Thursday 27 November 2014

जाट ने दिया आर.के. मार्बल को झटका

जाट ने दिया आर.के. मार्बल को झटका
अजमेर के सांसद और केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री प्रो. सांवरलाल जाट ने मार्बल किंग और आर.के. मार्बल किशनगढ़ के मालिक अशोक पाटनी को तगड़ा झटका दिया है। पाटनी और आर.के. मार्बल ग्रुप को अब तक यही मुगलता था कि केन्द्र और राज्य की मार्बल नीति उन्हीं के इशारे पर बनती और बिगड़ती है। चाहे केन्द्र में कांग्रेस की सरकार के वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा हों या भाजपा की सरकार में श्रीमती निर्मला सीतारमन। सब जानते हैं कि आनंद शर्मा ने जब राजस्थान से राज्यसभा का चुनाव लड़ा था, तब आर.के. मार्बल संस्थान ने समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन दिए। इस बार भी भाजपा की सरकार में बनी नई मार्बल नीति में आर.के. गु्रुप की ही खासी भूमिका रही, जिसकी वजह से किशनगढ़ सहित प्रदेश और देश भर के छोटे व्यवसायियों को भारी नुकसान हुआ। नई नीति में सरकार ने बिक्री का लक्ष्य घटा तीन वर्ष से पांच करोड़ रुपए का कर दिया, जबकि पुरानी नीति में बिक्री का लक्ष्य पांच वर्ष में पांच करोड़ रुपए का था। यानि एक करोड़ रुपए प्रति वर्ष छोटे व्यवसाइयों ने मार्बल किंग अशोक पाटनी से आग्रह किया कि अपने रसूकातों से केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन से मुलाकात करवाई जाए। लेकिन बेचारे छोटे व्यवसाइयों की कोई सुनवाई नहीं हुई। आर.के. ग्रुप को यह मुगालता था कि उनके अलावा पूरे प्रदेश में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो केन्द्रीय मंत्री तक एप्रोच रखता हो। इसी बीच अजमेर के पूर्व जिला प्रमुख रामस्वरूप चौधरी ने छोटे व्यवसाइयो ंकी समस्याओं की ओर अजमेर सांसद और केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री को सांवरलाल जाट का ध्यान आकर्षित किया। जाट ने व्यवसाइयों के एक प्रतिनिधि मंडल को 26 नवम्बर को दिल्ली बुलवाया और तत्काल ही फोन पर वाणिज्य मंत्री सीतारमन से मिलने का समय निर्धारित कर लिया। सीतारमन ने दोपहर एक बजे का समय संसद भवन का दिया। निर्धारित समय पर किशनगढ़ के व्यवसाइयों का प्रतिनिधि मंडल प्रो. जाट के नेतृत्व में सीतारमन के पास पहुंच गया। सीतारमन ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि पुरानी नीति में बिक्री का लक्ष्य एक करोड़ रुपए वार्षिक था। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि शायद विभाग के अधिकारियों ने सही जानकारी आप तक नहीं पहुंचाई है। किशनगढ़ के मार्बल व्यवसायी सब समझ रहे थे कि अफसरों से मिलीभगत कर मंत्री को गुमराह करने वाला कौन सा ग्रुप है। सीतारमन ने प्रतिनिधि मंडल को नई  नीति  में बदलाव का भरोसा दिलाया। नीति में बदलाव हो या नहीं, लेकिन किशनगढ़ के मार्बल व्यवसाइयों को इस बात की खुशी है कि आर.के. गु्रप के सहयोग के बिना भी प्रतिनिधि मंडल केन्द्रीय मंत्री से मिल आया है। दिल्ली पहुंचे किशनगढ़ के मार्बल व्यवसायी इस बात से गदगद हैं कि प्रो.जाट ने अपने अस्थायी निवास राजस्थान हाऊस में खूब आवभगत की। व्यवसाइयों को जमकर नाश्ता करवाया और अपने मंत्री के विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए 15 व्यक्तियों के लिए संसद भवन का पास बनवाया। जिन व्यवसाइयों ने कभी राजस्थान विधानसभा का भवन नहीं देखा, वे देश के सर्वोच्च सदन में पहुंच गए थे। किशनगढ़ के मार्बल पत्थर बेचने वालों के लिए संसद भवन का दौरा बेहद रोमांचकारी रहा। इस प्रतिनिधि मंडल में रामस्वरूप चौधरी, हंसाराम चौधारी, रामस्वरूप मंत्री, जुगल किशोर गर्ग, निखिल सारड़ा, केशव अग्रवाल, महेश मित्तल, संतोष जैन, सूर्य प्रकाश ओसवाल, राजू मंडलिया, दिनेश गर्ग आदि शामिल थे। किशनगढ़ की मार्बल राजनीति में पूरे घटनाक्रम को केन्द्रीय मंत्री प्रो. सांवरलाल जाट का आर.के. ग्रुप को तगड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इस प्रतिनिधि मंडल में आर.के. गु्रप के समर्थक व्यवसायी और आर.के. के इशारे पर नाचने वाली किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन का कोई प्रमुख पदाधिकारी शामिल नहीं था। किशनगढ़ के भाजपा विधायक भागीरथ चौधरी की भूमिका इस प्रकरण में पर्दे के पीछे से महत्त्वपूर्ण रही है। (एस.पी. मित्तल) spmittal.blogspot.in

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