26 अगस्त को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। यानी अब कांग्रेस से कोई संबंध नहीं रहा है। आजाद ने कांग्रेस तब छोड़ी है, जब कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले गांधी परिवार का कोई भी सदस्य देश में नहीं है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी 24 अगस्त को ही विदेश दौरे पर रवाना हुए है। पिछले दिनों आजाद ने जम्मू कश्मीर की प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। आजाद को उम्मीद थी कि प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर गांधी परिवार कोई गंभीरता दिखाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यही वजह रही कि आजाद ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पृष्ठ का पत्र लिखकर अपने गुस्से का इजहार किया। आजाद ने लिखा कि भले ही सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष हो, लेकिन सारे फैसले राहुल गांधी लेते हैं। आजाद ने राहुल गांधी को बचकाना हरकतें करने वाला नेता बताया। पत्र में लिखा गया कि कांगेस ने अब इच्छा शक्ति और अपनी क्षमता को खो दिया है। पार्टी के अनुभवहीन और चापलुसों की दखलदांजी है, ऐसे में मेरे जैसा स्वाभिमानी व्यक्ति कांगेस में नहीं रह सकता है। मैं अब स्वयं को अपमानित समझ रहा हंू। इसलिए कांगेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हंू। आजाद के इस्तीफे से कांगे्रस को बड़ा झटका लगा है। आजाद कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल रहे जो गांधी परिवार के वफादार रहे। आजाद इंदिरा गांधी से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह के मंत्रीमंडल में भी शामिल रहे। गांधी परिवार के प्रति वफादारी के कारण ही आजाद को राज्य सभा में कांग्रेस संसदीय दल का नेता भी बनाया गया, लेकिन पिछले एक वर्ष से गांधी परिवार और आजाद के संबंधों में खटास आ गई। यही वजह रही कि आजाद को राज्यसभा में नहीं भेजा गया। आजाद के इस्तीफे से कांग्रेस को जम्मू कश्मीर में भी झटका लगा है। जम्मू कश्मीर में इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित है। आजाद ने अपने पत्र में राहुल गांधी को लेकर जो टिप्पणियां की है उससे कांग्रेस नेतृत्व पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। जानकारों की माने तो कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम जिस तरह सामने आया उससे भी आजाद खुश नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस में चापलूसों की दखलंदाजी की बात आजाद ने कही वह गहलोत की ओर ही इशारा है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में पूर्व में जो 23 असंतुष्ट नेताओं का समूह बना था, उसमें भी आजाद शामिल रहे।
आजाद का इस्तीफा दुख:
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को दुख बताया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विपक्षी की आवाज बनकर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन आजाद विपक्षी की भूमिका में नहीं रहना चाहते, इसलिए उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। कांग्रेस पहले की तरह विपक्ष की भूमिका निभाती रहेगी।
आजाद का इस्तीफा दुख:
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को दुख बताया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विपक्षी की आवाज बनकर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन आजाद विपक्षी की भूमिका में नहीं रहना चाहते, इसलिए उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। कांग्रेस पहले की तरह विपक्ष की भूमिका निभाती रहेगी।
S.P.MITTAL BLOGGER (26-08-2022)
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