Sunday, 12 January 2025

800 वर्ष की गुलामी और 60 वर्ष के अंधेरे के बाद भारत में अब सनातनियों के लिए सुनहरे दिन। जब अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का जश्न तो प्रयागराज में महाकुंभ की धूम। सरकारी न्यूज़ चैनल पर भी माथे पर चंदन और गले में गमछा डालकर संवाददाता भगवान राम की स्तुति कर रहे हैं।

पहले 800 वर्षों की गुलामी फिर आजादी के 60 वर्षों में किसी भी सनातनी ने यह कल्पना नहीं की थी कि एक दिन ऐसा आएगा। जब देश के सरकारी न्यूज़ चैनल पर अयोध्या से राम दरबार के धार्मिक अनुष्ठान का लाइव प्रसारण होगा। माथे पर चंदन का लेप और गले में गमछा डालकर संवाददाता भगवान राम के श्रृंगार का विवरण देशवासियों को सुनाएंगे। सब जानते हैं कि अयोध्या में गत वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। इस वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी 11 जनवरी को थी, इसलिए अयोध्या में तीन दिवसीय उत्सव मनाया जा रहा है। प्रतिदिन होने वाले भगवान राम के श्रृंगार और आरती का लाइव प्रसारण सरकार के न्यूज़ चैनलों पर हो रहा है। मंदिर में खड़े होकर चैनल के संवाददाता देश भर के लोगों को लाइव जानकारी दे रहे है। एक और देश में प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का जश्न मनाया जा रहा है तो दूसरी ओर प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ की धूम मची हुई है। इस बार मकर संक्रांति पर 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होगी। महाकुंभ की तैयारियां भी सरकारी चैनल पर विस्तार के साथ दिखाई जा रही है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सनातन संस्कृति में आस्था रखने वालों के लिए यह सुनहरे दिन है। 600 वर्षों के मुगल काल में जहां सनातन संस्कृति को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई, वहीं 200 वर्षों के अंग्रेजों के शासन में सनातन संस्कृति को पीछे धकेला गया। 1947 में देश की आजादी के बाद से ऐसी सरकारें रही जिन्होंने सनातन धर्म को धर्म निरपेक्षता के चश्मे से देखा और सनातनी विचारधारा को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन देश में पिछले दस वर्षों में देखा जा रहा है कि लोगों का सनातन संस्कृति के प्रति जन जागरण हुआ है। इस जनजागरण के कारण ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन सका और अब एक वर्ष पूरा होने पर अयोध्या में जश्न का माहौल है। इधर प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ की धूम 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगी। यानी अगले पचास दिनों तक देश में सनातन धर्म को लेकर उत्साह और उमंग रहेगा। माना जा रहा है कि महाकुंभ में 45 करोड़ से भी ज्यादा सनातनी गंगा स्नान करेंगे। चूंकि देश में सनातन संस्कृति में अटूट आस्था रखने वाली सरकार है, इसलिए महाकुंभ में श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं रखी गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से जो इंतजाम किए गए हैं, उसमें प्रयागराज में गंगा नदी के किनारे एक दिन में चार करोड़ तक श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं। इस बार महाकुंभ में ऐसी व्यवस्था की गई है कि जिसमें लोगों को अपने वाहन की पार्किंग से तीन किलोमीटर से ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ेगा। करोड़ों श्रद्धालु बहुत आसानी से गंगा के घाटों पर डुबकी लगा सकेंगे। आजादी के बाद ऐसे महाकुंभ हुए, लेकिन कभी भी इतनी सुंदर व्यवस्था नहीं की गई। यह पहला अवसर है कि अब सरकार की ओर से महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया जा रहा है। सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले भारत के नागरिक बताएं कि क्या ऐसे सुनहरे दिन वर्ष 2014 से पहले कभी देखे गए? आज हम अयोध्या और प्रयागराज में ही सुनहरे दिन नहीं देख रहे, बल्कि धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में भी सुनहरे दिन देख रहे है। धरती के इस स्वर्ग में अब आम लोग आसानी से घूम रहे है। जो लोग सनातन संस्कृति में भरोसा नहीं रखते उन्होंने ने भी कभी ऐसी कल्पना नहीं की थी कि एक दिन कश्मीर में भी सुनहरे दिन देखने को मिलेंगे। दुनिया में सनातन संस्कृति ही एक मात्र संस्कृति है जिसमें सभी धर्मों का सम्मान होता है। मुगलों के 600 वर्षों के शासन में भले ही सनातन संस्कृति के मंदिरों और धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया हो, लेकिन भारत में वर्ष 2014 के बाद मुस्लिम संस्कृति के धार्मिक स्थलों का भी संरक्षण किया गया है। सनातन संस्कृति के सुनहरे दिनों में भी भारत में सभी धर्मों के लोग सुरक्षित है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-01-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

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