Saturday 25 November 2023

राष्ट्रवाद और मुफ्त की योजनाओं पर हावी रहा जातिवाद।भाजपा और कांगे्रस की अब सरकार बनाने की तैयारियां।लाइव डिबेट में भाग लेने की सूचना।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को सायं 6 बजे तक मतदान की प्रक्रिया चल रही है। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है। मतदान से पहले करीब तीस दिनों तक प्रदेश में कांग्रेस, भाजपा और अन्य छोटे दलों ने जमकर प्रचार किया। भाजपा ने जहां राष्ट्रवाद को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया। वहीं कांग्रेस का जोर अपनी मुफ्त की योजनाओं पर रहा। कांग्रेस के विज्ञापनों में यहां तक धमकियां दी गई कि यदि दोबारा से कांग्रेस की सरकार नहीं बनी तो मुफ्त की योजनाएं बंद हो जाएगी। हालांकि इस धमकी भरे विज्ञापन पर चुनाव आयोग ने मतदान से दो हदन पहले रोक लगा दी, लेकिन तब तक कांग्रेस का मकसद पूरा हो चुका था। भाजपा ने इन चुनावों में राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाया और यह बताने की कोशिश की कि देश के लिए राष्ट्रवाद की भावना कितनी जरूरी है। यदि देश ही नहीं बचेगा तो फिर मुफ्त की योजनाओं का क्या फायदा। भाजपा के प्रचार की कमान खुद सीएम मोदी ने संभाली और एक सप्ताह में 14 से ज्यादा आम सभाएं कर यह दर्शा दिया कि राज्य के चुनाव में पीएम मोदी की कितनी अहमियत है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में मतदाताओं को विस्तार से जानकारीदी। प्रदेश के नेताओं में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे नह ही अकेले दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में जाकर भाजपा का प्रचार किया। लेकिन 25 नवंबर को मतदान के दौरान यह देखा गया कि भाजपा और कांग्रेस के प्रचार पर जातिवाद हावी रहा। मतदाताओं विशेषकर ग्रामीण मतदाताओं ने अपने जाति के उम्मीदवार को वोट देने को तवज्जो दी। ऐसा लगा कि प्रदेश की प्रमुख बड़ी जातियों के नेताओं ने अंदर ही अंदर यह रणनीति बनाई कि पार्टी के बजाए अपनी जाति के उम्मीदवार को वोट दिया जाए। भाजपा ने यदि उनकी जाति का उम्मीदवार बनाया है और कांग्रेस ने उसी जाति के उम्मीदवार को किसी दूसरे विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवार बनाया तो उस जाति के मतदाताओं ने कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही अपना वोट दिया। 25 नवंबर को मतदान केंद्रों पर जुटी मतदाताओं की भीड़ से प्रतीत हुआ कि ऐसी रणनीति बनाने में राजपूत, जाट, रावत, ब्राह्मण गुर्जर आदि जातियों की सक्रियता रही। जातियों के प्रतिनिधियों की यह रणनीति कितनी सफल रही इसका पता तो 3 दिसंबर को मतगणना के दिन पता चलेगा। जातियों का चुनाव में कितना प्रभाव होता है, इसका अंदाजा पीएम मोदी के भाषणों से भी लगाया जा सकता है। गुर्जर मतदाताओं के संदर्भ में पीएम मोदी का कहना रहा कि कांग्रेस ने स्वर्गीय राजेश पायलट और उनके पुत्र सचिन पायलट का अपमान किया। पीएम ने यह बात इसलिए कही कि वर्ष 2018 में गुर्जर मतदाताओं ने एक तरफा कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन फिर भी कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। चूंकि इस बार भी कांग्रेस ने पायलट को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया, इसलिए पीएम मोदी का प्रयास रहा कि गुर्जर मतदाताओं को भाजपा की ओर आकर्षित किया जाए।

सरकार बनाने पर फोकस:
राजस्थान में किस दल को बहुमत मिला है, वह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा। लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने सरकार बनाने की तैयारियां शुरू कर दी है। मतदान से पहले सीएम अशोक गहलोत ने बार बार कहा कि उनकी सरकार रिपीट होगी। वही पीएम मोदी ने गारंटी दी कि इस बार राजस्थान में भाजपा की सरकार बनेगी। जब दोनों ही दलों को बहुमत मिलने की उम्मीद है, तब मतदान के बाद सरकार बनाने की तैयारियां करना जरूरी हो गया है। सूत्रों की माने तो दोनों ही प्रमुख दलों ने मजबूत निर्दलीय उम्मीदवारों पर भी नजर लगा रखी है। प्रदेश में इस बार 25 से भी ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में निर्दलीय और छोटे दलों के उम्मीदवार कांग्रेस और भाजपा को टक्कर दे रहे हैं। वर्ष 2018 में 13 निर्दलीय उम्मीदवार विधायक बने। इन सभी ने पांच वर्ष तक कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया। इस समर्थन की एवज में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जो कीमत वसूली उसी का परिणाम है कि इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही खुली बगावत हुई है। जहां तक बसपा जैसे दलों का सवाल है तो उनके विधायक गत दो बार से बिक रहे हैं। अशोक गहलोत ने 2008 और 2018 में बसपा के सभी छह विधायकों को हड़प लिया। लेकिन फिर भी कई विधानसभा क्षेत्रों में बसपा के उम्मीदवार मजबूत स्थिति में है। गत बार बसपा के टिकट पर विधायक बने राजेंद्र गुढ़ा ने खुलेआम आरोप लगाया था कि बसपा सुप्रीमो मायावती लाखों रुपया लेकर टिकट देती है। बसपा पर ऐसे आरोप उत्तर प्रदेश में भी लगे हैं। यही वजह है कि धनाढ्य नेता बसपा का टिकट हासिल कर विधायक तो बन जाते हैं, लेकिन बाद में किसी दल में शामिल होने या समर्थन देने का निर्णय अपने विवेक से करते हैं। भाजपा सरकार की तैयारियां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशन में हो रही है, जबकि कांग्रेस की कमान अशोक गहलोत के पास है। कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो गहलोत ही मुख्यमंत्री होंगे, क्योंकि राजस्थान में गहलोत ने अपनी पकड़ बनाए रखी है। गहलोत की शक्ति के सामने हाईकमान भी कमजोर है। जहां तक सचिन पायलट का सवाल है तो इस बार उनके पक्के समर्थक विधायकों की संख्या पहले से कम रहेगी।
 
लाइव डिबेट की सूचना:
राजस्थान के प्रमुख न्यूज़ चैनल सच बेधड़क, जीटीवी, न्यूज 18, फर्स्ट इंडिया आदि पर 25 नवंबर को मतदान के दौरान और उसके बाद जो लाइव डिबेट के प्रोग्राम प्रसारित हो रहे हैँ। उसमें संपादक ब्लॉगर एसपी मित्तल में भाग लेंगे। मित्तल की उपस्थिति इन चैनलों पर बारी बारी से दोपहर एक बजे बाद से होगी। इन चैनलों को सभी सैटेलाइट प्लेटफार्म और सैटेलाइट केबल नेटवर्क पर देखा जा सकता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (25-11-2023)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment