Monday 4 September 2017

#2985
आसमां पर तेरी हस्ती है, ज़मीं पर मेरी बस्ती है। 
थोड़ा तू झुक जा, थोड़ा मैं उठता हंू।
मिलने की सूरत यही निकलती है। 
ऐसे हुई अजमेर जेल में बंद कैदियों की हौंसला अफजाई।
3 सितम्बर को अजमेर स्थित सेंट्रल जेल में गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी की ओर से सर्वधर्म ईद मिलन समारोह मनाया गया। इस समारोह में अतिथि के तौर पर मेरी भी उपस्थिति रही। चूंकि मेरे सामने सैकड़ों कैदी बैठे हुए थे, इसलिए कैदियों की हौंसला अफजाई करने के सिवाए और कोई रास्ता नहीं था। चूंकि यह समारोह अलग हटकर था जिसमें श्रोता कैदी के तौर पर बैठे हुए थे। जो लोग जेल में होते हैं उनकी पीड़ा को वे ही या फिर उनके परिजन समझ सकते हैं। यह माना की अपराध करने वाला ही जेल में आता है, लेकिन कई बार निर्दोष लोग भी जेल में आ जाते हैं। हमारे यहां जो न्यायिक व्यवस्था है उसमें जेल से बाहर आने में लम्बा समय लग जाता है। इसीलिए मैंने अपने संबोधन में देश के मशहूर शायर स्व. आर.के.मजबूर की एक शायरी की चार लाइन कैदियों को सुनाई। 
आसमां पर तेरी हस्ती है, ज़मीं पर मेरी बस्ती है। 
थोड़ा तू झुक जा, थोड़ा मैं उठता हंू।
मिलने की सूरत यही निकलती है। 
मेरा यह कहना रहा कि जेल में रहते हुए ईश्वर की इतनी इबादत करनी चाहिए ताकि उस परमपिता की सत्ता को भी झुकाया जा सके। जब इंसान ईश्वर से बराबर की बात करने की स्थिति में आ जाता है तो फिर उसके जीवन में कोई कष्ट नहीं रहता। जेल का समय भी आसानी से गुजर जाता है। समरोह में इदारा दावतुल हक संस्था के प्रमुख मौलाना अयूब कासमी ने कहा कि गुनाहों से तोबा करने वाला ही सच्चा व्यक्ति है। जो व्यक्ति अपने माता-पिता का सम्मान करता है वह गुनाहों से दूर रहता है। ख्वाजा साहब की दरगाह के नाजिम आई.बी.पीरजादा ने कहा कि कोई भी धर्म गुनाह करने की शिक्षा नहीं देता है। सभी धर्मों में भाईचारे का संदेश दिया गया है। दैनिक भास्कर के चीफ रिपोर्टर सुरेश कासलीवाल ने जैन समुदाय के प्रयूर्षण पर्व का हवाला देते हुए कहा कि इन दिनों जैन समुदाय भी प्रायश्चित करता है। इसलिए जेल में रह रहे कैदी भाईयों को भी प्रायश्चित करना चाहिए। देशवाली समाज के प्रदेश अध्यक्ष सजावर खां ने कहा कि समाज में जो बुराईयां उत्पन्न हो रही है, उनकी वजह से अपराधी भी बन रहे हैं। हम सब को मिलकर एक ऐसा समाज बनाना चाहिए जिससे कोई बुराई न हो। गुरुद्वारा प्रबंध समिति के जोगेन्द्र सिंह दुआ, फादर हीरा लाल मैसी, अब्दुल नईम, पत्रकार नवाब हिदायत उल्ला, काजी मुनव्वर अली, रईस सुलेमानी, हुमायू खान, मौलाना इकराम, सलाम खान आदि ने भी विचार प्रकट किए। अंत में जेलर श्योजी राम मीणा ने आभार जताया।
लड्डुओं का वितरणः
ईद के अवसर पर जेल में रह रहे कोई 1500 कैदियों को गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी की ओर से लड्डुओं का वितरण किया गया। सोसायटी के अध्यक्ष शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती ने बताया कि प्रतिवर्ष जेल में ऐसा समारोह आयोजित किया जाता है। सोसायटी का मकसद कैदियों के दर्द को बांटना होता है।
एस.पी.मित्तल) (04-09-17)
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