Wednesday 25 November 2020

आखिर कोरोना ने खेल अधिकारी प्रमोद जादम की भी जान ले ली। शादी ब्याह का जश्न मनाने वाले लोग कोरोना से थोड़ा तो डरें। कोरोना के सामने सरकार के इंतजाम नाकाफी।

अजमेर निवासी और भारतीय एथलेटिक महासंघ के उपाध्यक्ष प्रमोद जादम का निधन 24 नवम्बर की रात को अजमेर के कोटड़ा स्थित आरएस अस्पताल में हो गया। इसी अस्पताल में 22 नवम्बर को मशहूर वकील अशोक तेजवानी का निधन भी हो गया था। अस्पताल प्रबंधन ने जादम और तेजवानी को बचाने के भरसक प्रयास किए, लेकिन आखिर में कोरोना वायरस ने दोनों की जान ले ली। तेजवानी और जादम दोनो ही अपने अपने क्षेत्र में लोकप्रिय थे। प्रमोद आदम को खेल और राजनीति विरासत में मिली थी। पिता एमएल जादम का अंतर्राष्ट्रीय खेल मंच पर नाम था। प्रमोद ने अपने पिता की विरासत को ही आगे बढ़ाया। स्वर्गीय एमएल जादम से मेरे पारिवारिक संबंध रहे और मुझे उनका स्नेह हमेशा मिलता रहा। एक बार जब अजमेर के मेयो कॉलेज के मैदान पर राज्य स्तरीय एथलीट प्रतियोगिता आयोजित करवाई तो जादम साहब ने मुझे प्रतियोगिता की आयोजन समिति का सचिव बनाया। यह उनका मेरे प्रति स्नेह था। बाद में इस स्नेह को उनके पुत्र प्रमोद जादम ने भी बनाए रखा, हालांकि मैं और प्रमोद जादम हम उम्र के हैं, लेकिन मेरे प्रति सम्मान करने में प्रमोद ने कभी भी कोई कसर नहीं रखी। अपने पिता द्वारा शुरू की गई डिनर की परंपरा को भी जारी रखा। कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती दैनिक नवज्योति समाचार के सम्पादक ओम माथुर और मुझे डिनर की जो परंपरा जादम साहब ने शुरू की थी उसे प्रमोद ने हमेशा निभाया। प्रमोद गत वर्ष ही रेलवे की नौकरी से सेवानिवृत्त हुए थे, तब भी पार्टी का आयोजन किया। खेल जगत में प्रमोद जादम का उल्लेखनीय योगदान है। टीटी के अंतर्राष्ट्रीय खेल अधिकारी धनराज चौधरी का कहना है कि प्रमोद जादम के निधन से खेल के क्षेत्र में अजमेर का बहुत नुकसान हुआ है। प्रमोद राजस्थान ओलंपिक संघ से भी जुड़े रहे और उन्होंने अनेक खेल प्रतिभाओं को प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर पर शोहरत दिलवाई। कोरोना से डरने की जरुरत: प्रमोद जादम और अशोक तेजवानी जैसे अनेक समृद्ध व्यक्ति हैं जिनकी जान कोरोना ने ले ली है। लाख कोशिश के बाद संक्रमित व्यक्ति को बचाया नहीं जा रहा है। इन दिनों शादी-ब्याह का सीजन चल रहा है और लोक जश्न मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे लोगों को अब कोरोना से डरने की जरुरत है। हालांकि सरकार की ओर से अनेक पाबंदियां लगाई गई है, लेकिन लोगों को इन पाबंदियों के बजाए कोरोना से डरना चाहिए। अच्छा हो कि लोग अपने परिवार के सदस्यों के बीच ही विवाह की रस्में कर लें। यदि किसी परिवार से बाहर से रिश्तेदार आते हैं तो यह भी खतरनाक है। विवाह में बाहर से आने वाले रिश्तेदारों को भी टाला जा सकता है। देश के अन्य शहरों में कोरोना का प्रकोप है। बाजारों में जिस तरह भीड़ है उससे प्रतीत होता है कि लोग अभी भी कोरोना से डर नहीं रहे हैं। शायद ही कोई परिवार होगा जिसे कोरोना की मार नहीं झेलनी पड़ी हो। सरकार के इंतजाम भी नाकाफी है, इसलिए लोगों को ही सतर्कता बरतने की जरुरत है। S.P.MITTAL BLOGGER (25-11-2020) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9509707595 To Contact- 9829071511 Attachments area

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