Sunday 24 July 2016

मायावती अब लाईं यूपी में चुनावी ट्रेन को पटरी पर। सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाए का दिया नारा।

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मायावती अब लाईं यूपी में चुनावी ट्रेन को पटरी पर।
सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाए का दिया नारा।
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24 जुलाई को बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस का मकसद यूपी में बसपा की चुनावी ट्रेन को फिर से पटरी पर लाना था। मैं यह दावा नहीं करता कि मायावती ने 23 जुलाई को मेरा ब्लॉग पढ़ा और फिर 24 जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 23 जुलाई के ब्लॉग में मैंने लिखा था देश में अभी लोकतंत्र हैं और मायावती को दयाशंकर सिंह के प्रकरण में न्यायपालिका पर भरोसा करना चाहिए। आज मायावती ने कहा कि दयाशंकर के मामले में बसपा कार्यकर्ता अब कोई हंगामा नहीं करेंगे। इसके बजाए यूपी में फिर से बसपा की सरकार बनवाने के काम में जुट जाएंगे। यूपी में सिर्फ दलित मतदाता ही बसपा सरकार नहीं बनवा सकते, इस बात का ध्यान रखते हुए मायावती ने सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाए का नारा भी दिया। कोई पौन घंटे धारा प्रवाह बोल कर मायावती ने यह बताने की कोशिश की कि वे मुख्यमंत्री बनने के बाद सर्व समाज का ख्याल रखेंगी। उन्होंने सपा की अखिलेश सरकार को भाजपा की कटपूतली सरकार बताया। अब मायावती के यह समझ में आ गया है कि चौथी बार सीएम बनना है तो समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना होगा। यानि कल तक तो बसपा कार्यकर्ता दयाशंकर सिंह की पत्नी और बेटी  को पेश करने की बात कह रहे थे, उसके उलट मायावती ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में भरोसा जातया है। यह बात अलग है कि मायावती ने सपा सरकार पर जमकर राजनीतिक हमले किए। प्रेस कॉन्फ्रेंस की खासियत यह रही कि मायावती ने किसी भी पत्रकार के सवाल का जवाब नहीं दिया। अपना लिखा हुआ भाषण पढऩे के बाद मायावती ने पत्रकारों से कहा कि आपके लिए लंच का इंतजाम किया गया है। यानि सवाल पूछने के बजाए लंच खाएं और अपने घर जाएं। यानि मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस एक तरफा रही।
राज्यसभा के कथन पर कार्यवाही:
मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 21 जुलाई को राज्यसभा में दयाशंकर सिंह के मामले में उन्होंने जो कहा उसके आधार पर यूपी में सपा सरकार ने उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली है, जबकि देश का कानून सांसदों को संसद में अपनी बात कहने का अधिकार देता है। संसद में कही बात पर एफआईआर दर्ज नहीं को सकती, लेकिन भाजपा से मिली भगत होने के कारण सपा सरकार ने एफआईआर दर्ज की है। 
राज्यपाल ने मांगी सीडी:
वहीं दूसरी ओर 24 जुलाई को ही दश शंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने यूपी के राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में मांग की गई कि उसने मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज कराई उस पर लखनऊ पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। राज्यपाल ने स्वाति सिंह की मांग पर यूपी सरकार से उस घटना क्रम की सीडी मांगी है, जिसमें नसीमुद्दीन ने दया शंकर सिंह की पत्नी और 12 वर्षीय मासूम बेटी को पेश करने की बात कही। स्वाति सिंह ने मायावती को जवाब देते हुए कहा कि बसपा ने उसके सम्मान को जो क्षति पहुंची है, उस पर भी पुलिस को कार्यवाही करनी चाहिए। 

(एस.पी. मित्तल)  (24-07-2016)
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