Sunday 7 February 2021

जयश्री राम के शब्द सुनना नहीं चाहतीं, इसीलिए ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम का बहिष्कार किया। इससे एक मुख्यमंत्री की सोच का अंदाजा लगाया जा सकता है।आखिर नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में क्यों नहीं लगे जय श्रीराम के नारे?

7 फरवरी को पश्चिम बंगाल के हल्दिया में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4 हजार 500 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। लेकिन इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाग नहीं लिया। सरकारी सूत्रों के अनुसार कार्यक्रम में प्रधानमंत्री कार्यालय ने ममता को आमंत्रित किया था, लेकिन पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने मुख्यमंत्री के नहीं आने की सूचना भिजवा दी। सवाल उठता है कि जो कार्यक्रम सरकारी है और जो पश्चिम बंगाल के विकास से जुड़ा हुआ है, उसमें मुख्यमंत्री भाग क्यों नहीं ले रही है? असल में ममता को जय श्रीराम के शब्द से ही चिढ़ है। ममता भले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हो, लेकिन उन्हें जय श्रीराम के शब्द सुनना पसंद नहीं है। ममता बनर्जी जानती हैं कि जब वे भाषण देंगी तो बंगाल के लोग जयश्री राम के नारे लगाएंगे। चूंकि समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे, इसीलिए उत्साह कुछ ज्यादा ही होगा। मोदी की उपस्थिति में ममता बनर्जी किसी भी स्थिति में जयश्री राम  के शब्द सुनना नहीं चाहती है, इसीलिए विकास से जुड़े कार्यक्रम का भी बहिष्कार किया गया है। जयश्री राम के शब्द से इतना परहेज से ममता की सोच का अंदाजा लगाया जा सकता है। सवाल यह भी है कि आखिर नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में जयश्री राम का जय घोषण क्यों न हों? नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री हैं जिनके कार्यकाल में अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण की सभी बाधाएं दूर हुई है। यही वजह है कि आज करोड़ों रामभक्तों के लिए अयोध्या में भव्य मंदिर बन रहा है। नरेन्द्र मोदी स्वयं राम भक्त है और अपनी सभाओं में जयश्री राम का जयघोष करवाते हैं।
ममता पहले भी जता चुकी है नाराजगी:
गत माह सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर कोलकाता में जब प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम हुआ था, तब मंच पर ममता बनर्जी भी उपस्थित रहीं। लेकिन जैसे ही ममता ने भाषण देना शुरू किया वैसे ही जयश्री राम के नारे लगना शुरू हो गए। इससे ममता ने भाषण देने से इंकार कर दिया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति में उनका अपमान किया जा रहा है। सवाल यह भी है कि जयश्रीराम के नारे से तो ममता बनर्जी का अपमान कैसे हो सकता है? इससे पहले भी ममता बनर्जी ने उन लोगों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करवाएं हैं, जिन्होंने जयश्री राम के नारे लगाए हैं। यानि जयश्री राम के शब्दों से ममता बनर्जी शुरू से ही नाराज हैं। हालांकि इस नाराज़गी का ममता को राजनीतिक दृष्टि से नुकसान भी हो रहा है। कई मंत्री और विधायक ममता की पार्टी से इस्तीफ़ा दे कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। गत लोकसभा के चुनाव में 42 में से 18 सीटें भाजपा ने जीती हैं। ममता के रवैये से लगातार उनकी पार्टी टीएमसी को नुकसान हो रहा है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (07-02-2021)
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