Tuesday 2 February 2021

बृजलता हाड़ा होंगी अजमेर की मेयर। विधायक अनिता भदेल कभी भी भाजपा के साथ बगावत नहीं कर सकती हैं।किशनगढ़ में दिनेश राठौड़ सभा पति बनेंगे। अनिता मेवाड़ा बियजनगर, छगनकंवर राठौड़ सरवाड और कमलेश साहू का केकड़ी नगर पालिका का अध्यक्ष बनना तय।अजमेर के कांग्रेस नेताओं के बीच अभी भी खींचतान।

1 फरवरी को ब्लॉक संख्या 7511 में मैंने लिखा था कि बृजलता हाड़ा 2 फरवरी को अजमेर नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करेंगी, तब 2 फरवरी को अजमेर के सभी प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में छपा कि अजमेर नगर निगम के मेयर के चुनाव को लेकर भाजपा पार्षदों में दो फाड़ हो गई है। शहर जिला भाजपा के अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा की पत्नी बृजलता हाड़ा को मेयर का उम्मीदवार बनाने पर दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने आपत्ति दर्ज करवा दी है। भदेल ने एससी वर्ग की भाजपा पार्षद कुसुमलता सोगरा को उम्मीदवार बनाने की मांग की है। अखबारों की खबरों में यहां तक कहा गया कि भाजपा के 48 पार्षद 24-24 के दो भागों में विभाजित हो गए हैं। अखबारों की ऐसी खबरों ने कांग्रेस की लार भी टपका दी। लेकिन 2 फरवरी को सिर्फ बृजलता हाड़ा ने भी भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मेयर पद के लिए नामांकन दाखिल किया। यानि अब श्रीमती हाड़ा ही अजमेर की मेयर होंगी। 80 पार्षदों में से भाजपा के 48 पार्षद हैं, ऐसे में हाड़ा की जीत पर कोई संशय नहीं है। जहां तक विधायक अनिता भदेल का सवाल है, तो वे कभी भी भाजपा के साथ बगावत नहीं कर सकते हैं। भदेल दक्षिण क्षेत्र से लगातार चौथी बार विधायक चुनी गई है, भाजपा ने भी हर बार भदेल को ही उम्मीदवार बनाया है और 2023 में पांचवीं बार टिकिट मिलने में कोई खतरा नहीं है। कुछ लोग कयास लगा रहे हैं कि मेयर बनने के बाद बृजलता हाड़ा दक्षिण क्षेत्र में विधायक भदेल के सामने दावेदारी दिखाएंगी। जबकि 2023 में मेयर का कार्यकाल दो वर्ष का बकाया रहेगा, ऐसे में न तो हाड़ा मेयर का पद छोड़ेंगी और न ही भाजपा कोई जोखिम लेगी। श्रीमती हाड़ा आज जो मेयर बनने जा रही है, उसके पीछे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की रणनीति रही है। पूनिया ने सोच समझ कर ही पूर्व में डॉ. प्रियशील हाडा को भाजपा का शहर अध्यक्ष नियुक्त किया था। तभी मेयर बनने की जमीन तैयार हो गई थी। आज पूनिया की रणनीति सफल रही है। इसके पीछे निगम चुनाव के प्रभारी पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी और सहप्रभारी भाजपा विधायक अशोक लाहोटी की समझदारी भी रही है। चतुर्वेदी और लाहोटी ने जिला प्रमुख के चुनाव की तरह भाजपा में बगावत नहीं होने दी। सब जानते हैं कि श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा की बगावत से अजमेर जिला परिषद पर भाजपा का जिला प्रमुख नहीं बन सका। हालांकि श्रीमती पलाड़ा जिला प्रमुख और भाजपा के विधायक के पद पर रह चुकी थीं। लेकिन उम्मीदवारी तय नहीं होने पर पलाड़ा ने बगावत की और कांग्रेस के समर्थन से जिला प्रमुख का पद हासिल कर लिया। लेकिन मेयर के चुनाव में सभी अटकलों और अफवाहों को झुठलाते हुए विधायक अनिता भदेल ने पार्टी के नेतृत्व के निर्णय को सर्वोपरि माना। 2 फरवरी को पूरी जिम्मेदारी के साथ श्रीमती भदेल ने बृजलता हाड़ा का नामांकन दाखिल करवाया। इससे पार्टी में भदेल का कद और ऊंचा हुआ है। हालांकि कुछ लोग अभी भी भाजपा पार्षदों के बीच नाराजगी के कयास लगा रहे हैं। लेकिन ऐसे लोगों को मतदान के दिन 7 फरवरी को जवाब मिल जाएगा। जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो अभी भी कांग्रेस के नेताओं के बीच खींचतान चल रही है। यहीं वजह रही कि 2 फरवरी को कांग्रेस के पार्षद द्रौपदी कोली, पिंकी बालोटिया और चंचल देवी ने मेयर पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। ये तीनों पार्षद कांग्रेस के अलग अलग गुट से जुड़ी हुई है। 80 पार्षदों में से कांग्रेस के 18 पार्षद हैं। लेकिन इसके बाद भी मेयर चुनाव को लेकर एकजुटता नहीं देखी जा रही है। इससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस के 18 पार्षदों के बीच ही क्रॉस वोटिंग हो जाएगी। हालांकि ऐनमौके पर द्रौपदी कोली को कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया और अब कहा जा रहा है कि पिंकी बालोटिया और चंचल देवी ने अपना नाम वापस ले लेंगी। निर्दलीय पार्षद काजल यादव ने भी नामांकन दाखिल किया है।
राठौड़ होंगे किशनगढ़ के सभापति:
2 फरवरी को किशनगढ़ नगर परिषद के सभापति के चुनाव के लिए दिनेश सिंह राठौड़ ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। राठौड़ का सभापति बनना तय है, क्योंकि 60 पार्षदों में से 34 पार्षद भाजपा के हैं। राठौड़ के नाम पर सर्वसम्मति बनाने में चुनाव प्रभारी बीपी सारस्वत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। किशनगढ़ में प्रदीप अग्रवाल ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। इसी प्रकार बिजयनगर नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव में अनिता मेवाड़ा ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। बिजयनगर में कांग्रेस ने निर्दलीय पार्षद ज्योति यादव को समर्थन देकर नामांकन दाखिल करवाया है। 35 पाषदों में से 19 से भाजपा के हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि भाजपा पार्षदों में तोडफ़ोड़ हो सकती है। कांग्रेस की चाल को देखते हुए बिजयनगर चुनाव का जिम्मा देहात भाजपा अध्यक्ष देवी शंकर भूतड़ा ने स्वयं संभाल रखा है। बिजयनगर में पुष्कर के विधायक सुरेश रावत और नसीराबाद के विधायक रामस्वरूप लाम्बा भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। श्रीमती मेवाड़ा के पति इंद्रजीत मेवाड़ा पूर्व में नगर पालिका के अध्यक्ष रह चुके हैं। भीलवाड़ा जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक रहे हगामीलाल मेवाड़ा की बेटी हैं अनिता मेवाड़ा। इसी प्रकार सरवाड़ नगर पालिका में छगन कंवर राठौड़ ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। 25 पार्षदों में से 15 कांग्रेस के हैं। ऐसे में राठौड़ का अध्यक्ष बनना तय है। केकड़ी नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के कमलेश साहू ने नामांकन दाखिल किया है। साहू का भी अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। 40 पार्षदों में से कांग्रेस के 21 पार्षद हैं। केकड़ी में भाजपा ने मिश्रीलाल ढसानिया को उम्मीदवार बनाया है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (02-02-2021)
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