Tuesday 16 April 2024

चुनावी युद्ध के बीच ईरान के कब्जे से 17 भारतीय नाविकों को छुड़ाने का प्रयास।यह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काबिलियत।

भारत में इन दिनों आम चुनाव का युद्ध चल रहा है। 7 चरणों के चुनाव में पहला मतदान 19 अप्रैल को होगा और परिणाम चार जून को आएंगे। यानी कोई एक महीना 20 दिनों तक भारत में युद्ध जैसे हालात रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मादेी के नेतृत्व वाले एनडीए के गठबंधन को हराने के लिए विपक्षी दल कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। सीधे पीएम मोदी को ही निशाने पर रखा जा रहा है। पीएम मोदी एक दिन में दो दो रोड शो और तीन तीन सभाएं कर रहे है। मोदी की दिन भर की दिनचर्या को देखा जाए तो इन दिनों वे 18 घंटे से भी ज्यादा काम कर रहे है। इस चुनावी युद्ध के बीच मोदी को उन 17 भारतीय नाविकों की भी चिंता है जिन्हें ईरान ने अपने कब्जे में ले लिया है। असल में ईरान ने जिस मालवाहक जहाज एमएसवी एरिज को कब्जे में लिया है, उसका मालिक इजराइल का एक कारोबारी है। चूंकि इजरायल और ईरान के बीच सैन्य युद्ध शुरू हो चुका है, इसलिए मालवाहक जहाज को कब्जाने का मामला बहुत गंभीर है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि इस जहाज पर 17 नाविक भारतीय है। यदि ईरान इस जहाज को कोई नुकसान पहुंचाता है तो भारतीय नाविकों की जान को भी खतरा हो जाएगा। पीएम मोदी भले ही चुनावी युद्ध में व्यस्त हो, लेकिन उन्होंने ईरान के कब्जे वाले जहाज से अपने नागरिकों को छुड़ाने का काम तेज कर दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल और ईरान के विदेश मंत्रियों से बात की है। भारत का प्रयास है कि इजरायल फिलहाल शांत रहे और ईरान ऐसा कोई कृत्य न करे, जिसे मालवाहक जहाज को नुकसान हो। भारत ने दोनों देशों को बता दिया है कि हमारे 17 नाविक फंसे हुए हैं। चूंकि इजरायल का जहाज अभी ईरान के कब्जे में इसलिए ईरान की सरकार ने भारत के अधिकारियों को जहाज पर जाने की अनुमति दे दी है। माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक रहा तो एक-दो दिन में ही भारतीय नाविकों को सकुशल स्वदेश लाया जाएगा। इसके लिए पीएम मोदी ने पूरी ताकत लगा दी है। भारत के चुनाव में जो विपक्षी दल मोदी पर हमला कर रहे है, उन्हें भी पता है कि इजरायल और ईरान के बीच कितना तनाव है। ऐसे में दोनों देश एक कदम भी पीछे नहीं हटना चाहते। ईरान चाहे तो इसी वक्त इजरायल के मालवाहक जहाज को समुद्र में डूबो सकता है, लेकिन भारत इस स्थिति को टालने में लगा हुआ है। इसे मोदी की काबिलियत ही कहा जाएगा कि दो देशों के भीषण युद्ध में भारतीयों को सुरक्षित लाने का काम किया जा रहा है। मोदी ने ऐसी ही काबिलियत अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के समय तथा रूस-यूक्रेन युद्ध के समय भी दिखा चुके है। यदि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का दबदबा नहीं होता तो युद्ध ग्रस्त क्षेत्रों से भारतीयों को सुरक्षित नहीं निकाला जा सकता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (16-04-2024)
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