Thursday 23 March 2023

गहलोत साहब! पेट का दर्द भी असहनीय होता है।इलाज के अभाव में दम तोड़ते मरीजों की कब सुध ली जाएगी?राजस्थान में अब निजी क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार नहीं होगा।

जो लोग बीमारी के दौर से गुजर चुके हैं, उन्हें पता है कि पेट दर्द भी असहनीय होता है। कल्पना कीजिए कि आपके पेट में दर्द हो रहा है और अस्पताल के चिकित्सक इलाज करने से मना कर दे। राजस्थान में पेट दर्द के मरीज ही नहीं बल्कि सभी रोगों के मरीज परेशान हो रहे हैं। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में स्वास्थ्य का अधिकार बिल स्वीकृत तो करवा दिया है, लेकिन इसके विरोध में प्रदेश के निजी अस्पताल पांच दिनों से हड़ताल पर हैं। चिकित्सकों का कहना है कि स्वीकृत बिल जब कानून बनेगा, तब निजी अस्पतालों का चलना मुश्किल हो जाएगा। यही वजह है कि प्रदेशभर के चार हजार निजी अस्पताल बंद पड़े हैं। कुल आबादी का 75 प्रतिशत भाग निजी अस्पतालों में ही इलाज करवाता है। विधानसभा में स्वास्थ्य के अधिकार बिलों को पास करवाने पर सरकार अपनी बड़ी उपलब्धि मानती है, लेकिन मौजूदा समय में प्रदेश के लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। 22 मार्च को ही सीकर के एक चार वर्षीय बालक की मृत्यु इलाज के अभाव में हो गई। यदि निजी अस्पतालों में जल्द ही इलाज शुरू नहीं हुआ तो मृत्यु की ऐसी घटनाएं और होंगी। निजी अस्पतालों में हड़ताल खत्म हो, इसको लेकर सरकार ने अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है। सरकार तो बिल स्वीकृत करवा कर निश्चित हो गई है। मरीजों की पीड़ा समझने वाला कोई नहीं है। निजी क्षेत्र के डॉक्टरों के धरना प्रदर्शन का भी सरकार पर कोई असर नहीं हुआ है। जहां तक सरकारी अस्पतालों का सवाल है तो जबर्दस्त भीड हो गई है। सरकारी अस्पताल इतने मरीजों का इलाज करने में असमर्थ है। वैसे भी सरकारी चिकित्सकों ने भी निजी चिकित्सकों के विरोध का समर्थन किया है। हो सकता है कि अब सरकारी चिकित्सक भी बेमियादी हड़ताल पर उतर जाएं। असल में अधिकांश सरकारी चिकित्सक सेवानिवृत्ति के बाद अस्पताल ही खोलते हैं। अनेक चिकित्सकों ने तो सरकारी नौकरी छोड़ कर अपना अस्पताल चलाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब तक निजी चिकित्सकों से अशोक गहलोत ने अब तक निजी चिकित्सकों से सीधे तौर पर कोई बात नहीं की है। अच्छा हो कि प्रदेश के मरीजों के हित में सीएम गहलोत हड़ताली चिकित्सकों से वार्ता कर समस्या का समाधान निकालें। सीएम गहलोत को यह समझना चाहिए कि स्वास्थ्य का अधिकार बिल तभी सफल होगा जब निजी अस्पताल सहयोग करेंगे। डंडे के जोर पर निजी अस्पतालों में रियायती दरों पर इलाज नहीं करवाया जा सकता।
 
चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार नहीं:
संभवत: पूरे देश में राजस्थान ऐसा प्रदेश है, जहां स्वास्थ्य का अधिकार के तहत निजी अस्पतालों पर बहुत पाबंदियां लगाई गई है। ऐसे में इस बिल के बाद निजी क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार नहीं होगा। उल्टे अभी जो बड़े संस्थान है वे निकटवर्ती प्रदेशों में स्थापित हो जाएंगे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-03-2023)
Website- www.spmittal.in
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment