अजमेर, जयपुर, टोंक और दौसा जिले की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध से अब सिंचाई के लिए 2.59 टीएमसी पानी नहरों में छोड़ा जाएगा। सरकार ने यह निर्णय किसानों के आंदोलन के मद्देनजर लिया है। नहरों में पानी छोड़ने के लिए किसान पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए ही सरकार ने सिंचाई के लिए पानी छोड़ने के आदेश दिए हैं। हालांकि किसानों ने चार टीएमसी पानी देने की मांग की थी, लेकिन फिलहाल सरकार ने 2.59 टीएमसी पानी देने पर सहमति दी है। सिंचाई के लिए पानी देने के बाद बीसलपुर बांध का जल स्तर आधा मीटर कम हो जाएगा। 10 नवंबर को बांध का जलस्तर 313.36 आंका गया, जो अगले कुछ दिनों में 313 मीटर ही रह जाएगा।
चार दिन में सप्लाई:
किसानों के प्रदर्शन के दबाव में सरकार भले ही बीसलपुर बांध से नहरों में पानी छोड़ रही हो, लेकिन अजमेर में चार दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही है। विधानसभा चुनाव में पेयजल समस्या भी प्रमुख मुद्दा है। कांग्रेस के प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता ने तो स्पष्ट कहा है कि विधायक बनने के बाद पहली प्राथमिकता पेयजल की समस्या को दूर करने की होगी। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि अजमेर उत्तर से पिछले बीस वर्षों से वासुदेव देवनानी भाजपा विधायक की भूमिका निभा रहे हैं लेकिन पेयजल की समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
S.P.MITTAL BLOGGER (10-11-2023)
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