Saturday 25 May 2024

समाज के मन को परिष्कृत करना ही पत्रकारिता है। ऐसी पत्रकारिता देवर्षि नारद जी ने की थी-शिक्षाविद हनुमान सिंह राठौड़तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने भी ब्लैक मेल कांड न छापने की सलाह दी थी-नवज्योति के प्रधान संपादक दीनबंधु चौधरी।अजमेर में नारद जयंती पर हुई विचार गोष्ठी।

नारद जयंती के उपलक्ष में विश्व संवाद केंद्र के अजमेर चैप्टर की ओर से स्वामी कॉम्प्लेक्स के सभागार में 25 मई को एक विचारगोष्ठी हुई। पत्रकारों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों ने भरे सभागार में देश के प्रमुख शिक्षाविद् और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी हनुमान सिंह राठौड़ ने देवर्षि नादर जी की पत्रकारिता और मौजूदा समय की पत्रकारिता की तुलना बहुत ही तर्कपूर्ण और गहराई से की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का उद्देश्य समाज के मन को परिष्कृत करना होना चाहिए। ऐसी पत्रकारिता देवर्षि नारद जी ने की थी। भले ही देवताओं और असुरों में युद्ध चल रहा हो, लेकिन दोनों ही वर्ग नारद जी की सूचनाओं पर भरोसा करते थे। असुरों से संवाद होने के बाद भी नारद जी हमेशा धर्म के साथ खड़े रहे। चूंकि नारदजी धर्म के साथ थे, इसलिए कभीभी असत्य बात नहीं की। राठौड़ ने कहा कि आज भी हमें नारद जी जैसी पत्रकारिता की जरुरत है। आज जब पत्रकारिता बहुआयामी हो गई है, तब पत्रकारिता पर से भरोसा कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में नई तकनीक की जरुरत है, लेकिन आज इस तकनीक के दम पर पत्रकारिता का अर्थ बदल गया है। प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के बाद अब सोशल मीडिया और आर्टिफिशल इटेंलीजेंसी तकनीक आ गई है। हमें इन तकनीकों से सावधान रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति का अध्यात्म से जुड़ाव है। हमें तकनीक, समाचार संकलन के साथ साथ पाठक की रुचि का विशेष ध्यान रखना होगा। आज पाठक और सूचना के बीच समय और दूरी घट गई है। राठौड़ ने इस बात पर अफसोस जताया कि हिंदी के अखबारों में अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग होता है। अखबार के संपादक तर्क देते हैं कि पाठकों के आसानी से समझ में आ जाए इसलिए अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। राठौड़ ने कहा कि यह तर्क नहीं कुतर्क है, क्योंकि जो शब्द हिंदी भाषा के स्वरूप को ही बदल दे, उसे पत्रकारिता नहीं कहा जा सकता है। राठौड़ ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि अब पत्रकारिता अर्थिक पैकेज से प्रभावित होने लगी है। कई बार समाज की खबर इसलिए नहीं छप पाती है कि आर्थिक पैकेज वाला कोटा पूरा नहीं हुआ है। आज कितने लोग हैं जो समर्पित होकर पत्रकारिता कर रहे हैं। आज कितने लोग हैं कि मीडिया संस्थानों में आर्थिक पैकेज का बोलबाला हो गया है। राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में भी उपस्थित था। मेरे सामने ही संघ प्रमुख आदरणीय मोहन भागवत ने आरक्षण को लेकर अपने विचार रखे थे, लेकिन एक अखबार में प्रमुखता से छप गया कि मोहन भागवत आरक्ष्ज्ञण के पक्ष में नहीं है। जबकि बैठक में मोहन भागवत ने ऐसी कोई बात नहीं कही। इस समाचार से किसका हित पूरा हुआ यह समझने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि इन बातों से ही पत्रकारिता की प्रतिष्ठा को धक्का लग रहा है। नारद जयंती पर विचार गोष्ठी के संदर्भ में राठौड़ ने कहा कि अंग्रेजों के समय जब कोलकाता से पहला अखबार शुरू हुआ तो उस दिन भी नारद जयंती थी। अखबार में नारद जी का फोटो छापते हुए संपादक ने संकल्प लिया कि वह नारद जी की तरह पत्रकारिता करेगा। उन्होंने कहा कि आज सूचनाओं की भरमार है, लेकिन कौनसी सूचना दी जाए, यह तय करना महत्व का काम है। आए दिन अखबारों में बलात्कार की घटनाओं की खबरें प्रकाशित होती है। मीडिया को यह भी बताना चाहिए कि देश की आबादी के मुकाबले में बलात्कार की कितनी घटनाएं हो रही है। आज मीडिया का काम सिर्फ सूचना देना नहीं बल्कि सूचना के पीछे छिपे तथ्यों को भी लाना है।

जब शेखावत ने दी सलाह:
विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक दीनबंधु चौधरी ने अपने अखबार और पत्रकारिता से जुड़ी घटनाओं की जानकारी दी। चौधरी ने कहा कि जब अजमेर में बहुचर्चित ब्लैकमेल कांड हुआ था, तब सबसे पहले और प्रमुखता के साथ नवज्योति में ही खबरें प्रकाशित हुई। उस समय इस कांड में लिप्त लोगों ने मुझे जान से मारने तक की धमकी दी। उन्हीं दिनों तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने भी फोन पर सलाह दी कि ब्लैक मेल कांड की खबरें प्रकाशित न की जाए। शेखावत का कहना रहा कि इस कांड में लिप्त लोग बुरी प्रवृत्ति के है जो नुकसान पहुंचा सकते हैं। चौधरी ने बताया कि शेखावत ने यह सलाल नवज्योति पर दबाव डालने के लिए नहीं दी, बल्कि परिवार का सदस्य होने के नाते दी थी। यह बात अलग है कि मैंने निर्भीकता के साथ ब्लैकमेल कांड की खबरों को सिलसिलेवार प्रकाशित किया। चौधरी ने अपने संबोधन में ब्लैकमेल कांड की खबरों को एकत्रित करने वाले संवाददाता संतोष गुप्ता के नाम का भी उल्लेख किया। चौधरी ने बताया कि हमारे संवाददाता संतोष गुप्ता ही फोटो कलर लैब से सबसे पहले अश्लील फोटो हासिल करने में सफल हुए। चौधरी ने कहा कि उनके पिता दुर्गाप्रसाद चौधरी स्वतंत्रता सेनानी रहे। उनके पिता ने ही देश की आजदी नवज्योति का प्रकाशन किया। उनके पिता 6 वर्षो तक जेल में भी रहे। चौधरी ने स्वीकार किया कि अब अखबार में पहले जैसी निडरता नहीं दिखाई जा सकती। मैं उन कारणों में नहीं जाना चाहता, लेकिन इस तथ्यों को स्वीकार करता हूं कि मौजूदा हालातों में हिम्मत की कमी है।

गणमान्य लोग उपस्थित:
विचार गोष्ठी में विश्व संवाद केंद्र अजमेर चैप्टर के सचिव निरंजन शर्मा ने केंद्र की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। गोष्ठी का संचालन पुष्कर रोड स्थित आदर्श विद्या निकेतन के प्राचार्य भूपेंद्र उबाना ने किया। अंत में केंद्र के अध्यक्ष एसपी मित्तल ने आभार प्रकट किया। गोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चित्तौड़ प्रांत के प्रचार प्रमुख राजेंद्र लालवानी, संघ के अजमेर महानगर संघ चालक खाजूलाल चौधरी, शिक्षाविद नारायणलाल गुप्ता, सुशील बिस्सू, आनंद गोयल, अनूप आत्रे, सुनील दत्त जैन के साथ साथ राजस्थान पत्रिका के अजमेर संस्करण के संपादक सीपी जोशी, स्वामी न्यूज चैनल के प्रमुख कंवल प्रकाश किशनानी, न्यूज 18 के अशोक भाटी, जी न्यूज के अभिजीत दवे के साथ साथ नेमीचंद तंबोली, ऋषिका महर्षि, विजय पाराशर अखिलेश जैन आदि भी उपस्थित रहे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (25-05-2024)
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