Saturday 28 November 2020

कोरोना संक्रमित चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के सरकारी अस्पताल के निरीक्षण को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जायज ठहराया। यदि चिकित्सा मंत्री अस्पताल का निरीक्षण नहीं करेगा तो कौन करेगा? बेवजह की हुई अखबार बाजी। गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली से ज्यादा सुविधाएं हैं राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में। 35 हजार टेस्टिंग प्रतिदिन हो रही हैं, इसलिए प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा। निजी अस्पतालों में कोरोना टेस्ट की दर भी 12 सौ के बजाए 800 रुपए ही की जाएगी।

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा 23 नवम्बर से ही कोरोना संक्रमित हैं। संक्रमण के दौरान ही शर्मा ने 24 नवम्बर को जयपुर स्थित आरयूएचएस सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया था। तब न्यूज चैनलों और अखबारों में रघु शर्मा के निरीक्षण की जमकर आलोचना हुई। तब रघु को मीडिया में सुपर स्प्रेडर चिकित्सा मंत्री बताया। लेकिन अब प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने चिकित्सा मंत्री का बचाव किया है। 28 नवम्बर को जयपुर और जोधपुर के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार तथा कुछ जिलों में आरटीपीसीआर लैब के लोकार्पण पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समारोह को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि रघु शर्मा खुद आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती थे और उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण कर कोई गलत काम नहीं किया। गहलोत ने कहा कि यदि चिकित्सा मंत्री अस्पताल का निरीक्षण नहीं करेगा तो कौन करेगा? चिकित्सा मंत्री के द्वारा कोरोना फैलाने की बात कहां से आ गई? हर चीज में राजनीति नहीं करनी चाहिए। गहलोत ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि इस मुद्दे पर बेवजह की अखबार बाजी हुई है। हालांकि चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा कोरोना संक्रमित होने के बाद घर पर ही क्वारंटीन हैं। लेकिन 28 नवम्बर को सीएम की वीसी ने रघु शर्मा भी शामिल हुए। अपने संबोधन में रघु शर्मा ने सीएम गहलोत के प्रयासों की प्रशंसा की। रघु ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से ही हम कोरोना काल में लोगों को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवा सके हैं। राजस्थान में ज्यादा सुविधा: समारोह हमें गहलोत ने कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों से भी ज्यादा चिकित्सा सुविधाएं राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में मिल रही हैं। कोरोना जांच से लेकर सिटी स्कैन, वेंटीलेटर ऑक्सीजन आदि की सभी सुविधाएं सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क उपलब्ध हैं। मरीज अब अपने घर जाता है तब उसे नि:शुल्क दवाएं भी दी जाती है। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में सौ प्रतिशत आरटीपीसीआर तकनीक से कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। प्रतिदिन 35 हजार टेस्टिंग रोज हो रही है, इसलिए प्रदेश में संक्रमितों की संख्या ज्यादा सामने आ रही है। इससे घबराने की जरुरत नहीं है। सरकार का उद्देश्य संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसे क्वारंटीन करना है। यदि संक्रमित व्यक्ति संक्रमण फैलाता रहा तो हालात और खराब होंगे। हमारे लिए यह अच्छी बात है कि रिकवरी दर बहुत ज्यादा है। आज टोंक, जैसलमेर, बूंदी, नाथद्वारा, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, आदि जिलों में आरटीपीसीआर लैब का लोकार्पण भी हुआ है। अब इन जिलों में टेस्टिंग का काम और तेजी से हो सकेगा। मौजूदा समय में सरकार के पास रोजाना 60 हजार टेस्टिंग की क्षमता हो गई है। 800 रुपए में टेस्टिंग: सीएम गहलोत ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना की जांच नि:शुल्क हो रही है लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में अभी जांच के 12 सौ रुपए लिए जा रहे हैं। सरकार अब इस दर को 800 रुपए करने जा रही है। गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में प्राइवेट अस्पतालों का भी सहयोग लिया जा रहा है। अस्पतालों पर आरएएस स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्राइवेट अस्पतालों में वेंटीलेटर बैड भी आरक्षित किए गए हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (28-11-2020) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9509707595 To Contact- 9829071511

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