13 मार्च को जयपुर में अडानी के खिलाफ कांग्रेस का जो प्रदर्शन हुआ उसमें राजस्थान के प्रभारी और पंजाब में कांग्रेस के विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को खत्म कर दो। मोदी को खत्म करने की क्या परिभाषा है, यह तो रंधावा ही बता सकते हैं, लेकिन पिछले दिनों ही कांग्रेस के एक नेता ने मोदी की कब्र खोदने वाला बयान दिया था कब्रों वाला बयान कांग्रेस के लिए नकारात्मक साबित हुआ। पीएम मोदी भी अब उनकी कब्र खोदने वाले बयान को मुद्दा बना रहे हैं। अब जब कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेता रंधावा ने मोदी को खत्म करने वाला बयान दे दिया है तो स्वाभाविक है कि यह भी मुद्दा बनेगा। कांग्रेस या अन्य किसी दल के नेता ने जब-जब पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला किया है, तब-तब उस दल को राजनीतिक नुकसान हुआ है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस सरकार को रिपीट करवाने में बहुत मेहनत कर रहे हैं। किसानों को दो हजार यूनिट, घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली फ्री, प्राइवेट अस्पतालों में 25 लाख तक का मुफ्त इलाज उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 500 में रसोई गैस सिलेंडर जैसी घोषणाएं की है जिनका फायदा प्रदेशवासियों को एक अप्रैल से मिलने लगेगा। फिलहाल इन घोषणाओं का तोड़ भाजपा के पास भी नहीं है, लेकिन गहलोत की मेहनत पर रंधावा का बयान पानी फेंकने वाला साबित होगा। मोदी को खत्म करने वाला बयान रंधावा ने इसलिए दिया है कि चुनावों में मोदी के कारण ही कांग्रेस की हार हो रही है। सब जानते हैं कि रंधावा पंजाब से आते हैं। पंजाब में गत वर्ष ही विधानसभा के चुनाव हुए हैं। कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा है, पंजाब में कांग्रेस को मोदी ने नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने हराया है। जबकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी। खुद रंधावा ने कांग्रेस को जिताने के लिए पूरा जोर लगाया, लेकिन फिर भी कांग्रेस की जीत नहीं हुई। जब पंजाब में मोदी कांग्रेस पर जीत हासिल नहीं कर सके तो फिर रंधावा, मोदी को खत्म क्यों करना चाहते हैं? रंधावा को यह तो पता ही होगा कि पंजाब में 117 में से केजरीवाल की पार्टी को 92 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस को 18 भाजपा तो सिर्फ 2 सीटें मिली है। बड़ी अजीब बात है कि रंधावा जैसे नेता कारण पंजाब में कांग्रेस की इतनी बुरी हार हुई है, वो रंधावा राजस्थान में मोदी को खत्म करने वाला बयान दे रहे हैं। रंधावा और कांग्रेस को मोदी के बजाय केजरीवाल की चिंता करनी चाहिए। गुजरात में केजरीवाल की वजह से ही कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। 13 मार्च को जिस समय रंधावा ने मोदी को खत्म करने वाला बयान दिया, उसी समय केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने जयपुर में अपनी पार्टी की तिरंगा यात्रा निकाली। राजस्थान में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं, यदि केजरीवाल ने गुजरात की तरह राजस्थान में भी ताकत दिखाई तो कांग्रेस का जीतना मुश्किल है।
S.P.MITTAL BLOGGER (14-03-2023)
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