Sunday 24 September 2023

दिल्ली और पंजाब के मतदाताओं को आम आदमी पार्टी का यह चेहरा भी देखना चाहिए।राघव चड्ढा की शाही शादी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बाराती बने।राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल की कोई तैयारी नहीं।

दिल्ली और पंजाब के मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी को सत्ता में बैठाया है। वोट देते वक्त मतदाताओं के जहन में पार्टी के उम्मीदवारों की छवि एक आम आदमी की रही होगी। अब पार्टी के नेताओं की आम आदमी वाली छवि राजस्थान के उदयपुर में भी देखनी चाहिए। झीलों की नगरी उदयपुर के लेक पैलेस और होटल लीला में पार्टी में सांसद और पंजाब के प्रभारी राघव चड्ढा की शाही शादी हो रही है। 23 और 24 सितंबर की रस्मों को देखने से जाहिर है कि यह शादी किसी आम आदमी की नहीं बल्कि राजा महाराजाओं की हो रही है। उदयपुर की संपूर्ण पिछोला झील पर राघव चड्ढा का कब्जा है। इन दो दिनों में झील में आम आदमी की नावें नहीं चलेगी। सभी नावों पर शादी में आए मेहमान तफरीह करेंगे। ऐसी ही एक आलीशान नाव में पार्टी के तेज तर्रार सांसद संजय सिंह को भी लुत्फ उठाते देखा गया है। यह सही है कि राघव चड्ढा जिन परिणीति चोपड़ा से शादी कर रहे हैं, वह फिल्म अभिनेत्री हैं और बहुत पैसे वाली है। परिणीति की वजह से उदयपुर में राजनीति और बॉलीवुड का कोकटेल हो गया है। इस कॉकटेल का आनंद लेने के लिए गांधीवादी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सूफी मुख्यमंत्री भगवंत मान भी उदयपुर पहुंच गए हैं। पूरे मुंबईया फिल्म जगत की निगाहे राघव परिणीति की शादी पर लगी हुई है। इस शाही शादी पर दिल्ली और पंजाब का आम आदमी सोचता है, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा। लेकिन अब पार्टी के नेताओं को अपने चेहरे  से आम आदमी का नकाब उतार लेना चाहिए। जिन लोगों ने आम आदमी बन कर सत्ता हथियाई वही लोग सत्ता के मद में ऐसे भव्य आयोजन कर रहे हैं। सवाल उठता है कि यदि राघव चड्ढा सांसद और पंजाब के सुपर चीफ मिनिस्टर नहीं होते तो क्या फिल्म स्टार परिणीति चोपड़ा राघव से शादी करती? सत्ता की वजह से ही राघव चड्ढा फिल्म स्टार से शादी करने लायक बने हैँ। अब देखना होगा कि शादी की इतनी सफलता के बाद दिल्ली और पंजाब के आम आदमी को क्या हासिल होता है।
 
चुनाव की कोई तैयारी नहीं:
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पूर्व में घोषणा की थी कि राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे। राजस्थान में नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। लेकिन पार्टी की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष का गठबंधन बनने के बाद केजरीवाल राजस्थान में कांग्रेस को कोई चुनौती नहीं देना चाहते हैं। यही वजह है कि तैयारियों को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई जा रही है। सूत्रों का मानना है कि केजरीवाल कांग्रेस के साथ कुछ सीटों पर गठबंधन भी कर सकते हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (24-09-2023)

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