Saturday 8 January 2022

ब्लॉग की चोरी करने वाले ईश्वर और समाज से डरे।क्या नाम लिख देने से पाठक ब्लॉग को चोर का लिखा हुआ मान लेंगे?

7 जनवरी को मैंने पंजाब में प्रधानमंत्री के काफिले के रुकने के मामले को लेकर ब्लॉग संख्या 8587 लिखा था, चूंकि यह ब्लॉग पंजाब के मौजूदा हालातों और कांग्रेस की राजनीति से जुड़ा हुआ था, इसलिए देशभर पसंद किया गया। लेकिन मध्यप्रदेश के उज्जैन के एक पत्रकार भूपेंद्र भूतड़ा ने ब्लॉग से मेरा नाम हटाकर स्वयं का नाम अंकित कर ब्लॉग को पुन: सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। चूंकि उज्जैन के कई वाट्सएप ग्रुप में मैं भी जुड़ा हुआ हंू, इसलिए मेरे चाहने वाले भूतड़ा के नाम वाला ब्लॉग मुझे भेजा ब्लॉग का स्क्रीन शॉट मेरे फेसबुक पेज   www.facebook.com/SPMittalblog  पर देखा जा सकता है। सवाल उठता है कि पत्रकार साथी भूपेंद्र भूतड़ा का यह कृत्य क्या पत्रकारिता के लिए उचित है? मैं भूतड़ा के इस कृत्य का फैसला उज्जैन के बाबा महाकाल पर छोड़ता हंू। हालांकि अपने कृत्य पर  भूतड़ा ने खेद प्रकट कर दिया है और अपनी सफाई में कहा है कि उनके संस्थान नवभारत के स्टाफ की गलती से ऐसा हुआ है। चूंकि भूतड़ा ने खेद प्रकट कर दिया है इसलिए मेरी ओर से यह मामला समाप्त हो गया है। लेकिन यह सही है कि मेरे ब्लॉग के चोरी होने के समाचार आए दिन मुझे प्राप्त होते हैं। देश के अनेक दैनिक समाचार पत्र के संपादक और न्यूज पोर्टल चलाने वाले पत्रकार साथी कई बार मुझ से सहमति लेकर ब्लॉग का उपयोग करते हैं। यह उन सभी संपादकों का आभारी हंू जो मेरे नाम के साथ ब्लॉग का प्रकाशन करते हैं। लेकिन मेरे यह समझ में नहीं आ रहा कि ब्लॉग चोरी करने वालों का क्या किया जाए। मेरे ब्लॉग की सामग्री का उपयोग हो इस पर मुझे कोई एतराज नहीं है। लेकिन पूरे ब्लॉग को चुराना बहुत ही गैर जिम्मेदाराना काम है। सवाल उठता है कि क्या चुराए गए ब्लॉग पर अपना नाम अंकित कर देने से पाठक चोर का लिखा हुआ मान लेंगे? चोर इस बात से खुश हो सकता है कि उसके नाम का प्रचार प्रसार हो रहा है। लेकिन जागरुक पाठक सब समझता है कि ब्लॉग चुराया गया है। चुराए गए ब्लॉग पर अपना नाम अंकित करने में कुछ तो शर्म महसूस करनी चाहिए। सोशल मीडिया खबरों का समुद्र है, इस समुद्र में बड़े बड़े मगरमच्छ तैर रहे हैं। ऐसे मगरमच्छों की वजह से ही सोशल मीडिया की छवि खराब होती है। मैंने पहले भी लिखा है कि रोजाना ज्वलंत मुद्दों पर तीन-चार ब्लॉग लिखना बहुत कठिन काम है। लेकिन यह कठिन काम मैं पिछले पांच वर्ष से नियमित कर रहा हंू और अब मेरे ब्लॉगों की संख्या साढ़े हजार के पार है। यह पाठकों का स्नेह ही है कि मैं रोजाना ब्लॉग लिख रहा हंू। 

S.P.MITTAL BLOGGER (08-01-2022)
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