Wednesday 12 May 2021

रैपिड एंटीजन टेस्ट करना राजस्थान सरकार की मजबूरी है-रघु शर्मा।यूके का स्ट्रेन होने की पुष्टि। तीसरी लहर में बच्चे भी प्रभावित होंगे, इसलिए राजस्थान में सतर्कता बरतने की जरुरत।

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाना अब सरकार की मजबूरी है। जिस तरह गांव गांव में कोरोना फैल रहा है, उसमें आरटी पीसीआर टेस्ट करवाना संभव नहीं है। इस टेस्ट की रिपोर्ट आने में भी विलंब होता है, जबकि रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट मात्र 30 मिनट में आ जाएगर। उन्होंने माना कि रैपिड टेस्ट ज्यादा प्रमाणित नहीं है, लेकिन इससे संक्रमित व्यक्ति को जल्दी आइसोलेट किया जा सकेगा। रैपिड टेस्ट में जो व्यक्ति नेगेटिव आएगा उसका आरटी पीसीआर टेस्ट भी करवाया जाएगा। रघु शर्मा ने बताया कि इन दिनों प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हालात नियंत्रण से बाहर हैं। चूंकि संक्रमित व्यक्तियों का पता जल्दी लगाना है, इसलिए रेपिड टेस्ट करवाने का निर्णय गया है, लेकिन 13 मई को प्रदेश भर के बड़े चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।यहां यह  उल्लेखनीय है कि गत वर्ष राजस्थान सरकार ने ही सबसे पहले रैपिड टेस्ट का विरोध किया था। खुद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना रहा कि रैपिड टेस्ट प्रमाणित नहीं है। इसके बाद सरकार ने खरीदे गए रैपिड किट भी लौटा दिए। लेकिन अब जब कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है, तब सरकार को मजबूरी में रैपिड टेस्ट करवाने पड़ रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूसरी लहर में राजस्थान में संक्रमण की कितनी भयावह स्थिति है। इस टेस्ट को दोषपूर्ण बताकर सरकार नकार चुकी थी, उसी टेस्ट का सहारा अब लिया जा रहा है। रघु शर्मा ने बताया कि सरकार के पास प्रतिदिन 45 हजार आरटी पीसीआर टेस्ट करने की क्षमता है, लेकिन कोरोना की रफ्तार को देखते हुए यह क्षमता भी कम नजर आ रही है। रैपिड टेस्ट में जिन व्यक्तियों की रिपोर्ट नेगेटिव आएगी उनका आरटी पीसीआर टेस्ट करवाया जाएगा। सरकार कोरोना को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। उन्होंने कहा कि पुणे की लैब में जो सैंपल भेजे गए उनमें राजस्थान में यूके का स्ट्रेन होने की पुष्टि हुई है। यह स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। क्योंकि यूके का स्ट्रेन ज्यादा प्रभावी है। चूंकि कोरोना की तीसरी लहर आना तय है, इसलिए अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। इस संभावना को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में बच्चों के वार्ड अलग से तैयार किए जा रहे हैं। इन वार्डों में ऑक्सीजन आदि की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। पिछले दो दिनों में राजस्थान में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या कम हुई है, लेकिन मृत्यु का रिकॉर्ड रहा है, मृत्यु दर भी चिंताजनक है। लोगों को बचाने के लिए अब वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर भी आमंत्रित किए जा रहे हैं। सरकार पहले ही कोविशील्ड वैक्सीन के लिए 3 करोड़ डोज का ऑर्डर दे चुकी है। कोवैक्सीन का ऑर्डर भी दिया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि वैक्सीन कहीं से भी मिले, वहां से प्राप्त की जाए। इसलिए अब ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। रघु शर्मा ने दावा किया सरकारी अस्पतालों में किसी को भी भर्ती करने से इंकार नहीं किया जा रहा है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (12-05-2021)
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