में तालमेल नहीं है। इससे आम लोगों की समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं सरकार की योजनाओं का लाभ भी जरूरतमंद और पात्र व्यक्तियों तक नहीं पहुंच रहा है। लम्पी स्किन डिजीज के मामले में तो प्रशासन पूरी तरह फेल रहा। रोग से मरी गायों को जमीन में दफन करने के लिए नमक तक इंतजाम नहीं हुआ।
 
सूचना केंद्र परिसर का दुरुपयोग:
अजमेर स्थित सूचना केंद्र परिसर में स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत करवाए जा रहे कार्यों पर अब आपत्तियां दर्ज करवाई गई है। जागरूक व्यक्तियों ने सूचना केंद्र बचाओ संघर्ष समिति का गठन भी किया है। समिति के संयोजक करण सिंह का आरोप है कि स्मार्ट सिटी के इंजीनियर अपनी मनमर्जी से सूचना केंद्र परिसर में निर्माण कार्य करवा रहे हैं। जनसंपर्क निदेशालय ने सिर्फ तीन कार्यों की अनुमति दी, लेकिन इसके विपरीत कई कार्य अपनी मर्जी से करवाए गए हैं। सूचना केंद्र का उद्देश्य पत्रकारों, साहित्यकारों, रंगकर्मियों, लोक कलाकारों आदि को सुलभ स्थान उपलब्ध करवाना है। लेकिन सूचना केंद्र के उद्देश्यों के विपरीत इस परिसर में अन्य विभाग शुरू किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। पूर्व में जो खुला रंगमंच था उसकी क्षमता करीब 800 दर्शकों की थी, लेकिन अब जो खुला रंगमंच बनाया गया है, उसकी क्षमता मात्र 400 दर्शकों की रखी गई है। इसी परिसर में नियमों के विपरीत पार्किंग स्थल बनाया गया है। इस पार्किंग स्थल पर अवैध तौर पर बाजार के वाहन खड़े हो रहे हैं। करण सिंह ने सूचना केंद्र परिसर के हो रहे दुरुपयोग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि अजमेर सूचना केंद्र के उद्देश्य बने रहे चाहिए। स्मार्ट सिटी योजना के कार्यों की वजह से सूचना केंद्र में पिछले तीन वर्षों से कोई समारोह नहीं हो रहा है। पूरा परिसर अस्त व्यस्त है। इतना ही नहीं सूचना केंद्र के बाहर कारें खड़ी रहती हैं, जिनकी वजह से यातायात प्रभावित होता है। मेडिकल कॉलेज के चौराहे से आने वाला ट्रैफिक सूचना केंद्र के मुख्य द्वार के सामने से ही यू टर्न लेकर आगरा गेट, कचहरी रोड की ओर जाता है। जबकि मुख्य द्वार के बाहर वाहन खड़े रहने से लोगों को भारी परेशानी हो रही है। सूचना केंद्र के दुरुपयोग के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9680141361 पर संघर्ष समिति के संयोजक करण सिंह ली जा सकती है। 


S.P.MITTAL BLOGGER (10-09-2022)
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