Sunday 11 February 2024

तो क्या राजस्थान में आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग पर पेपर लीक को लेकर लगे आरोप माफ हो जाएंगे?राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा अभी भी नहीं।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में भाजपा और आरएलडी के बीच समझौता हो गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में आरएलडी के एकमात्र विधायक सुभाष गर्ग भी भाजपा का समर्थन करेंगे, लेकिन सवाल उठता है कि कांग्रेस शासन में गर्ग पर रीट परीक्षा में हुई धांधली को लेकर जो आरोप लगे क्या वे भी माफ हो जाएंगे? कांग्रेस शासन में सुभाष गर्ग को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का समर्थक माना गया। इसलिए गर्ग को स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री भी बनाया गया। सीएम गहलोत का संरक्षण होने के कारण ही रीट परीक्षा भी गर्ग की देखरेख में ही कराई गई। कांग्रेस शासन में पेपर लीक के मामलों को उजागर करने वाले भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने तब मंत्री सुभाष गर्ग पर गंभीर आरोप लगाए। मीणा का कहना रहा कि सुभाष गर्ग ने राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े शिक्षकों को रीट परीक्षा का समन्वयक बनवा दिया। नियमों के विपरीत जाकर रीट के प्रश्न पत्र जयपुर में पहले शिक्षा संकुल में रखवाए और फिर इसी स्थान से रीट के पेपर चुरा लिए गए। मीणा के आरोपों के बाद कांग्रेस सरकार को रीट परीक्षा रद्द करनी पड़ी। यहां तक कि रीट परीक्षा लेने वाले माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त भी करना पड़ा। तब जारौली ने कहा था कि राजनीतिक संरक्षण की वजह से ही गड़बड़ी हुई है। भाजपा सांसद मीणा ने मांग की थी कि एसओजी को जांच के दायरे में सुभाष गर्ग को भी लेना चाहिए, लेकिन तब एसओजी ने मंत्री गर्ग को जांच के दायरे में नहीं लिया। अब भाजपा के शासन में उम्मीद जताई जा रही थी कि एसओजी और सरकार द्वारा गठित एसआईटी की टीम जल्द ही सुभाष गर्ग से पूछताछ करेगी। सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा भी है कि पेपर लीक के किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। तब के सांसद और अब राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने उम्मीद जताई है कि जांच एजेंसियां सुभाष गर्ग और बर्खास्त अध्यक्ष डीपी जारौली से पूछताछ कर सख्त कार्यवाही करेगी। मीणा ने कांग्रेस शासन में जांच एजेंसियों को जो सबूत दिए उसमें बताया गया कि रीट परीक्षा के लिए उसी कम्प्यूटर फर्म का चयन किया गया , जिसके माध्यम से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए सुभाष गर्ग ने परीक्षाओं का काम करवाया। इसी प्रकार कोलकाला की उसी प्रिंटिंग प्रेस में रीट के पेपर छपवाए जिसमें सुभाष गर्ग बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छपवाते थे। जबकि इस प्रिंटिंग प्रेस पर प्रश्न पत्रों के गड़बडिय़ों के गंभीर आरोप थे। मीणा ने सवाल उठाया कि आखिर सुभाष गर्ग की चहेती फर्मों को रीट परीक्षा का काम क्यों दिया गया? सुभाष गर्ग के दबाव की वजह से ही जयपुर में रीट परीक्षा का समन्वयक प्रदीप पाराशर और रामकृपाल मीणा को बनाया गया। मीणा का यह भी आरोप रहा कि सुभाष गर्ग की परिचित अजमेर गवर्नमेंट कॉलेज की सह आचार्य डॉ. सुनीता पचौरी को अजमेर जिले के समन्वयक नियुक्त किया। सुनीता ने अपने परिवार से जुड़े शिक्षण संस्थान आईटीआई में ही रीट का परीक्षा केंद्र बना दिया। इतना नहीं नहीं इस केंद्र का पर्यवेक्षक भी रिश्तेदार को ही नियुक्त किया। अजमेर के टांक शिक्षा निकेतन वाले परीक्षा केंद्र में डॉ. राकेश टांक को ऑब्जर्वर नियुक्त किया। जबकि यह संस्थान राकेश टांक की बेटी का है। देखना है कि उत्तर प्रदेश में आरएलडी के साथ हुए समझौते के बाद राजस्थान में आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग की क्या भूमिका होती है।
उम्मीदवारों की घोषणा अभी भी नहीं:
जिन राज्यों में राज्यसभा के चुनाव होने हैं, उनमें भाजपा ने 11 फरवरी को 14 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। राजस्थान में भी तीन स्थानों के लिए चुनाव होना है, लेकिन भाजपा ने राजस्थान के उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की। जबकि नामांकन की अंतिम तिथि 15 फरवरी है। मतदान 27 फरवरी को होना है। राजस्थान में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और डॉ. मनमोहन सिंह (कांग्रेस) का कार्यकाल पूरा होने पर चुनाव कराए जा रहे हैं। 11 फरवरी को जिन 14 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है उनमें 13 नए नाम है। भाजपा ने राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को ही दोबारा से उम्मीदवार बनाया गया है। जिन मौजूदा राज्यसभा सांसदों को उम्मीदवार नहीं बनाया उसमें कुछ को लोकसभा चुनाव लड़ाया जाएगा। कहा जा रहा है कि राजस्थान के मौजूदा सांसद भूपेंद्र यादव को भी लोकसभा का चुनाव लड़ाया जाएगा। यादव को हरियाणा के महेंद्रगढ़ या फिर राजस्थान के अलवर से चुनाव लड़ाने की तैयारी है। दूसरे सांसद किरोड़ी लाल मीणा पहले ही विधायक बनकर भाजपा सरकार में मंत्री बन गए है। यानी राजस्थान की दोनों सीटों पर भाजपा नए चेहरों को उम्मीदवार बनाएगी। स्वास्थ्य कारणों से कांग्रेस भी इस बार पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को उम्मीदवार नहीं बना रही है। कांग्रेस भी किसी नए चेहरे को लाएगी। विधायकों की संख्या को देखते हुए राजस्थान में भाजपा के दो और कांग्रेस के एक उम्मीदवार का जीतना तय है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (12-02-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment