राष्ट्रव्यापी आह्वान के अंतर्गत छह फरवरी को उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों में हुई वित्तीय अनियमितताओं के विरोध में कांग्रेस ने अजमेर में भी धरना प्रदर्शन किया। लेकिन अजमेर में डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने इस प्रदर्शन में अपना राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन भी किया। चूंकि अजमेर में भी कांग्रेस की देहात और शहर जिला कमेटी भंग पड़ी है, इसलिए चौधरी ने देहात कांग्रेस की कमान संभाल रखी है। चौधरी का प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से सीधा संवाद है। डोटासरा के दिशा निर्देश पर ही चौधरी ने 6 फरवरी को अपने समर्थकों के साथ अजमेर में एसबीआई की मुख्य ब्रांच के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। देहात कांग्रेस का यह प्रदर्शन पूरी तरह डेयरी अध्यक्ष चौधरी के नियंत्रण में रहा। 6 फरवरी को जिस तरह चौधरी ने अपने बूते एसबीआई के बाहर प्रदर्शन किया, उससे देहात अध्यक्ष के पद पर उनकी दावेदारी और मजबूत हो गई है। चौधरी पूर्व में भी देहात कांग्रेस के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे हैं। इस बार भी समर्थक चाहते हैं कि चौधरी ही जिलाध्यक्ष बने। चौधरी पिछले 25 वर्षों से अजमेर डेयरी के अध्यक्ष बने हुए हैं। 6 फरवरी के धरने में आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ और केकड़ी के विधायक रघु शर्मा भी शामिल हुए। इनमें देहात के कई नेता भी शामिल रहे।
शहर कांग्रेस का भी प्रदर्शन:
भंग शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन की ओर से भी एलआईसी दफ्तर के बाहर कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। जैन अपने समर्थकों के साथ ही कांग्रेस की गतिविधियां चला रहे हैं। जैन को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है, इसलिए सत्ता में होने के बाद भी सरकार के कार्यक्रमों में विजय जैन और उनके समर्थकों की भागीदारी नहीं देखी जाती है। इस बात को लेकर जैन ने कई बार अपनी नाराजगी भी प्रकट की है। नाराज होने के बाद भी विजय जैन कांग्रेस के धरना प्रदर्शनों में सक्रिय रहते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि अडानी के मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाए जाने की मांग कांग्रेस की ओर से की जा रही है।
शहर कांग्रेस का भी प्रदर्शन:
भंग शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन की ओर से भी एलआईसी दफ्तर के बाहर कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। जैन अपने समर्थकों के साथ ही कांग्रेस की गतिविधियां चला रहे हैं। जैन को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है, इसलिए सत्ता में होने के बाद भी सरकार के कार्यक्रमों में विजय जैन और उनके समर्थकों की भागीदारी नहीं देखी जाती है। इस बात को लेकर जैन ने कई बार अपनी नाराजगी भी प्रकट की है। नाराज होने के बाद भी विजय जैन कांग्रेस के धरना प्रदर्शनों में सक्रिय रहते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि अडानी के मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाए जाने की मांग कांग्रेस की ओर से की जा रही है।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-02-2023)
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