राजस्थान में पुलिस महकमे का कितना बुरा हाल है, इसका अंदाजा अजमेर के क्रिश्चियन गंज थानाधिकारी करण सिंह खंगारोत की पिटाई और जानलेवा हमला के प्रकरण से लगाई जा सकती है। अजमेर पुलिस का दावा है कि सीआई पर जानलेवा हमले के आरोपी प्रवीण सिंह नाथावत को गिरफ्तार करने के लिए प्रदेश भर में दबिश दी जा रही है। पुलिस ने अब तक उस कार को जब्त कर लिया है, जिसमें प्रवीण नाथावत अपनी महिला मित्र के साथ शराब पी रहा था और फिर नशे में धुत्त होकर कार को सीआई पर चढ़ाने का प्रयास किया। पुलिस को उम्मीद है कि आरोपी युवक भी जल्द गिरफ्तार होगा। आरोपी की गिरफ्तारी कब और कैसे होगी, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा, लेकिन आरोपी प्रवीण के पिता भंवर सिंह नाथावत जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक के तौर पर कानून व्यवस्था को संभालने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आमतौर पर जब अपराधी फरार हो जाता है, तब पुलिस सबसे पहले उसके पिता से ही पूछताछ करती है। अपराधी आसानी से नहीं आता है तो उसके पिता को ही सबसे पहले थाने में लाया जाता है। सवाल उठता है कि क्या सीआई की पिटाई के मामले में आरोपी प्रवीण के पिता भंवर सिंह नाथावत से कोई पूछताछ की गई? क्या पिता के संरक्षण के बिना प्रवीण नाथावत गायब हो सकता है? जहां तक अजमेर पुलिस की काबिलियत का सवाल है तो उस पर शक किया जाना ठीक नहीं होगा, क्योंकि यह मामला एक सीआई की अपने ही थाना क्षेत्र में पिटाई से जुड़ा है। आखिर पूरी अजमेर पुलिस की इज्जत दांव पर लगी हुई है। पिटने वाले सीआई ने अपना मेडिकल मुआयना भी करवाया है। सीआई की पिटाई और जानलेवा हमले की घटना 26 जनवरी की है। यानी 10 फरवरी तक 15 दिन गुजर गए हैं और आरोपी युवक पुलिस की पकड़ से बाहर है। भंवर ङ्क्षसह नाथावत पुलिस अधीक्षक के तौर पर जैसलमेर में तो बड़े बड़े अपराधियों को तो पकड़ रहे हैं, लेकिन अपने ही पुत्र को पकड़वाने में अजमेर पुलिस की कोई मदद नहीं कर रहे हैं। एक पिता खुद तो एसपी के पद पर रह कर बदमाशों को पकड़ रहा है और उन्हीं एसपी के पुत्र को अजमेर पुलिस तलाश रही हो ऐसा अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री रहते ही हो सकता है। ऐसा हीं कि सीएम गहलोत प्रवीण नाथावत की गिरफ्तार के पक्ष में नहीं है। सीएम गहलोत ने तो प्रदेश स्तरीय सरकारी बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन प्रतीत होता है कि पुलिस के बड़े अधिकारियों को सीएम की भावनाओं की भी चिंता नहीं है। असल में सत्ता में बैठे लोग ही पुलिस की इज्जत से खिलवाड़ कर रहे हैं। सीआई पर जानलेवा हमले की घटना 26 जनवरी की है और 30 जनवरी को आरोपी युवक प्रवीण नाथावत का विवाह समारोह पुष्कर में धूमधाम से हुआ। सवाल उठता है कि अजमेर पुलिस ने तब आरोपी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया? जानकारों की मानें तो अजमेर पुलिस की हिम्मत विवाह समारोह में घुसने की नहीं थी, क्योंकि समारोह में आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ मौजूद थे। अशोक गहलोत की सरकार को बनाए रखने में राठौड़ की महत्वपूर्ण भूमिका है। जब राठौड़ की सिफारिश से आईपीएस नियुक्त हो रहे हैं, तब एक सीआई पर जानलेवा हमला क्या मायने रखता है। सूत्रों की मानें तो सीआई खंगारोत प्रदेश के दबंग मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के रिश्तेदार हैं, लेकिन धर्मेन्द्र राठौड़ के रुतबे के आगे खाचरियावास की भी नहीं चल रही है। यदि आरोपी पुत्र को धर्मेन्द्र राठौड़ जैसे प्रभावशाली नेताओं का संरक्षण नहीं होता तो पिता भी जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक के पद पर नहीं रह सकते थे। यदि जैसलमेर के एसपी की कुर्सी को हिलाया जाए तो इसी वक्त आरोपी प्रवीण नाथावत अजमेर पुलिस के पास आ जाए। देखना होगा कि सत्ता में बैठे लोग पुलिस की इज्जत के साथ कब तक खिलवाड़ करते हैं। सत्ता में बैठे लोगों को कम से पीड़ित सीआई के दर्द को तो समझना चाहिए।
S.P.MITTAL BLOGGER (10-02-2023)
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