Saturday, 22 March 2025

स्मार्ट सिटी के अवैध कार्यों पर खर्च हुई राशि जिम्मेदारी अधिकारियों के वेतन और पेंशन से वसूली जाए। अजमेर दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक अनिता भदेल ने विधानसभा में मांग की।

सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों से अजमेर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अवैध कार्यों को तोड़ने की जो कार्यवाही हो रही है, उसके संदर्भ में अजमेर दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने मांग की है कि अवैध कार्यों पर खर्च हुई राशि की वसूली जिम्मेदार अधिकारियों के वेतन में से की जाए। जो अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए है, उनकी पेंशन में से राशि वसूली जाए। 21 मार्च को विधानसभा में श्रीमती भदेल ने अजमेर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की ओर से सरकार का ध्यान आकर्षित किया। भदेल ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में स्मार्ट सिटी के कार्य नियमों के विरुद्ध करवाए गए, इसलिए सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने सेवन वंडर, फूड प्लाजा, गांधी स्मृति उद्यान, पाथवे आदि को तोड़ने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि ऐसे निर्माण कार्य आनासागर के भराव क्षेत्र में किए गए जबकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का उद्देश्य तो आनासागर झील को संरक्षित करना था। अधिकारियों ने झील के अंदर पाथवे जैसे निर्माण कर आनासागर के भराव क्षेत्र को 33 प्रतिशत कम कर दिया। भदेल ने कहा कि अवैध कार्यों के लिए अधिकारी जिम्मेदार है। इसलिए टूटे हुए निर्माण कार्यों की भरपाई संबंधित अधिकारियों के वेतन और पेंशन से की जाए। भदेल ने सदन में कहा कि वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के पहली बार प्रधानमंत्री बने तब तीन शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की। उन तीन शहरों में से एक अजमेर भी है। केंद्र सरकार की ओर से अजमेर को एक हजार करोड़ रुपए की राशि भी मिली, लेकिन अधिकारियों ने इस राशि से महत्वहीन कार्य करवा दिए। शहर के विकास के लिए जो काम जरूरी थे, उन्हें नहीं करवाया गया। श्रीमती भदेल ने अध्यक्ष देवनानी की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपने भी कांग्रेस के शासन में स्मार्ट सिटी के कार्यो की शिकायत की थी। मालूम हो कि देवनानी अजमेर उत्तर क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं। अधिकारियों की बढ़ेगी मुसीबत: भाजपा विधायक अनिता भदेल ने विधानसभा में जो मांग की है उससे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों की और मुसीबत बढ़ेगी। एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से पहले ही अधिकारियों में खलबली है। मौजूदा मुख्य सचिव सुधांश पंत को व्यक्तिगत तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश होना पड़ रहा है। नियमों की अवहेलना कर किए गए निर्माण कार्यों से सुप्रीम कोर्ट भी खफा है। अभी तो कोर्ट ने कुछ निर्माणों को ही तोड़ने के आदेश दिए है, लेकिन यदि आनासागर के किनारे बने दस किलोमीटर के पाथवे को भी हटाया जाता है तो फिर अधिकारियों की मुसीबत और बढ़ जाएगी। हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट प्रोजेक्ट के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्यवाही करें। S.P.MITTAL BLOGGER (22-03-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

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