Wednesday, 15 January 2025

जैन संत विद्यासागर जी का पैनोरमा बनने से अजमेर का धार्मिक महत्व और बढ़ेगा। हिंदी, संस्कृत के साथ साथ कन्नड़, बांग्ला, अंग्रेजी और प्राकृत भाषा के ज्ञाता थे विद्यासागर। 19 जनवरी को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पैनोरमा का शिलान्यास करेंगे।

पुष्कर तीर्थ होने के कारण देश दुनिया में धार्मिक दृष्टि से अजमेर का विशेष महत्व है। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की निर्वाण स्थली भी अजमेर में ही है। ऐसे धार्मिक और कर्मयोगी अजमेर का महत्व अब और बढ़ने जा रहा है। जैन समाज में भगवान का दर्जा प्राप्त संत विद्यासागर जी महाराज का पैनोरमा नारेली स्थित ज्ञानोदय तीर्थ के सामने बनने जा रहा है। इस पैनोरमा में विद्यासागर जी के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। पैनोरमा के लिए राज्य की भाजपा सरकार ने 12 हजार मीटर भूमि नि:शुल्क दी है। पैनोरमा बनाने का काम राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के पास है। प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया कि जैन संत विद्यासागर जी के जीवन से जुड़ी सभी घटनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण जैन समाज के विद्वानों से संपर्क कर रहा है। जैन समाज के प्रतिनिधि और भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य पुखराज पहाडिय़ा ने बताया कि पैनोरमा का शिलान्यास 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा करेंगे। शिलान्यास समारोह में देश भर के जैन समाज के लोग भाग लेंगे। इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता: जैन संत विद्यासागर महाराज के परम शिष्य अजय दनगसिया ने बताया कि अजमेर में पैनोरमा बनना इसलिए भी महत्व रखता है कि विद्यासागर जी ने 30 जून 1968 को अजमेर में ही मुनि दीक्षा ग्रहण की थी। उन्होंने मात्र 20 वर्ष की उम्र में ही घर परिवार त्याग कर अहिंसा का व्रत ले लिया था। इसे मुनिश्री की विद्वता ही कहा जाएगा कि देश के दस राज्यों के 120 दिगंबर मुनि, 172 साध्वियां, 64 क्षुल्लक साधक, 56 एलक साधक ने दीक्षा प्राप्त की और अब समर्पण भाव से धर्म की गंगा बहा रहे हैं। देश दुनिया के साहित्य के लिए यह बड़ी बात है कि प्राचीन जैनाचार्यों के चौबीस संस्कृत ग्रंथों का हिंदी में अनुवाद किया और अब देश दुनिया के पाठक सरलता के साथ पढ़ रहे हैं। अपने महाकाव्य मूक-माटी का सृजन कर जैन मुनि ने साहित्य के क्षेत्र में चमत्कार किया है। नीति-धर्म-दर्शन, आध्यात्मिक विषयों पर संस्कृत भाषा में अनेक पुस्तकें प्रकाशित की। जैन मुनि के प्रवचनों के पचास संग्रह ग्रंथ आज पाठकों के लिए उपलब्ध हैं। जैन मुनि ने अपने जीवन काल में भारतीय शिक्षा पद्धति लागू हो, छात्र-छात्राओं की शिक्षा पृथक पृथक हो, भारत को इंडियन की जगह भारत देश ही कहा जाए, नौकरी नहीं व्यवसाय करो, चिकित्सा को व्यवसाय नहीं सेवा मानो, बैंकों के भ्रम जाल से बचो, खेती सर्वश्रेष्ठ, हाथ करघा, महिलाएं साड़ी पहने, मांस का निर्यात बंद हो, शत प्रतिशत मतदान हो विषयों पर भी मुनिश्री ने जोर दिया। आज मुनिश्री की प्रेरणा से देशभर में 72 गौशालाएं संचालित हो रही है। मध्य प्रदेश के सागर में भाग्योदय तीर्थ धर्मार्थ चिकित्सालय की स्थापना भी मुनिश्री की प्रेरणा से हुई है। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जैन मुनि से आशीर्वाद प्राप्त किया है। दनगसिया और पहाडिय़ा ने कहा कि जैन संत विद्यासागर महाराज का अजमेर में पैनोरमा बनना अपने आप में बड़ी बात है। यहां उल्लेखनीय है कि विद्यासागर जी ने अजमेर में जिस पाश्र्वनाथ कॉलोनी में दीक्षा ग्रहण की थी, उस स्थान पर आज उनका कीर्ति स्तंभ बन गया है। यह कीर्ति स्तंभ आरके मार्बल के सहयोग से बना है। 19 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9928072711 पर पुखराज पहाडिय़ा और 9414002911 पर अजय दनगसिया से प्राप्त की जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (15-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment