Wednesday, 15 January 2025
तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कोटा के विधायक भवानी सिंह राजावत का संरक्षण नहीं होता तो अमीन पठान की क्रिकेट एकेडमी 18 साल पहले ही ध्वस्त हो जाती। तब आईएएस डॉक्टर समित शर्मा को 90 दिन एपीओ भी रहना पड़ा। लेकिन अब भजन लाल शर्मा की सरकार में पठान को कोई संरक्षण नहीं मिला। कब्जा मुक्त हुई भूमि पर वन विभाग पीपल के पेड़ लगाएगा।
अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह की प्रबंध कमेटी और राजस्थान हज कमेटी के अध्यक्ष रहे अमीन पठान की कोटा स्थित क्रिकेट एकेडमी को ध्वस्त किए जाने की चर्चा अब राजनीति के साथ साथ उच्च प्रशासनिक क्षेत्रों में भी हो रही है। कोटा के वन अधिकारियों ने पुलिस की मदद से 13 जनवरी को अमीन पठान की अवैध क्रिकेट एकेडमी पर बुलडोजर चलाया। कब्जा मुक्त हुई भूमि पर वन विभाग अब पचास से भी ज्यादा पीपल के पेड़ लगाएगा। जानकार सूत्रों के अनुसार अमीन पठान की क्रिकेट एकेडमी पर जो कार्यवाही 13 जनवरी 2025 को हुई वह 18 वर्ष पहले भी हो सकती थी। कोटा के तत्कालीन कलेक्टर आलोक के निर्देश पर सरकारी भूमियों से अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया। तब कोटा नगर निगम के सीईओ और नगर सुधार न्यास के सचिव पद पर आईएएस डॉक्टर समित शर्मा थे। डॉ. शर्मा की टीम जब क्रिकेट एकेडमी पर जेसीबी लेकर पहुंची तो अमीन पठान ने हंगामा खड़ा कर दिया। जेसीबी के सामने खड़ा हुआ तो पुलिस ने लाठियां चलाई। इससे पठान की दोनों हाथों की हड्डियां टूट गई। तब पठान को कोटा के विधायक भवानी सिंह राजावत और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का संरक्षण था, इसलिए डॉ. समित शर्मा को एपीओ कर दिया गया। इसे तब अमीन पठान का राजनीतिक दबदबा ही कहा जाएगा कि डॉ. शर्मा को 90 दिनों तक पद की प्रतिक्षा में ही रहना पड़ा, जबकि डॉ. शर्मा ने 54 दिन कोटा में ड्यूटी दी। अब भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में पठान को कोई संरक्षण प्राप्त नहीं है, इसलिए 13 जनवरी को क्रिकेट एकेडमी भी ध्वस्त कर दी गई। इससे पहले गत वर्ष मार्च माह में पुलिस ने बड़ी कार्यवाही कर अमीन पठान के अवैध फार्म हाउस पर भी बुलडोजर चला दिया था। तब यह कार्यवाही पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता के निर्देशन में एएसपी दिली सैनी, सीओ मनीष शर्मा और सीआई भूपेंद्र सिंह ने की। मार्च माह में पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया उसमें यह भी बताया गया कि अमीन पठान पर हत्या, हत्या का प्रयास, अवैध वसूली, रास्ता रोकने, राज काज में बाधा उत्पन्न करने जैसे अपराधों के 18 मुकदमे दर्ज है। इतना आपराधिक रिकॉर्ड होने के बाद भी अमीन पठान अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह की प्रबंध कमेटी का अध्यक्ष बनने में सफल रहा। इतना ही नहीं अमीन पठान हज कमेटी के अध्यक्ष भी बने। जानकारों के अनुसार अमीन पठान को राजनीति में आगे बढ़ाने में वसुंधरा राजे की भूमिका रही। यह बात अलग है कि कांग्रेस का शासन आने पर अमीन पठान भाजपा को धोखा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए। अमीन पठान जब दरगाह कमेटी के अध्यक्ष थे, तब उन पर नाजिम अशफाक हुसैन ने भी वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि दरगाह जैसे धार्मिक स्थल पर भी अमीन पठान अपनी हरकतों से बात नहीं आए। यही वजह है कि अब अमीन पठान और उसके परिवार को परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। अब इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि जिस व्यक्ति का आपराधिक रिकॉर्ड रहा हो वह दरगाह ख्वाजा साहब और हज कमेटी का अध्यक्ष कैसे बन गया।
S.P.MITTAL BLOGGER (15-01-2025)
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