Tuesday 3 May 2022

अस्थमा रोग के निदान में इनहेलर ज्यादा असर कारक।विश्व अस्थमा दिवस पर राजस्थान के प्रसिद्ध अस्थमा रोग विशेषज्ञ डॉ. पीयूष अरोड़ा से खास बात।

प्रति वर्ष मई माह के प्रथम मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। यह एक संयोग ही है कि भारत में इस बार विश्व अस्थमा दिवस पर ही अक्षय तृतीया, ईद और भगवान परशुराम जयंती के पर्व मनाए जा रहे हैं। राजस्थान के सुप्रसिद्ध अस्थमा रोग विशेष और अजमेर के जेएलएन अस्पताल के सहायक आचार्य डॉ. पीयूष अरोड़ा का मानना है कि किसी भी पर्व का उल्लास तभी है,जब मनुष्य स्वस्थ हो। डॉ. अरोड़ा ने कहा कि राजस्थान और देशभर के आंकड़े बताते हैं कि अस्थमा रोग तेजी के साथ बढ़ रहा है। यह रोग कैंसर से भी घातक है। लेकिन अस्थमा को लेकर अनेक प्रकार की भ्रांतियां हैं। इन भ्रांतियों का निदान होना भी जरूरी है। यह कहा जाता है कि अस्थमा रोगी कोई व्यायाम नहीं कर सकता। जबकि यह भ्रांति पूरी तरह गलत है। सतर्कता के साथ अस्थमा रोगी व्यायाम और खेल कूद में भाग ले सकते हैं। अस्थमा संक्रामक रोग नहीं है। संक्रमित व्यक्ति के साथ बैठने खाने खाने से यह रोग नहीं होता है। यदि माता पिता को अस्थमा रोग है तो ऐसे व्यक्ति को अस्थमा होने की आशंका ज्यादा होती है। लेकिन यह रोग अन्य कारणों से भी हो सकता है। यदि नियमित संतुलित आहार ग्रहण किया जाए तो अस्थमा का दूर हो सकता है। व्यायाम और प्राणायाम करने से फेफड़े मजबूत होते है, इससे अस्थमा कमजोर पड़ जाता है। यदि अस्थमा का इलाज समय पर नहीं लिया गया तो शरीर में प्राण वायु की कमी से किसी भी रोग की मृत्यु हो सकती है। कुछ लोग मानते हैं कि इनहेलर ज्यादा गोली खाने और पीने की दवा लेने से ज्यादा फायदा होता है। यह बात गलत है। देखा जाए तो इनहेलर ने अस्थमा के रोगियों की जिंदगी आसान बना दी है। इनहेलर को मुंह में लगाकर दवा को सांस द्वारा अंदर खींचने पर दवा सीधी और फेफड़े में तुरंत पहुंची है। इस कारण यह ज्यादा असरदार और फायदेमंद साबित होती है। आम तौर पर अस्थमा में दवा मुंह से लेने से फेफड़ों तक 60 प्रतिशत दवा ही पहुंच पाती है।    गोली और पीने की दवा पीने के मुकाबले में इनहेलर से ली गई दवा सस्ती पड़ती है, इससे असर भी जल्दी होता है। यह कहना कि इनहेलर को बार बार लेने से आदत पड़ जाती है। असल में बार बार इनहेलर की जरुरत पडऩा यह दर्शाता है कि मरीज ठीक से परहेज नहीं कर रहा है। इनहेलर की दवा से ही अस्थमा रोग का निदान हो जाता है। लंबे इलाज के बाद भी यदि इनहेलर की जरुरत पड़ रही है तो फिर मरीज को और इलाज की जरूरत है। डॉ. पीयूष अरोड़ा ने बताया कि डॉक्टर की सलाह पर गर्भवती महिलाएं भी इनहेलर का उपयोग कर सकती है। डॉ. पीयूष का मानना है कि सही इलाज और संयमित खान पान से अस्थमा (टीबी) रोग का निदान हो सकता है। इस रोग के निदान के लिए और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9887088122 पर डॉ. पीयूष अरोड़ा से ली जा सकती है। यहां यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि डॉ. अरोड़ा को सिफ वाट्सएप पर ही अपनी समस्याएं प्रेषित की जाए।   

S.P.MITTAL BLOGGER (03-05-2022)
Website- www.spmittal.in
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment