Tuesday 19 September 2017

#3042
नोबल शांति पुरस्कार विजेता सू ची ने भी माना की रोहिंग्या मुसलमानों में आतंकी भी हैं। अंतर्राष्ट्रीय दबाव में नहीं आएगा म्मांयार।
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19 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र संघ की सभा में म्मांयार की स्टेट काउंसलर और नोबल शांति पुरस्कार आंग सांग सू ची की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि म्मांयार अंतर्राष्ट्रीय दबाव में नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश के आराकान इलाके में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के बीच आतंकी भी हैं जो हमारे देश का माहौल बिगड़ रहे हैं। सरकार की ओर से हाल ही में ऐसे तत्वों के विरुद्ध जो कार्यवाही की गई है वह उचित है। उन्होंने माना कि मानवाधिकार का उल्लंघन ठीक नहीं है, लेकिन रोहिंग्या मुसलमानों का एक वर्ग पुलिस बलों पर हमले और देश विरोधी काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जो शरणार्थी लौटना चाहते हैं वे जांच के बाद म्मांयार आ सकते हैं। सू ची के ताजा बयान से भारत के रुख को भी मदद मिली है। एक दिन पहले ही केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर रोहिंग्या मुसलमानों की उपस्थिति को गैर कानूनी करार दिया था। केन्द्र सरकार का कहना रहा कि रोहिंग्या मुसलमानों के एक वर्ग के संबंध पाकिस्तान के आतंकवादी गुटों से है, इसलिए इन्हें भारत में शरण नहीं दी जा सकती है। अब जब नोबल शांति पुरस्कार विजेता सू ची ने भी रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सख्त टिप्पणी की है तब भारत के रुख को समर्थन मिला है। मालूम हो कि म्मांयार में लोकतंत्र की बहाली के लिए सू ची ने लम्बा संघर्ष किया। उन्हें कई वर्षों तक जेल में भी रहना पड़ा। लोकतंत्र के लिए किए गए संघर्ष पर ही उन्हें शांति का नोबल पुरस्कार मिला। ऐसे में रोहिंग्या मुसलमानों पर सू ची का दिया गया बयान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में महत्व रखता है। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को लेकर पूरी दुनिया में आवाज उठ रही है।
एस.पी.मित्तल) (19-09-17)
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