हालांकि दिल्ली के जेएनयू में चल रही गतिविधियों से भाजपा का कोई मेल नहीं है, लेकिन लंबे समय तक भाजपा संगठन से जुड़े और मौजूदा समय में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने जेएनयू की प्रोफेसर इला पटनायक के साथ मिलकर द राइज ऑफ द बीजेपी पुस्तक लिखी है। इला पटनायक का कहना है कि पुस्तक में उन्होंने भाजपा की आर्थिक नीतियों को विस्तार से समझाया है। राजनीतिक दृष्टि से कुछ लोग भाजपा के बारे में क्या सोचते हैं, इससे मुझे कोई सरोकार नहीं है, लेकिन इंदिरा आवास योजना में घर देना हो या रसोई गैस कनेक्शन। केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के दिया गया है। भाजपा की आर्थिक नीतियों से देश को मजबूती मिली है। पुस्तक में इला पटनायक की भूमिका के संदर्भ में भूपेंद्र यादव ने कहा कि जेएनयू में राष्ट्रीयता के विचारों का भी प्रभाव है। मैंने और इला ने करीब 400 घंटे विचार विमर्श कर इस पुस्तक को लिखा है। भले ही यह पुस्तक की सामग्री चटपटी न हो, लेकिन विचारों के लिए हेल्दी जरूर है। इस पुस्तक में हमने भाजपा की स्थापना से लेकर अब तक के अधिवेशनों में पारित प्रस्तावों का उल्लेख किया है। इसमें 2013 में गोवा में हुए उस अधिवेशन का भी उल्लेख है जिसमें नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था। यह कहना गलत है कि उस अधिवेशन में तब नरेंद्र मोदी के नाम पर लालकृष्ण आडवाणी ने विरोध किया था। मैं उस अधिवेशन में मौजूद था और सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगी थी। इस अधिवेशन के बाद मोदी ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पहली सार्वजनिक सभा हरियाणा के रेवाड़ी में संबोधित की थी। भूपेंद्र यादव ने कहा कि 2017 में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया, तब भी कोई विरोध नहीं हुआ। उस समय उत्तर प्रदेश के जो हालात थे, उनमें एक ऐसा नेतृत्व चाहिए था, जो सबको साथ लेकर चल सके। योगी आदित्यनाथ नाथ परंपरा से आते परंपरा से आते हैं और हिन्दू समाज से जुड़ी नाथ परंपरा में जाति धर्म का कोई भेदभाव नहीं है। यादव ने कहा कि भगवा वस्त्र पहनने से कोई साम्प्रदायिक नहीं हो जाता। उत्तर प्रदेश और देश की जनता ने देखा है कि कोरोना काल में योगी आदित्यनाथ ने कितनी मानव सेवा की है। वे गौरखपुर स्थित अपने आश्रम में भी नहीं जा पाए। यादव ने कहा कि मुझे योगी का कोई भी बयान गलत नहीं लगता है। योगी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक में हुआ था। यादव ने अपनी पुस्तक में बताया है कि भाजपा का वोट शेयर 5 प्रतिशत से 50 प्रतिशत कैसे पहुंचा तथा 3 से 303 सांसदों की संख्या कैसे हुई। यादव ने कहा कि भाजपा में नेतृत्व बदलता रहता है। नितिन गडकरी से लेकर जेपी नड्डा तक के दौरे में देखा गया कि नए नए चेहरों ने भाजपा में योगदान दिया। नरेंद्र मोदी की उम्र अभी 71 वर्ष है। क्या भाजपा में मोदी का विकल्प तलाशा जा रहा है, इस सवाल पर यादव का कहना है कि भाजपा में सामूहिक निर्णय होते हैं और मौजूदा समय में नरेंद्र मोदी ही देश का नेतृत्व कर रहे हैं। भाजपा परिवारवाद वाली पार्टी नहीं है। पुस्तक में कांग्रेस पार्टी का भी उल्लेख किया है। कांग्रेस पार्टी कभी अयोध्या में राम मंदिर बनवाने के पक्ष में नहीं रही। कांग्रेस ने किस प्रकार चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर और आईके गुजरात की सरकार गिराई, यह पूरे देश ने देखा है। मैंने अपनी पुस्तक में चंद्रशेखर के साथी रहे और मौजूदा समय राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की पुस्तक का भी उल्लेख किया हैै। इस पुस्तक में कांग्रेस की लोकतंत्र विरोधी नीतियों का उल्लेख किया गया है। यादव ने कहा कि कि भाजपा की नीति किसी राजनीतिक दल को समाप्त अथवा कमजोर करने की नहीं है। भाजपा की सरकार गुड गवर्नेंस प्रस्तुत कर काम करती है, जिसकी वजह से अन्य दल अपने आम कमजोर हो जाते हैं। भाजपा सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की नीति में भरोसा रखती है। यादव ने कहा कि यह कहना गलत है कि भाजपा संगठन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दखल होता है। उन्होंने कहा कि संघ एक राष्ट्रवादी और सांस्कृतिक संगठन है। संघ के कार्यकर्ता समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। सभी स्वयं सेवक सेवा की भावना से काम करते हैं। भाजपा में भी स्वयं सेवक होते हैं। लेकिन संघ परिवार से जुड़ा भाजपा संगठन अपने राजनीतिक नजरिए से काम करता है। भाजपा भी संघ परिवार का सदस्य है। आजादी के साथ कांग्रेस ने गलत तरीके से संघ पर प्रतिबंध लगाया। बाद में इस प्रतिबंध को हटाना भी पड़ा। यादव ने बताया कि सीए के कानून के समय संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नेहरू लियाकत अली का भी उल्लेख किया। भाजपा की असल नीति राष्ट्रवाद की है। पुस्तक में उदारीकरण की नीति के संदर्भ में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के नाम का तो उल्लेख है, लेकिन 10 वर्ष तक यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह की नीतियों का कोई जिक्र नहीं है। भूपेंद्र यादव और इला पटनायक द्वारा लिखित पुस्तक द राइज ऑफ द बीजेपी को लेकर 11 जनवरी को 9 बजे अंग्रेजी के टाइम्स नाउ न्यूज चैनल पर एक इंटरव्यू भी प्रसारित हुआ है। इसमें वरिष्ठ पत्रकार नाविका कुमार के सवालों का जवाब यादव और पटनायक ने दिया है। इस इंटरव्यू को यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (12-01-2022)
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