अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट अंदर कोट क्षेत्र में 20 फरवरी को आधी रात उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब उत्तराखंड के दो बदमाश दानिश (23) और शहजाद (33) ने केरल और अजमेर पुलिस की संयुक्त टीम पर तीन राउंड फायरिंग की। इस फायरिंग में एक गोली प्रशिक्षु आईपीएस कामलेश शरण गोपीनाथ के कान के पास से गुजरी। आईपीएस बाल बाल बच गए। जिला पुलिस अधीक्षक देवेंद्र बिश्नोई ने बताया कि केरल पुलिस के माध्यम से सूचना मिली थी कि केरल के एर्नाकुलम जिले में नकबजनी की वारदात के दो आरोपी अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट बने गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं। इस सूचना पर केरल और अजमेर पुलिस की संयुक्त टीम बनाई। यह टीम रात साढ़े नौ बजे दरगाह क्षेत्र में पहुंची। सूचनाएं एकत्रित करने के बाद पता चला कि दोनों बदमाश दरगाह से सटे अंदरकोट स्थित एमएम गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं। पुलिस ने गेस्ट हाउस के बाहर घेराबंदी की ताकि दोनों बदमाशों को पकड़ा जा सके। लेकिन तभी एक बदमाश दानिश ने पुलिस टीम पर गोली चला दी। तीन राउंड फायर किए जाने के बाद भी पुलिस टीम ने बहादुरी से बदमाशों का मुकाबला किया। संघर्ष के बाद दोनों बदमाशों को दबोच लिया गया। एसपी देवेंद्र बिश्नोई ने बताया कि दोनों बदमाश उत्तराखंड के रुड़की जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने दानिश के पास से एक पिस्टल व दो जिंदा कारतूस तथा शहजाद के पास से एक पिस्टल और पांच जिंदा कारतूस मय मैगजीन बरामद किए हैं। दोनों की गिरफ्तारी के बाद पिछला आपराधिक रिकॉर्ड तलाशा जा रहा है।
पद संभालते ही निडरता:
देवेंद्र बिश्नोई ने 20 फरवरी को दिन में ही अजमेर के पुलिस अधीक्षक का पद संभाला, लेकिन रात होते होते उनके सामने चुनौती खड़ी हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही बिश्नोई ने स्वयं निगरानी का काम किया। बिश्नोई ने इस बात का ख्याल रखा कि पुलिस टीम को कोई क्षति नहीं हो। बिश्नोई ने सुबह तक हालातों की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बदमाशों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष का वीडियो भी बनाया है। इस वीडियो को मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। वीडियो को देखने से प्रतीत होता है कि पुलिस कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बदमाशों को पकड़ा है।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं बदमाश:
अजमेर के दरगाह क्षेत्र में पहले भी कुख्यात बदमाशों को पकड़ा जा चुका है। नशीले पदार्थों के तस्करों से लेकर हत्या, डकैती आदि अपराधों के बदमाश दरगाह क्षेत्र से पकड़े गए हैं। चूंकि दरगाह क्षेत्र में घनी आबादी है, इसलिए बदमाशों को शरण लेने में सुविधा होती है। कई बार तो बदमाश ऐसे स्थानों पर जाकर छिप जाते हैं, जहां पुलिस का पहुंचना मुश्किल होता है। बीस फरवरी की आधी रात को हुई वारदात में भी बदमाशों तक पहुंचने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
पद संभालते ही निडरता:
देवेंद्र बिश्नोई ने 20 फरवरी को दिन में ही अजमेर के पुलिस अधीक्षक का पद संभाला, लेकिन रात होते होते उनके सामने चुनौती खड़ी हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही बिश्नोई ने स्वयं निगरानी का काम किया। बिश्नोई ने इस बात का ख्याल रखा कि पुलिस टीम को कोई क्षति नहीं हो। बिश्नोई ने सुबह तक हालातों की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बदमाशों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष का वीडियो भी बनाया है। इस वीडियो को मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/
पहले भी पकड़े जा चुके हैं बदमाश:
अजमेर के दरगाह क्षेत्र में पहले भी कुख्यात बदमाशों को पकड़ा जा चुका है। नशीले पदार्थों के तस्करों से लेकर हत्या, डकैती आदि अपराधों के बदमाश दरगाह क्षेत्र से पकड़े गए हैं। चूंकि दरगाह क्षेत्र में घनी आबादी है, इसलिए बदमाशों को शरण लेने में सुविधा होती है। कई बार तो बदमाश ऐसे स्थानों पर जाकर छिप जाते हैं, जहां पुलिस का पहुंचना मुश्किल होता है। बीस फरवरी की आधी रात को हुई वारदात में भी बदमाशों तक पहुंचने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
S.P.MITTAL BLOGGER (21-02-2024)
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