Thursday 4 February 2021

इसे कहते हैं हथेली पर सरसों उगाना। ख्वाजा उर्स में जब एक सप्ताह शेष है तब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और कोरोना रिपोर्ट की बात सामने आई। कब वेबसाइट बनेगी और कब जायरीन रजिस्ट्रेशन करवाएंगे?प्रशासन की पाबंदियों की जानकारी खादिम समुदाय को नहीं-अंजुमन सचिव अंगाराशाह।

एक कहावत है कि हथेली पर सरसों उगाना। यानि कोई काम हाथों हाथ करना। कोई कार्य हाथों हाथ करना तो अच्छी बात है, लेकिन जिस कार्य को करने की प्रक्रिया हो उसे हाथों हाथ नहीं किया जा सकता। किसान पहले खेत में बीज डालेगा और लम्बी प्रक्रिया के बाद सरसों की फसल तैयार होगी। इसलिए हथेली पर सरसों नहीं उगाई जा सकती, लेकिन अजमेर में सूफी संत ख्वाजा साहब के 6 दिवसीय सालाना उर्स में राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार और जिला प्रशासन हथेली पर सरसों उगाने वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। छह दिनों तक चलने वाला उर्स 12 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। उर्स का झंडा 8 फरवरी को ही चढ़ जाएगा, लेकिन अब प्रशासन का कहना है कि राज्य सरकार की कोविड-19 की गाइड लाइन के अनुसार उर्स में शरीक होने वाले प्रत्येक जायरीन को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। दरगाह में जियारत से पहले कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट भी बतानी होगी। उर्स में आने वाले प्रत्येक जायरीन के स्वास्थ्य की जांच भी होगी। सब जानते हैं कि उर्स में लाखों जायरीन आते हैं। स्वयं जिला प्रशासन भी दो-तीन महीने पहले उर्स की तैयारियां शुरू कर देता है। 12 फरवरी से शुरू होने वाले उर्स के लिए संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर स्तर पर कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं। किसी भी बैठक में जायरीन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की बात सामने नहीं आई है। प्रशासन की ओर से बार बार यही कहा गया है कि इस बार कायड़ विश्राम स्थली पर जायरीन के लिए प्राथमिक इंतजाम नहीं होंगे। खादिमों से आग्रह किया गया है जायरीन की संख्या कम करने में सहयोग करें। लेकिन अब जब उर्स शुरू होने में एक सप्ताह शेष है, तब कहा जा रहा है कि सरकार की गाइड लाइन के अनुसार उर्स में आने वाले जायरीन को ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट भी बतानी होगी। सवाल उठता है कि ऐसी पाबंदियों की जानकारी पहले क्यों नहीं दी गई? अब जब उर्स सिर पर है, तब रजिस्ट्रेशन की बात हो रही है। अभी तो प्रशासन की वेबसाइट का भी पता नहीं है। वेबसाइट कब जारी होगी और कब जायरीन रजिस्ट्रेशन करवाएंगे, यह कोई नहीं जानता। रजिस्टे्रशन और कोरोना रिपोर्ट की खबरों से असमंजस की स्थिति हो गई है। ख्वाजा उर्स में कलंदर प्रवृत्ति के लोग बड़ीसंख्या में आते हैं। ऐसे लोग रजिस्ट्रेशन करवाएंगे इस पर संशय है। सरकार को यदि रजिस्टे्रशन करवाना ही था तो प्रक्रिया को एक दो माह पहले शुरू किया जाना चाहिए था। पता नहीं अशोक गहलोत की सरकार में किस तरह के नासमझ अधिकारी बैठे हुए हैं। जो आईएएस और आईपीएस उर्स के दौरान अजमेर के कलेक्टर और एसपी रह चुके हैं उन्हें पता है कि उर्स को शांतिपूर्ण संपन्न करवाना कितना कठिन होता है। प्रदेश के मौजूदा मुख्य सिचव निरंजन आर्य अजमेर के कलेक्टर रह चुके हैं, लेकिन सरकार में ऐसे आदेश निकल रहे हैं। सवाल उठता है कि यदि किसी जायरीन का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो क्या उसे दरगाह में जियारत करने से रोक दिया जाएगा? सरकार और प्रशासन को दरगाह की आंतरिक और खादिम समुदाय की मजबूत स्थिति का भी ख्याल रखना चाहिए। ऐसा न हो कि जायरीन के रजिस्ट्रेशन को लेकर उर्स के दौरान दरगाह में खादिमों और पुलिस के बीच टकराव हो। खादिमों की प्रतिनिधि संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगाराशाह का कहना है कि जायरीन के रजिस्ट्रेशन की जानकारी खादिम समुदाय को नहीं दी गई है। वैसे भी उर्स के दौरान यह व्यवहारिक नहीं है। प्रशासन के आग्रह पर ही हमने बुजुर्गों और बच्चों को उर्स में नहीं लाने की सलाह जायरीन को दी है। प्रशासन को वो ही काम करना चाहिए जिसकी क्रियान्विति हो सके। कोरोना को लेकर देश का हर नागरिक जागरुक है। उर्स में लाखों ऐसे गरीब जायरीन भी आते हैं, जिनके पास मोबाइल भी नहीं है, ऐसे में जायरीन की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाएंगे। रस्ट्रिेशन के लिए पहले जायरीन को जागरुक किया जाना चाहिए। 
S.P.MITTAL BLOGGER (04-02-2021)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9509707595
To Contact- 9829071511
  

No comments:

Post a Comment