Wednesday 26 May 2021

राजस्थान के 108 प्रबुद्धजनों ने बंगाल हिंसा पर राष्ट्रपति से की हस्तक्षेप की मांग।राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को दिया ज्ञापन।

25 मई को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम के पश्चात घटित व्यापक हिंसा के विरोध में राजस्थान के प्रबुद्धजनों ने राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन देने वालों में राजस्थान के वरिष्ठ सेवानिवृत्त प्रशासनिक, न्यायिक वरिष्ठ अधिवक्ता, सेना व पुलिस से निवृत्त अधिकारी, अनुसूचित जाति-जनजाति समाज व संस्थाओं के प्रतिनिधि, पद्मश्री सम्मानित, पदक विजेता खिलाड़ी व पत्रकार-स्तम्भ लेखक सहित सामाजिक जीवन के महत्वपूर्ण स्थानों से अनुभव प्राप्त हस्तियों ने बंगाल की हिंसक त्रासदी को स्वस्थ लोकतंत्र और सद्भाव के लिए गहरा आघात बताया। संवैधानिक व सामाजिक संकट मानते हुए स्वत: स्फूर्त होकर सामान्य जन के सुरक्षा को लेकर चिंतित होते हुए संवेदनशील मन के साथ राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जेपी सिंघल व पूर्व आईपीएस अधिकारी केएल बैरवा ने अपने साथियों के साथ बंगाल हिंसा के पीड़ित नागरिकों के साथ कष्ट की इस घड़ी में खड़े होने व उनको न्याय दिलाने के लिए राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति जी को राजस्थान के लगभग सभी जिलों से प्रतिनिधिक अग्रणी जनों के हस्ताक्षर प्राप्त कर ज्ञापन भेजा। ज्ञापन पर 18 प्रशासनिक, 20 न्यायिक व वरिष्ठ अधिवक्ता, 14 शिक्षाविद, 22 सामाजिक, 6 सेना व  पद्मश्री प्राप्त, 15 पदक विजेता खिलाड़ी और 13 वरिष्ठ पत्रकारों ने हस्ताक्षर किए है। ज्ञापन को मेल के माध्यम से भेजा गया है। ज्ञापन के माध्यम से पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर गंभीरता पूर्वक ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा के कारण न केवल लोकतंत्र के आधारभूत सिद्धांत स्वतंत्र चुनाव को गहरी चोट पहुंची है, वरन संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित गरिमामय जीवन के अधिकार का व्यापक स्तर पर हनन हुआ है। वहां नागरिकों के जीवन, संपत्ति व अधिकारों की रक्षा करने के पवित्र दायित्व से राज्य शासन विमुख हो रहा है। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति महोदय से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार निम्न विषय में शीघ्र कदम उठाने की मांग की है, जिसमें तत्काल हिंसा रोकी जाए, हिंसा के जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए, हिंसा पीड़ितों को पर्याप्त सुरक्षा देने के साथ ही उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए, स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन की असफलता को देखते हुए केंद्रीय बलों की पं बंगाल में नियुक्ति की जाए, पीड़ितों के सुरक्षित पुनर्वास एवं सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित किया जाए।
S.P.MITTAL BLOGGER (26-05-2021)
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