Friday 28 June 2024

जो विपक्ष संविधान की पॉकेट बुक लहराता है, वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा क्यों नहीं करता?जब भाषण रिकॉर्ड ही नहीं होगा, तब राहुल गांधी के माइक का बंद होना क्या मायने रखता है?हमने मोदी को हरा दिया,विपक्ष को इस मानसिकता से बाहर निकलना चाहिए।

विपक्षी दल के नेता संसद परिसर में संविधान की पॉकेट बुक हाथ में लेकर धरना प्रदर्शन करते हैं। विपक्ष का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान को खत्म करना चाहते हैं, जबकि हम संविधान को बचाना। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर रखे गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा नहीं करना चाहता। भारतीय संविधा का मूल तत्व है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद दोनों सदनों में चर्चा हो, लेकिन धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा नहीं कर विपक्ष खुद संविधान को खत्म कर रहा है। जहां तक पेपर लीक पर चर्चा कराने की मांग का सवाल है तो राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में भी पेपर लीक की घटनाओं का उल्लेख किया है। ऐसे में हर विपक्षी सांसद को पेपर लीक पर अपने विचार रखने का अधिकार है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बार बार कहा कि धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान भी विपक्षी नेता पेपर लीक पर अपनी बात रख सकते हैं। इसी प्रकार राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने भी कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के लिए ज्यादा समय होता है, इसलिए विपक्ष ज्यादा प्रभावी तरीके से पेपर लीक पर अपनी बात रख सकता है। यानी संसद के दोनों सदनों में पेपर लीक पर चर्चा करवाने के लिए मोदी सरकार तैयार है, लेकिन इसके बाद भी विपक्ष पेपर लीक की चर्चा संसद में नहीं करना चाहता। विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के बजाए नियम 267 के अंतर्गत पेपर लीक पर चर्चा करवाने के लिए अड़ा हुआ है। यही वजह है कि संसद को लगातार बाधित किया जा रहा है। विपक्ष यही अडिय़ल रवैया पूरे बजट सत्र में अपनाए रखेगा। सवाल उठता है कि आखिर नियम 267 के अंतर्गत ही विपक्ष पेपर लीक पर चर्चा क्यों करवाना चाहता है? जानकार सूत्रों के अनुसार इस नियम के तहत चर्चा होने के बाद मत विभाजन की प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है। विपक्ष को लगता है कि किसी मुद्दे पर मत विभाजन होता है तो संसद में मोदी सरकार हार जाएगी। यह बात अलग है कि 26 जून को ही मोदी सरकार ने ओम बिड़ला को दोबारा से लोकसभा का अध्यक्ष बनाने में सफलता हासिल कर ली है। सब जानते हैं कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद इंडिया गठबंधन के नेताओं खासकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि हमने नरेंद्र मोदी और भाजपा को हरा दिया। यह बात भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के संदर्भ में कही गई। जबकि परिणाम के बाद सहयोगी दलों की मदद से नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने है, लेकिन हमने मोदी को हरा दिया है, विपक्ष अभी तक इस मानसिकता से बाहर नहीं निकला है। लोकसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनने के बाद राहुल गांधी स्वयं को प्रधानमंत्री से भी बड़ा समझने लगे हैं। यह सही है कि राहुल गांधी अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार संविधान प्रदत्त अधिकार वाले पद पर आए हैं। प्रतिपक्ष के नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। लेकिन राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए 543 सांसदों में से 272 सांसदों का समर्थन चाहिए। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री इसलिए बने हैं कि उनके पास 293 सांसदों का समर्थन है। मोदी के नेतृत्व वाले दलों के 53 सांसद हैं। जबकि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के पास मात्र 99 सांसद हैं और संपूर्ण विपक्ष के सांसदों की संख्या 234 है। जो अकेले भाजपा के 240 से भी कम है। यह सही है कि इस बार लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मजबूती मिली है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि विपक्ष संविधान की धज्जियां उड़ाए।
 
राहुल गांधी का माइक बंद:
28 जून को लोकसभा में हंगामे के दौरान राहुल गांधी का माइक बंद होने का मामला भी छाया रहा। विपक्ष का आरोप है कि जब राहुल गांधी बोल रहे थे, तब उनका माइक बंद कर दिया गया। विपक्ष के इस दावे में कितनी सच्चाई है यह तो लोकसभा के माइक सिस्टम की जांच पड़ताल से ही पता चलेगा, लेकिन संसद की कार्यवाही बताती है कि जब राहुल गांधी को अपनी सीट पर बैठने के लिए निर्देश लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने दिए तब भी राहुल गांधी बोलते रहे। इस पर बिड़ला ने नियमों के तहत व्यवस्था दी कि राहुल गांधी का कथन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा। सवाल उठता है कि जब भाषण रिकार्ड ही नहीं होगा तो फिर राहुल गांधी का माइक बंद होना क्या मायने रखता है? हो सकता है कि संसद भवन में जो माइक व्यवस्था की गई है उसके अंतर्गत लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशों की पालना ऑटोमेटिक तरीके से होती है। यानी अध्यक्ष बिड़ला सब किसी सांसद के भाषण को रिकॉर्ड न करने के निर्देश दे तो ऑटोमेटिक तरीके से माइक बंद हो जाए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (29-06-2024)
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