Wednesday 15 March 2023

लगातार तीन दिनों तक भारतीय संसद का ठप होना कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए राजनीतिक उपलब्धि है।

15 मार्च को लगातार तीसरा दिन रहा, जब भारतीय संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विधायी कार्य नहीं हुआ। लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ लोकतंत्र की दुहाई देते रहे, लेकिन सांसदों का हंगामा शांत नहीं हुआ। संसद में सब्जी मंडी जैसी चिल्ल पौ को देखते हुए सदन की कार्यवाही को बार बार स्थगित करना पड़ा। भाजपा के सांसद जहां लंदन में दिए गए बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दलों के सांसद, उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों की वित्तीय अनियमितताओं की जांच जेपीसी (संसद की संयुक्त जांच कमेटी) करवाने की मांग कर रहे हैं। अडानी की जांच की मांग सबसे पहले राहुल गांधी ने ही की थी। कहा जा सकता है कि राहुल गांधी के कारण ही भारतीय संसद पिछले तीन दिनों से ठप है। होली अवकाश के बाद 13 मार्च को जब संसद के बजट सत्र का तीसरा चरण शुरू हुआ तो भाजपा ने लंदन में राहुल गांधी के बयान को मुद्दा बनाया। राहुल ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और इंग्लैंड की संसद में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है और संवैधानिक संस्थाओं पर सत्तारूढ़ पार्टी का कब्जा है। संसद में हमें बोलने तक नहीं दिया जाता। भाजपा राहुल गांधी के इस बयान को विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने वाला मान रही है। जहां राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की जा रही है वहीं कांग्रेस ने दो टूक शब्दों में कहा गया है कि राहुल गांधी माफी नहीं मांगेंगे। 15 मार्च को राहुल गांधी भी विदेश दौरे से लौट आए हैं। राहुल ने भी कहा है कि  उनके द्वारा माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। राहुल ने कहा कि वे अब भी अपने लंदन वाले बयानों पर कायम है तो फिर माफी किस बात की मांगे? आमतौर पर देश की राजनीति में राहुल गांधी के महत्व को कम आंका जाता है। कभी उनके भाषणों का मजाक उड़ाया जाता है तो कभी उनकी पोशाक को लेकर नकारात्मक टिप्पणियां की जाती है। लेकिन अब उन्हीं राहुल गांधी को लेकर भारतीय संसद तीनों से ठप है। इससे  राहुल गांधी के देश में राजनीतिक महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है। सवाल यह भी है कि जब राहुल के बयानों का कोई महत्व नहीं होता है तो फिर उनके बयान को आधार बनाकर माफी की मांग क्यों की जा रही है? क्षेत्रीय दल भले ही राहुल गांधी को संयुक्त विपक्ष का नेता नहीं माने लेकिन आज राहुल गांधी की वजह से दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की संसद के  दोनों सदन ठप पड़े हैं। राहुल गांधी के लिए इससे बड़ी राजनीतिक उपलब्धि नहीं हो सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (15-03-2023)
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